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Shani Dev:सावन का यह आखिरी शनिवार है खास,करें ये उपाय होगा कष्टों का नाश!

सावन के शनिवार का अपने में (sawan-ke-shaniwar)खास महत्व है। श्रावण मास में किए गए उपाय भगवान शिव को समर्पित है।

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नई दिल्ली:शनिदेव(Shanidev) का न्यायाधिकारी कहा गया है। सभी ग्रहो में शनि का स्थान सबसे खास है।

कहा जाता है कि शनि(Shani) की बुरी दृष्टि जिस पर पड़ जाएं उसकी बर्बादी तय है और उच्चकोटि का शनि अगर आपके जीवन में उतर आएं तो आपको धन-दौलत,सुख-समृद्धि पाने से कोई रोक नहीं सकता।

ऐसे में सावन(Sawan) का पवित्र महीना खत्म होने को है। सावन के शनिवार का अपने में (sawan-ke-shaniwar)खास महत्व है। श्रावण मास में किए गए उपाय भगवान शिव को समर्पित है।

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कहा जाता है इस दौरान भोले भंडारी पृथ्वी पर विचरण करते है और अपने भक्तों के कष्टों को हरते है।

ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता कहा गया है।शनि कलियुग के दंडाधिकारी हैं।

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शनि अपनी दशा-अंर्तदशा और शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति को उसके कर्माें के आधार पर शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं।

इस वर्ष 22 अगस्त 2021 को सावन समाप्त हो रहा है।

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सावन में शनि देव की पूजा का विशेष महत्व बताया(sawan-ke-shaniwar-ke totke-shani-sade-sati-dur-karne-ke-upay)गया है।

शनि देव भगवान शिव के भक्त हैं। शनि देव ने भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी।

भोलेनाथ(Bholenath) ने ही शनि देव को नवग्रहों में न्यायाधीश की उपाधि प्रदान की है।

इसलिए सावन में शनिवार के दिन शनि देव की पूजा का महत्व बढ़ जाता है। पंचांग के अनुसार 21 अगस्त को शनिवार है।

 

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शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या इन राशियों पर है

वर्तमान समय में मिथनु और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।

माना जाता है कि साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरन व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

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शनि के अशुभ फल

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शनि देव जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को धन, दांपत्य जीवन, शिक्षा, करियर, व्यापार आदि में बहुत परेशानियां प्रदान करते हैं. व्यक्ति के प्रत्येक कार्यों में बाधा आने लगती है.

व्यक्ति को मानसिक परेशानी और रोग आदि की भी समस्या होने लगती है। इसलिए शनि देव को शांत रखना बहुत ही जरूरी बताया गया है।

 

मकर राशि में शनि का गोचर

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शनि देव इस समय मकर राशि में विराजमान हैं। लेकिन इस समय शनि वक्री अवस्था में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं।

शनि 11 अक्टूबर 2021 को वक्री से मार्गी होंगे। इसलिए ये समय उन लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकता है, जिसकी जन्म कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हैं।

 

सावन में शनि के उपाय

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-शनि देव को शांत करने के लिए शनिवार के दिन शनि देव पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए।

-इसके साथ ही इस दिन शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप करना चाहिए.

शनि देव दान देने से भी प्रसन्न होते हैं।

-शनि देव को झूठ और धोखे से सख्त नफरत है चूंकि वे न्याय के देवता है,जहां तक हो सकें आप इनसे अपना बचाव करें और शनिदेव की कृपा प्राप्त करें।

 

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Varsa

वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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