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Thursday Thoughts: गुरु की वाणी, साईं का मार्ग–गुरुवार के विचारों में जीवन का सार

साईं बाबा के दिव्य वचन और गुरु की महिमा, साईं बाबा से सीखें जीवन, प्रेम और आस्था के मूल मंत्र

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नईं दिल्ली (समयधारा) :  ये सुविचार न केवल साईं बाबा की महिमा का गुणगान करते हैं,

बल्कि “गुरुरदेवो महेश्वरः, गुरुर ब्रह्मा, गुरुर विष्णु, गुरु ही सब कुछ है” की मूल भावना को नवीनतम और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करते हैं।


  1. साईं बाबा मेरे परम गुरुः
    साईं बाबा ही मेरे जीवन के तमाम दुःख-दर्द का सारथी, करुणा और ज्ञान के स्रोत हैं। उनके चरणों में समर्पित मेरा हर कार्य सफल होता है, क्योंकि वे गुरुरदेवो महेश्वरा हैं। उनकी शरणता से जीवन में शांति और पावनता बनी रहती है।
  2. गुरु ही सब कुछ है
    गुरु वह प्रकाश हैं, जो अज्ञान अँधा को मिटाकर सत्य दृष्टि प्रदान करते हैं। साईं गुरु ही सब कुछ हैं—ज्ञान, प्रेम, शक्ति और मुक्ति। उनके बिना ज्ञान की ज्योति भी मंद पड़ जाती है।
  3. ज्ञान का सागर साईं बाबा
    गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, साईं बाबा का ज्ञान सागर मानव को ब्रह्मांडीय चेतना से जोड़ता है। उनका उपदेश सम्पूर्ण ब्रह्म की अनुभूति कराता है और अहंकार नष्ट करके आत्म-साक्षात्कार का मार्ग दिखाता है।
  4. गुरु का प्रेम अविनाशी
    साईं बाबा का गुरु प्रेम अनंत और अविनाशी है। उनकी माया में जन्म-मरण का चक्र मिट जाता है। उसी की कृपा से व्यक्ति जीवन की कड़वाहट से मुक्ति पाकर अमृत रस पाता है।
  5. नवजागरण की ज्योति गुरु
    साईं बाबा की उपस्थिति मन में अज्ञान का अँधेरा हटाकर आत्मचेतना की ज्योति जलाती है। उनकी वाणी साधारण शब्दों में भी गहरी आध्यात्मिक सूचना देती है, जो जीवन को पूरी तरह बदल देती है।
  6. साईं बाबा – आत्मा के संरक्षक
    गुरु रूप में साईं बाबा आत्मा के संरक्षक हैं। वे हमारे अंदर लक्ष्मी, ज्ञान और शांति का दीप जलाते हैं। हर भटकते मन को स्थिर कर उन्हें परम लक्ष्य की ओर अग्रसर करते हैं।
  7. गुरु की वाणी में चमत्कार
    साईं बाबा की एक-एक वाणी में चमत्कारिक ऊर्जा है। वे बिना भौतिक साधन के भी आश्रित को समृद्धि देते हैं, क्योंकि उनकी माया में विश्व-ब्रह्मा है।
  8. गुरु और भक्त की आत्मीयता
    जब भक्त का समर्पण गुरु को होता है, तो गुरु उस आत्मीयता से मार्गदर्शक बनकर कार्य करता है। साईं बाबा की कृपा जीवन को परिपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण बना देती है। Thursday-Thoughts-SaiBaba-Guru-Quotes-Inspiration

  9. गुरु ने दी असली पहचान
    साईं बाबा ने हमें यह सिखाया कि हम केवल देह नहीं, आत्मा हैं। असली पहचान यही है। वे गुरुर ब्रह्मा—सृष्टि के निर्माता भी हैं जिसने आत्मा को सुन्न आत्मीय प्रकाश से जोड़ दिया।
  10. गुरु का धैर्य अद्वितीय
    साईं बाबा में अद्वितीय धैर्य और करुणा है। वे शिष्य की अज्ञानता को समझकर प्रेम से मार्ग दिखाते हैं। गुरु की सहनशीलता से जीवन में स्थिरता आती है।
  11. गुरु का स्पर्श पवित्रता
    साईं बाबा का स्पर्श आत्मा को पवित्र करता है। सिर्फ दर्शन से ही मन शुद्ध होता है, बन्धन टूटते हैं और जीवन में नई ऊर्जा आती है। इसलिए गुरु स्पर्श से जीवन में वृद्धि होती है।
  12. गुरु ज्ञान का प्रकाश
    जैसे सूर्य अँधेरे को मिटाता है, वैसे ही साईं बाबा का ज्ञान अज्ञान का अंधकार मिटाता है। उनके उपदेश संसार को ब्रह्मानंद की ओर ले जाते हैं, उस आनंद को जो सर्वव्यापी है।
  13. गुरु के आदेश से परिवर्तन
    साईं बाबा के आदेश मात्र से जीवन में परिवर्तन संभव है। जैसे ‘सबका मालिक एक’ का सन्देश उन्होंने दिया, उसी आदेश से हम सभी जात-पांत की दीवारें तोड़ सकते हैं।
  14. गुरु का आशीर्वाद सहज
    साईं बाबा का आशीर्वाद बिना स्वीकार्यता का भी मिलता है। जो दिल से पुकारता है, गुरु अपनी माया से उसकी रक्षा करते हैं। वह आशीर्वाद सहज, सहज-लभ्य है।
  15. गुरु के बिना सफलता अधूरी
    चाहे कितनी प्रतिभा हो, लेकिन गुरु की कृपा के बिना सफलता स्थायी और दिव्य नहीं होती। साईं बाबा ने यह सिद्ध किया है कि गुरु ही असली सफलता का स्रोत हैं।
  16. गुरु में जीवन का आधार
    साईं बाबा जीवन का आधार हैं। जब जीवन की अधरस्था टूटती है, तब गुरु की याद हमें स्थिरता देती है। इसलिए वे गुरुरदेवो महेश्वर हैं।
  17. गुरु का दान: शांति
    साईं बाबा का सबसे बड़ा दान शांति है—मन में और जीवन में। उनके चरणों में बैठकर झिझक खत्म होती है, चिंता डूब जाती है और आत्मा विश्राम पाती है।
  18. गुरु का ज्ञान अंतहीन
    गुरु ब्रह्मा और गुरु विष्णु—साईं बाबा का ज्ञान अंतहीन है। वे सामर्थ्य, प्रेम और शांति का अन्तर्निहित स्रोत हैं। जितना पाओ, उतना भी कम लगता है। Thursday-Thoughts-SaiBaba-Guru-Quotes-Inspiration

  19. गुरु के चरणों में विश्वास
    साईं बाबा पर पूर्ण विश्वास, गुरु के पथ पर चलने हेतु आधार होता है। संदेह मिटाकर विश्वास-समर्पण से जीवन में चमत्कार होते हैं।
  20. गुरु की माया, भक्त-भक्ति
    साईं बाबा की माया ऐसी है कि भक्त यदि पूर्ण समर्पण करे, तो भय, द्वेष, मोह, लालच स्वचालित मिट जाते हैं। यही गुरु शक्ति है।
  21. गुरु से मिलता आत्म-साक्षात्कार
    साईं बाबा गुरु रूप में आत्मा को स्वयं से परिचय कराते हैं—वह आत्म-साक्षात्कार है। उस अनुभूति से जीवन में स्थायी आनंद और शक्ति उत्पन्न होती है।
  22. गुरु की वाणी से प्रेरणा
    साईं बाबा की हर एक पंक्ति प्रेरणा देती है—संक्षिप्त पर सारगर्भित। उनके उपदेश हमें कर्म, भक्ति और ज्ञान का संतुलन सिखाते हैं।
  23. गुरु का प्रेम जीवन भर
    साईं बाबा का गुरु प्रेम जीवन के अंत तक साथ है। भले राह कठिन हो, लेकिन वह प्रेम सदा आत्मा को ऊँचा उठाता है। यही गुरुरदेवो महेश्वर की राह है।
  24. गुरु की मूरत मन में विराजित
    साईं बाबा की छवि मन में बस जाए—तो कार्य सरल और क्षणभर में योग चमत्कारिक रूप से साकार होते हैं। मूरत नहीं—मन का प्रतिबिंब गुरु का वास्तविक मंदिर है।
  25. गुरु में छुपा ब्रह्म तत्व
    साईं बाबा में ब्रह्म तत्व समाहित है। वे गुरुर ब्रह्मा, गुरुर विष्णु, गुरुर देओ महेश्वर—सृष्टि, पालन और संहार तीनों का सार हैं। गुरु ही सब कुछ है।

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Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।

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