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शुरू हो गया भोले बाबा शिवजी का मास, जानें सोमवार की व्रत कथा महाशिवरात्रि सहित सावन के श्रेष्ठ दिनों के बारें में

श्रावण/सावन में भोले बाबा शिव जी (Lord Shiv) की पूजा-आराधना की जाती है। ता उम्र आपके ऊपर भगवान शिव का आशीर्वाद पाने का सुनहरा मौक़ा शिवजी की पूजा कर सभी मनवांछित इच्छाएं करें पूर्ण

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नई दिल्ली: कहावत है सावन आया मनचाहा वर पाने का सुनहरा मौक़ा लाया l

जी हाँ सावन का महिना बेहद  ही पवित्र और शुभकारक माना जाता है l  

हिंदू पंचागानुसार श्रावण/सावन (Shravan/Sawan) मास हिंदू वर्ष का पांचवा महीना है।

इस महीने में भोले बाबा शिव जी (Lord Shiv) की पूजा-आराधना की जाती है।

माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव-शंकर(Shiv) की पूजा और व्रत रखने से ता उम्र आपके ऊपर भगवान शिव का आशीर्वाद बना रहता है और आपकी सभी मनवांछित इच्छाएं पूर्ण होती है।

इन्हीं दिनों कांवड़ियां भी बाबा बर्फानी के दर्शन करके लौटते है और जगह-जगह सावन की धूम रहती है।

हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व है चूंकि भगवान शिव को समर्पित यह महीना अत्यंत पवित्र माना गया है।

सावन की शुरुआत आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadh Purnima) से हो जाती है।सावन के सोमवार का विशेष महत्व होता है।

सावन का सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat 2024) अगर कुंवारी कन्याएं रखती है तो मनवांछित वर की प्राप्ति होती है और यदि शादीशुदा स्त्री-पुरुष रखते है तो उनका दांपत्य जीवन सुखमय बना रहता है।

यही नहीं,अगर आपने संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत रखा है तो आपकी इच्छा जल्द ही पूर्ण होती है।

सावन का सोमवार व्रत रखने से मनुष्य को जीवन में सुख,संपत्ति,समृद्धि,सम्मान और प्यार प्राप्त होता है।

अब सवाल उठता है कि इस वर्ष सावन कब से शुरू(Sawan-2024-kab-se shuru-hai) है? और सावन का पहला सोमवार व्रत कब (sawan-ka-pehla-somvar-vrat-kab-hai)है?

आखिर सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है (Sawan-somvar-vrat- 2024-puja-shubh-muhurat)?

आपके इन्हीं सब सवालों के जवाब आज हम इस लेख में दे रहे है।

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कब से है सावन 2024-Sawan 2024 kab se shuru hai

इस वर्ष श्रावण या सावन मास 22 जुलाई 2024, सोमवार से शुरू हो रहा है और 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा यानी सोमवार को ही समाप्त होगी।

 

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सावन का पहला सोमवार व्रत 2024 कब से शुरू है? Sawan-ka-pehla-somvar-vrat-kab-hai

सावन के महीने में सोमवार व्रत(Sawan Somvar Vrat 2024) का विशेष महत्व होता है चूंकि हिंदू धर्म में सोमवार का दिन विशेष रूप से भगवान शंकर को समर्पित होता है और सावन का पूरा महीना ही भोले बाबा को समर्पित होता है।

इसमें शिवजी की विशेष पूजा-आराधना और व्रत रखने का विधान है। सावन का सोमवार व्रत(Sawan Somvar Vrat 2024)स्त्री-पुरुष दोनों ही रखते है।

ऐसी मान्यता है कि जो सावन मास के प्रत्येक सोमवार को व्रत धारण करते हैं उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और उनके जीवन में सुख, समृद्धि आती है।

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हिंदू पंचागानुसार, सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई 2024 को है।

19 अगस्त 2024 को सावन माह की समाप्ति हो जाएगी। 

फिर इसके बाद ही भाद्रपद माह की शुरुआत हो जाएगी।

चलिए अब बताते है कि सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि,शुभ मुहूर्त-Sawan-somvar-vrat- 2024-puja-shubh-muhurat-Vidhi

सबसे पहले आप जान लें कि सावन सोमवार की तिथियां कौन-कौन सी है?

सावन सोमवार की तिथियां

प्रथम सोमवार व्रत 22 जुलाई 

दुसरा सावन सोमवार व्रत 29 जुलाई सोमवार

तीसरा सावन सोमवार व्रत 5 अगस्त 

चौथा सावन सोमवार व्रत 12 अगस्त 

पांचवा सावन सोमवार व्रत 19 अगस्त 

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सावन माह पूजा शुभ मुहूर्त

सावन शिवरात्रि 2024\nसावन महीने की शिवरात्रि बहुत खास होती है. हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।

शुक्रवार, 2 अगस्त 2024 को सावन महीने की शिवरात्रि पड़ेगी। पंचांग के अनुसार, सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी  तिथि का आरम्भ  

2 अगस्त को दोपहर 3:26 बजे से होगा और 3 अगस्त को दोपहर 3:50 बजे समाप्त होगा।

शिवरात्निरि की पूजा निशिता काल में की जाती है इसलिए सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी।

सावन सोमवार व्रत-पूजा विधि-Sawan-somvar-vrat-2024-puja-vidhi

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें।
  • अब अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत और पूजा का संकल्प लें।
  • सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
  • भगवान को अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप पंचामृत, सुपारी और बेलपत्र आदि चढ़ाएं।
  • सभी सामग्री चढ़ाते हुए ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए चंदन का तिलक लगाएं।
  • इसके बाद उनके 108 नाम या ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और भगवान शिव का ध्यान करें।
  • सावन सोमवार व्रत के दिन सोमवार व्रत कथा को अवश्य पढ़ें। और अंत में उनकी आरती करें।
  • प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी शक्कर का भोग लगाएं। उस प्रसाद को सब में बांटे और स्वयं खाएं।

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Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।

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