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Nag Panchami 2024: आज नाग पंचमी पर कार्ल सर्प दोष से बचने के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा,जानें महत्व

हिंदू पंचागानुसार,इस साल नाग पंचमी की तिथि का आरंभ,गुरुवार 08 अगस्त की मध्यरात्रि के उपरांत अर्थात शुक्रवार, 09 अगस्त तड़के 12 बजकर 37 मिनट से हो रहा है और इसकी समाप्ति शनिवार,10 अगस्त तड़के 3 बजकर 14 मिनट पर होगी।

नई दिल्ली:Nag-Panchami-2024-date-puja-shubh-muhurat-vidhi-हिंदू धर्म में नाग और सांपों को भी पूज्नीय माना गया है।

यही कारण है कि नाग पंचमी(Naga-Panchami)का त्यौहार पूर्ण श्रद्धापूर्वक प्रतिवर्ष श्रावण(Sawan)मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है।

हिंदू पंचागानुसार,इस साल नाग पंचमी की तिथि का आरंभ,गुरुवार 08 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि के उपरांत अर्थात शुक्रवार, 09 अगस्त 2024(Nag-Panchami-2024-date)तड़के 12 बजकर 37 मिनट से हो रहा है और इसकी समाप्ति शनिवार,10 अगस्त तड़के 3 बजकर 14 मिनट पर होगी।

चूंकि हिंदू धर्म में प्रत्येक त्यौहार उदया तिथि के मुताबिक मनाने का विधान है इसलिए नाग पंचमी का पर्व आज यानि 9 अगस्त 2024,शुक्रवार के दिन मनाया जा रहा है।

नाग पंचमी(Nag Panchami)के दिन पूर्ण विधि-विधान से नागों की या फिर उनकी प्रतिमा की पूजा की जाती है और साथ ही उन्हें दूध भी पिलाया जाता है।

दरअसल मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है और साथ ही भगवान शिव(Lord Shiva)की असीम कृपा प्राप्त होती है।

भगवान शंकर को नाग प्रिय है। यही कारण है कि वह उन्हें अपने कंठ में धारण किए है।

ऐसे में यह जानना जरुरी है कि इस साल नाग पंचमी के दिन पूजा के वह कौनसे शुभ मुहूर्त और योग है,जिनमें नाग पंचमी की पूजा करने से न केवल आपको काल सर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है,

बल्कि आपकी समस्त बाधाएं और तकलीफें दूर हो सकती है और धन-संपदा मिल सकती है।

नाग पंचमी पर पूजा करने की विधि और इसका महत्व क्या(Nag-Panchami-2024-date-puja-shubh-muhurat-vidhi)है। साथ ही वह कौन सी बातें है जो नाग पंचमी के दिन गलती से भी नहीं करनी चाहिए (Nag-Panchami-2024-don’ts).

आज हम आपको इन्हीं सभी सवालो के जवाब दे रहे है।

पुराणों में यक्ष, किन्नर और गन्धर्वों के वर्णन के साथ-साथ नागों का भी वर्णन मिलता है। भगवान विष्णु की शय्या की शोभा नागराज शेष बढ़ाते हैं। भगवान शिव के अलंकरण में वासुकी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
योगसिद्धि के लिए जो कुण्डलिनी शक्ति जागृत की जाती है, उसको सर्पिणी कहा जाता है। स्कन्द पुराण के अनुसार नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
पुराणों में भगवान सूर्य के रथ में द्वादश नागों का उल्लेख मिलता है, जो क्रमश: प्रत्येक मास में उनके रथ के वाहक बनते हैं। इस प्रकार अन्य देवताओं ने भी नागों को धारण किया है।

ज्योतिष मान्यता के अनुसार नाग पंचमी पर की जाने वाली पूजा से राहु-केतु(Rahu-Ketu)के बुरे प्रभाव और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। जीवन में सुख, समृद्धि और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।

 

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नाग पंचमी 2024

 

नाग पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त ( Nag Panchami 2024 Puja Shubh Muhurat)

नाग पंचमी पर पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त- सुबह 05:47 मिनट से लेकर 08:27 मिनट तक। 

नाग पंचमी पर दोपहर का शुभ मुहूर्त-  दोपहर 12:13 मिनट से लेकर 1:00 बजे तक का। 

नाग पंचमी पर प्रदोष काल में पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 06:33 मिनट से रात को 08:20 मिनट तक।

 

 

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नाग पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त

 

 

नाग पंचमी पूजा विधि-Nag Panchami Puja Vidhi

-इस दिन, श्रद्धालु प्रात:काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और द्वार के दोनों तरफ गोबर के नाग बनाएं।

-यदि ये संभव नहीं तो पूजा स्थल में एक सर्प की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

-दही, दूध, दूर्वा, पुष्प, कुश, गंध, अक्षत और अनेक प्रकार के नैवेद्यों से नागों का पूजन करें।

-अब नाग देवता की आरती करें और वहीं बैठ कर नागपंचमी की कथा पढ़ें।

-इसके बाद नाग देवता से घर में सुख-शांति और सुरक्षा की प्रार्थना करें और ब्राह्मणों को भोजन कराए।

-ऐसा करने से पूजन करने वाले के कुल में कभी सर्पों का भय नहीं रहता है।

-जहां ‘ॐ कुरुकुल्ले फट स्वाहा’-यह मंत्र पढ़ा जाता है,वहां कोई सर्प नहीं आ सकता।

-इस दिन नाग देवता की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन रुद्राभिषेक कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है ।   

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नाग पंचमी का महत्व- Nag Panchami Importance

नाग पंचमी का पर्व विशेष रूप से पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। इसे लेकर मान्यता है कि नागों की पूजा से विषैले सर्पों से बचाव होता है और जीवन में उन्नति और समृद्धि आती है।

भविष्य पुराण के अनुसार पंचमी तिथि नागों को अत्यंत प्रिय है और उन्हें आनंद देने वाली है।

पंचमी तिथि को जो व्यक्ति नागों को दूध से स्नान कराता है,उसके कुल में वासुकि, तक्षक, कालिय, मणिभद्र, ऐरावत, धृतराष्ट, कर्कोटक तथा धनञ्जय ये सभी बड़े-बड़े नाग अभय दान देते हैं और उसके कुल में सर्प का भय नहीं रहता। मान्यता है कि यदि सुबह-शाम भागवत स्मरण के साथ अनन्त और वासुकि आदि पवित्र नागों का नामस्मरण भी किया जाता है, तो सर्वत्र विजय होती है।

 

 

 

 

नाग पंचमी के दिन क्या न करें- Nag Panchami Don’ts

 

  • नाग पंचमी के दिन, जमीन पर हल चलाने से बचना सबसे अच्छा है क्योंकि इससे नीचे रहने वाले सांपों को चोट लग सकती है या उन्हें नुकसान भी पहुंच सकता है।

 

  • नाग पंचमी के दौरान, पेड़ों को काटने से बचना एक अच्छा विचार है. सांप अक्सर पेड़ों पर अपना घर बनाते हैं, और उन्हें काटने से उनके आवास नष्ट हो सकते हैं.

 

  • इस दिन सांपों को नुकसान पहुंचाना या उन्हें चोट पहुंचाना महत्वपूर्ण नहीं है. सांपों सहित सभी प्राणियों के प्रति दया दिखाना नाग पंचमी की एक मुख्य मान्यता है।

 

  • हालांकि दूध चढ़ाने की परंपरा है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि अधिक मात्रा में दूध का उपयोग न किया जाए और इसे बर्बाद न किया जाए।

 

  • त्योहार के दौरान जंगली सांपों को पकड़ने से बचें. इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ सकता है और सांपों की संख्या को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र में जीवन की विविधता प्रभावित हो सकती है।

 

 

 

 

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Sonal

सोनल कोठारी एक उभरती हुई जुझारू लेखिका है l विभिन्न विषयों पर अपनी कलम की लेखनी से पाठकों को सटीक जानकारी देना उनका उद्देश्य है l समयधारा के साथ सोनल कोठारी ने अपना लेखन सफ़र शुरू किया है l विभिन्न मीडिया हाउस के साथ सोनल कोठारी का वर्क एक्सपीरियंस 5 साल से ज्यादा का है l

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