Google मना रहा नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ मारियो मोलिना का 80वां जन्मदिन,ओजोन परत बचाने में दिया था योगदान
मारियो मोलिना उन रिसर्चर्स में से एक थे जिन्होंने विश्व को बताया था कि रसायन कैसे पृथ्वी की ओजोन परत(Ozone-Layer)को नुकसान पहुंचा रहे है
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आज 19 मार्च 2023 का दिन बहुत खास है। गूगल (Google)आज ओजोन परत बचाने में मददगार मैक्सिकन रसायनज्ञ और नोबोल पुरस्कार(Mexican Nobel Laureate)विजेता डॉ.मारियो मोलिना का 80वां जन्मदिन डूडल(Doodle)बनाकर मना रहा(Google-Doodle-Celebrating-Mario-Molina’s-80th-birthday)है।
डॉ.मारियो मोलिना के 80वें जन्मदिन(Mario-Molina’s-80th-birthday)की शुभकामनाएं गूगल खास डूडल(Google Doodle)के साथ दे रहा है
और याद दिला रहा है कि मारियो मोलिना(Mario-Molina)उन रिसर्चर्स में से एक थे जिन्होंने विश्व को बताया था कि रसायन कैसे पृथ्वी की ओजोन परत(Ozone-Layer)को नुकसान पहुंचा रहे है और सभी सरकारों को पृथ्वी ग्रह की ओजोन परत को बचाने के लिए एकसाथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया था।
मारियो मोलिना को 1995 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार मिला था,वह इसके सह-प्राप्तकर्ता थे।उनका ओजोन परत को नष्ट होने से बचाने में विशेष योगदान दिया(Google-Doodle-Celebrating-Mario-Molina’s-80th-birthday-contribute-to-save-Ozone-Layer)था।
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उन्होंने ही बताया था कि किस प्रकार से रसायन हमारी पृथ्वी के कवच ओजोन परत को नुकसान पहुंचाते है,जोकि हानिकारक पराबैंगनी प्रकाश से वन्यजीवों,मनुष्यों और पौंधों की रक्षा के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
चलिए अब आपको नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ.मारियो मोलिना के 80 वें जन्मदिन पर उनके बारे में विस्तार से बताते है:Google-Doodle-Celebrating-Mario-Molina’s-80th-birthday
-डॉ. मारियो मोलिना का जन्म 19 मार्च, 1943 को मेक्सिको सिटी में हुआ था।जब वह एक बच्चे थे तो साइंस के प्रति काफी जुनून उनमें दिखता(Google-Doodle-Celebrating-Mario-Molina’s-80th-birthday)था। इस जुनून की हद यहां तक थी कि उन्होंने अपने बाथरूम को ही एक टेंपररी रिसर्च सेंटर में बदल डाला था।
-वह अपने खिलौना माइक्रोस्कोप से छोटे जीवों को रेंगते हुए देखकर बहुत खुश होते थे,जिसकी तुलना और किसी भी वस्तु से नहीं की जा सकती।
-डॉ. मोलिना ने केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री मेक्सिको के नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी से हासिल की थी और जर्मनी के फ्रीबर्ग यूनिवर्सिटी से एडवांस डिग्री प्राप्त की थी।
-अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद ह कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले और फिर बाद में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए थे।
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-डॉ. मोलिना ने शोध 1970 के दशक की शुरुआत में शुरू किया था। उन्होंने शोध किया कि सिंथेटिक रसायन पृथ्वी के वायुमंडल को कैसे प्रभावित करता हैं।
-वे उन सबसे पहले पता लगाने वाले विशेषज्ञों में से एक थे, जिन्होंने बताया था कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन (एयर कंडीशनर, एरोसोल स्प्रे और अन्य में पाया जाने वाला एक रसायन) ओजोन को नष्ट रहे थे और पराबैंगनी विकिरण को पृथ्वी की सतह तक पहुंचा रहे थे।
-मारियो मोलिना और उनके सह-शोधकर्ताओं ने नेचर जर्नल में अपने रिजल्ट पब्लिश किए, जिसने बाद में उन्हें रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार दिलाया।
-उनकी ग्राउंडब्रेकिंग रिसर्च मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की नींव बन गई, एक अंतरराष्ट्रीय संधि जिसने लगभग 100 ओजोन-क्षयकारी रसायनों के उत्पादन पर सफलतापूर्वक प्रतिबंध लगा दिया।
-इस इंटरनेशनल गठबंधन को अब तक की सबसे प्रभावशाली पर्यावरणीय संधियों में से एक माना जाता है – एक मिसाल जो दिखाती है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सरकारें प्रभावी ढंग से एक साथ काम कर सकती हैं।
-07 अक्टूबर,वर्ष 2020 को 77 वर्ष की आयु में मारियो मोलिना का निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया।
-मारियो मोलिना सेंटर, मेक्सिको में एक प्रमुख शोध संस्थान है, जो अधिक स्थायी दुनिया बनाने के लिए अपना काम जारी रखता है।
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