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Lohri 2021 kab hai-date-puja ka shubh muhurat-देशभर में लोहड़ी(Lohri) का त्यौहार प्रतिवर्ष बहुत ही धूमधाम से 13 जनवरी को मनाया जाता है।लेकिन काफी लोगों में दुविधा है इस वर्ष लोहड़ी जलाने का शुभ मुहूर्त क्या है और लोहड़ी असल में है (Lohri 2021 kab hai) कब।
दरअसल, धार्मिक मान्यताओं अनुसार हर साल लोहड़ी 13 जनवरी को ही मनाई जाती है और इस हिसाब से 2021 में भी लोहड़ी बुधवार 13 जनवरी को मनाई जाएगी।
लेकिन इस वर्ष लोहड़ी उत्तरायण और मकर संक्रांति के योग के मध्य 14 जनवरी 8 बजकर 29 मिनट पर भी मनेगी।
हमेशा मकर संक्रांति से एक दिन पहले ही लोहड़ी मनाई जाती है। दरअसल, सूर्य जिन दिन मकर राशि में प्रवेश करता है,उससे एक दिन पहले का पर्व लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है।
लोहड़ी का त्यौहार नई फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन किसान अपनी नई फसल भगवान को अर्पित करते है।
मुख्य रूप से लोहड़ी पंजाब,हरियाणा और दिल्ली में मनाई जाती है। लेकिन अब इसे पूरे उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने लगा है।
लोहड़ी के दिन लोग अलाव जलाकर उसके चारों ओर इकट्ठा होकर न केवल परिक्रमा करते है बल्कि नाचते,गाते और खाते-पीते है।
इस दिन अलाव जलाकर उसमें मूंगफली,गजक,रेवड़ी,फुल्ले,तिल या मक्के डालकर अग्निदेव की पूजा की जाती है
लोहड़ी की तिथि और शुभ मुहूर्त-Lohri 2021 kab hai-date-puja ka shubh muhurat
मूल रूप से लोहड़ी का पर्व बुधवार, 13 जनवरी को मनाया जाएगा।
लोहड़ी और संक्रांति योग: 14 जनवरी को 8.29 में पड़ रही है
लोहड़ी का शुभ मुहूर्त 14 जनवरी- शाम 5 बजकर 45 मिनट के बाद रहेगा। 14 जनवरी को 8.29 में पड़ रही है।
इस तरह वर्ष लोहड़ी भी दो दिन मनाई जा सकती है।
लोहड़ी के प्रसाद में इन चीजों का है महत्व-lohri Prasad
लोहड़ी पर्व में मुख्य रूप से पांच प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। तिल से बने वस्तु, गजक या मूंगफली और गुड़ के बने मिठाई व लाई, मूंगफली और पॉपकॉर्न या मक्के के बने पदार्थ भी इस दिन भोग लगाए जाते हैं।
लोग पूजा के समय अलाव जला कर उसके चारों ओर घूमते हैं और उसमें पॉपकॉर्न या मक्के के बने पदार्थ और मूंगफली को आग में फेंकते है।
लोहड़ी का महत्व-lohri importance
-लोहड़ी पर्व मुख्य रूप से पंजाब का त्योहार है जो फसल की खुशी में मनाया जाता है।
-इस दिन लोग अग्नि और सूर्य देव की पूजा अर्चना करते हैं ताकि उनकी फसल लहलहाते रहे। आपको बता दें कि पंजाब का मुख्य फसल गेहूं है
-लोहड़ी के कई और महत्व है। यह पर्व अमीर और गरीब दोनों को साथ लाने का काम करता है
-इस दिन घर-घर में रात्रि के समय भोजन में मक्के की रोटी और सरसों का साग बनाने की परंपरा होती है।
Lohri 2021 kab hai-date-puja ka shubh muhurat