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दुर्लभ संयोग!आज है सोमवती अमावस्या,शनि जयंती और वट सावित्री व्रत,जानें क्या है पूजा के शुभ मुहूर्त

3 पर्व, 30 तारीख और 30 साल बाद आज है दुर्लभ योग,जानें Somvati Amavasya,Shani-Jayanti और Vat-Savitri व्रत पूजा शुभ मुहूर्त 

Somvati-Amavasya-Shani-Jayanti-Vat-Savitri-vrat-2022-puja-shubh-muhurat

हिंदू पंचागानुसार,आज पूरे 30 वर्ष बाद बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहा है।जब तीन का अद्धभुत योग बन रहा है।

आज सोमवार,30 मई 2022 को सोमवती अमावस्या(Somvati Amavasya 2022),शनि जयंती(Shani-Jayanti 2022) और वट सावित्री व्रत(Vat-Savitri-vrat-2022)तीनों एक साथ एक ही दिन पड़ रहे है। यह स्वंय में महासंयोग है।

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सोमवती अमावस्या 2022 पूजा शुभ मुहूर्त, शनि जयंती 2022 पूजा शुभ मुहूर्त, वट सावित्री व्रत 2022 पूजा शुभ मुहर्त

 

3 पर्व, 30 तारीख और 30 साल बाद आज है दुर्लभ योग,जानें Somvati Amavasya,Shani-Jayanti और Vat-Savitri व्रत पूजा शुभ मुहूर्त 

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आज का दिन विशिष्ट और अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज सर्वार्थ सिद्धि योग है। ये तीन अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व एक साथ एक ही दिन पड़ने से आपको न सिर्फ शनिदेव(Shanidev) की कृपा प्राप्त होगी,

बल्कि पितृ दोष(Pitr dosh) से मुक्ति के मार्ग भी खुलेंगे और महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती बनने का सुअवसर भी प्राप्त होगा।

चूंकि सोमवती अमावस्या,शनि जयंती और वट सावित्री व्रत तीनों एक साथ आज,सोमवार 30 मई को 30 साल बाद पड़ रहे है।

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इसलिए जरुरी है कि आपको सोमवती अमावस्या,शनि जयंती और वट सावित्री पूजा के शुभ मुहूर्त पता हो। आज हम सिलसिलेवार तरीके से इसकी जानकारी दे रहे(Somvati-Amavasya-Shani-Jayanti-Vat-Savitri-vrat-2022-puja-shubh-muhurat)है।

आज के दिन सुबह 07 बजकर 13 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 05 बजकर 27 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।

 

सोमवती अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त- Somvati Amavasya 2022 puja shubh muhurat

सोमवती अमावस्या की तिथि – 30 मई 2022 दिन सोमवार
अमावस्या तिथि आरंभ – 29 मई 2022 दोपहर 02:54 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त – 30 मई 2022 शाम 04:59 मिनट तक

शनि जयंती शुभ मुहूर्त- Shani Jayanti 2022 puja shubh muhurat

शनि जयंती शुरुआती तिथि – 29 मई, 2022 दोपहर 2:54 मिनट
शनि जयंती समापन तिथि – 30 मई, 2022 शाम 4:59 मिनट

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वट सावित्री व्रत मुहूर्त- Vat Savitri vrat 2022 puja shubh muhurat-vidhi

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि प्रारंभ – 29 मई, दोपहर 02:54 मिनट से
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि समापन – 30 मई, शाम 04:59 मिनट तक

वट सावित्री व्रत पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त – सुबह 07:12 बजे से अगले दिन 31 मई को सुबह 05 बजकर 09 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।

 

जानें वट सावित्री व्रत पूजा विधि-Somvati-Amavasya-Shani-Jayanti-Vat-Savitri-vrat-2022-puja-shubh-muhurat

-इस दिन प्रातःकाल घर की सफाई कर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें।

– इसके बाद पवित्र जल का पूरे घर में छिड़काव करें।

-बांस की टोकरी में सप्त धान्य भरकर ब्रह्मा की मूर्ति की स्थापना करें।

– ब्रह्मा के वाम पार्श्व में सावित्री की मूर्ति स्थापित करें।

– इसी प्रकार दूसरी टोकरी में सत्यवान तथा सावित्री की मूर्तियों की स्थापना करें। इन टोकरियों को वट वृक्ष के नीचे ले जाकर रखें।

– इसके बाद ब्रह्मा तथा सावित्री का पूजन करें।

– अब सावित्री और सत्यवान की पूजा करते हुए बड़ की जड़ में पानी दें।

-पूजा में जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल तथा धूप का प्रयोग करें।

-जल से वटवृक्ष को सींचकर उसके तने के चारों ओर कच्चा धागा लपेटकर तीन बार परिक्रमा करें।

-बड़ के पत्तों के गहने पहनकर वट सावित्री की कथा सुनें।

-भीगे हुए चनों का बायना निकालकर, नकद रुपए रखकर अपनी सास के पैर छूकर उनका आशीष प्राप्त करें।

-यदि सास वहां न हो तो बायना बनाकर उन तक पहुंचाएं।

-पूजा समाप्ति पर ब्राह्मणों को वस्त्र तथा फल आदि वस्तुएं बांस के पात्र में रखकर दान करें।

-इस व्रत में सावित्री-सत्यवान की पुण्य कथा का श्रवण करना न भूलें। यह कथा पूजा करते समय दूसरों को भी सुनाएं।

 

गुरु ग्रह को करों प्रसन्न, रहो धन-धान्य से संपन्न

 

 

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