breaking_newsअन्य ताजा खबरेंदेशदेश की अन्य ताजा खबरेंराशिफललाइफस्टाइल
Trending

Thursday Thoughts : “आत्मिक शांति से बड़ी कोई जीत नहीं”🕊️

Thoughts on Peace : जो व्यक्ति अपने विचारों को नियंत्रित कर सकता है, वह संसार को भी नियंत्रित कर सकता है.

Thursday-Thoughts 10-shanti-ke-vichar-peace-thoughts-in-hindi


🕊️ शांति पर 10 मूल विचार | Peace Thoughts in Hindi

 

🌿 1. “शांति कोई मंज़िल नहीं, एक यात्रा है जो भीतर से शुरू होती है।”

जब हम बाहरी दुनिया को बदलने की बजाय अपने भीतर की हलचल शांत करते हैं, तभी सच्ची शांति का अनुभव होता है।


🌼 2. “जहां स्वार्थ समाप्त होता है, वहीं से शांति आरंभ होती है।”

स्वार्थ ही संघर्ष की जड़ है। निःस्वार्थता में ही सच्चा सुख और शांति छिपी होती है।


💬 3. “शांति की सबसे बड़ी भाषा मौन है।”

शब्दों से अधिक असर मौन करता है, जो दिल से दिल को जोड़ता है।


🧘 4. “जो व्यक्ति स्वयं को जीत लेता है, वही सच्चा शांत योद्धा होता है।”

बाहरी युद्धों की कोई कीमत नहीं, जब तक हम अपने भीतर की अशांति पर विजय न पाएं।


🌸 5. “शांति तब आती है, जब हम क्षमा करना सीख जाते हैं।”

क्षमा आत्मा की सफाई है, जो मन को हल्का और दिल को शांत करती है।


🌞 6. “शांति कोई उपदेश नहीं, एक जीवनशैली है।”

इसे केवल समझना नहीं, जीना भी होता है — हर सांस में, हर कार्य में।

🔔 7. “आत्मिक शांति से बड़ी कोई जीत नहीं।”

जो व्यक्ति अपने विचारों को नियंत्रित कर सकता है, वह संसार को भी नियंत्रित कर सकता है।


🍃 8. “विरोध की चुप्पी नहीं, समझ की आवाज़ है शांति।”

शांति डर से नहीं, समझदारी और करुणा से पैदा होती है।


💠 9. “शांति का बीज हर इंसान के दिल में होता है, ज़रूरत है उसे सींचने की।”

जैसे पौधे को जल चाहिए, वैसे ही मन को ध्यान और प्रेम चाहिए शांति के लिए।


🔆 10. “जब हम दूसरों को सुख देते हैं, तब खुद को भी शांति मिलती है।”

शांति कोई अकेली साधना नहीं — यह संबंधों, व्यवहार और समाज के साथ गहराई से जुड़ी होती है।


📌 निष्कर्ष (Conclusion)

शांति कोई बाहरी परिस्थिति नहीं, यह हमारी सोच, व्यवहार और आत्मिक संतुलन का परिणाम है। इन मौलिक विचारों को अपने जीवन में उतार कर, हम स्वयं में और समाज में स्थायी शांति की ओर एक कदम बढ़ा सकते हैं।

Thursday-Thoughts 10-shanti-ke-vichar-peace-thoughts-in-hindi

Show More

Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button