najar-sayari
- शायरी
शायरी : हर नजर में मुमकिन नहीं है बे-गुनाह रहना…
Nazar-Shayaris aankhon-par-shayri najar-sayari हर नजर में मुमकिन नहीं है बे-गुनाह रहना वादा ये करें कि खुद की नजर में बेदाग…
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Nazar-Shayaris aankhon-par-shayri najar-sayari हर नजर में मुमकिन नहीं है बे-गुनाह रहना वादा ये करें कि खुद की नजर में बेदाग…
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