
तेहरान में मोसाद का खुफिया हमला: ईरान की मिसाइल और एयर डिफेंस प्रणाली पर बड़ा झटका | जानिए ‘राइजिंग लॉयन’ ऑपरेशन की पूरी कहानी
📌 ईरान की राजधानी तेहरान में धमाके: इजरायली एजेंसी मोसाद का बड़ा ऑपरेशन
शुक्रवार सुबह पूरी दुनिया की नजरें उस वक्त ईरान पर टिक गईं जब राजधानी तेहरान और कई रणनीतिक इलाकों में जबरदस्त धमाकों की खबर आई। ये धमाके इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) द्वारा अंजाम दिए गए एक बेहद गोपनीय और खतरनाक ऑपरेशन का हिस्सा थे।
BREAKING
The Zionist regime martyred Iranian nuclear scientists Mohammad Mehdi Tehranchi and Fereydoon Abbasi pic.twitter.com/wo021DzPy7
— Islamic Republic of Iran (@IRIran_official) June 13, 2025
🎯 ईरान की मिसाइल और एयर डिफेंस सिस्टम पर सीधा हमला
सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन का मकसद ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं और एयर डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को कमजोर करना था। मोसाद ने खास तौर पर ईरान के स्ट्रैटेजिक मिसाइल प्रोग्राम, परमाणु वैज्ञानिकों की सुरक्षा प्रणाली और वायु रक्षा तंत्र को टारगेट किया।
🔥 राइजिंग लॉयन: रणनीतिक हमला, पारंपरिक युद्ध नहीं
इस ऑपरेशन को “राइजिंग लॉयन” नाम दिया गया है, जो कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सीधी निगरानी में चल रहा है। इजरायली रणनीति अब पारंपरिक युद्ध के बजाय गहरे और सटीक खुफिया हमलों पर केंद्रित है, जिससे दुश्मन की क्षमताओं को बिना व्यापक युद्ध के ही खत्म किया जा सके।
🛑 ईरान में भारी तबाही, आधिकारिक पुष्टि का इंतजार
हालांकि ईरान की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स में भारी नुकसान और तेहरान में धमाकों की पुष्टि की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हमलों ने ईरान की एयर डिफेंस क्षमता और जवाबी हमला करने की शक्ति को गहरी चोट पहुंचाई है।
⚔️ इजरायल का मकसद: ईरान की जवाबी हमले की क्षमता को खत्म करना
इजरायली सैन्य सूत्रों के मुताबिक, इन हमलों का उद्देश्य ईरान की जवाबी हमले की क्षमता को निष्क्रिय करना था ताकि भविष्य में संभावित मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोका जा सके। इस तरह की रणनीतिक कार्रवाइयों से इजरायल ने पहले भी कई बार ईरान के सैन्य ढांचे को कमजोर किया है।
BREAKING
Initial information about targeting the Commander-in-Chief of Iran's Revolutionary Guard, Hussein Salami. pic.twitter.com/4RXKYsrRjI
— Islamic Republic of Iran (@IRIran_official) June 13, 2025
🕵️ मोसाद के पहले के खतरनाक ऑपरेशन
मोसाद लंबे समय से ईरान में खुफिया और सैन्य गतिविधियों में सक्रिय रहा है। प्रमुख ऑपरेशनों में शामिल हैं:
2018: तेहरान से ईरान के न्यूक्लियर आर्काइव्स की चोरी। इजरायल ने इन दस्तावेजों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ईरान की पोल खोलने में किया।
2020: मोहसेन फखरीजादेह, ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख वैज्ञानिक की हत्या।
2021: नतांज और करज के परमाणु संयंत्रों पर हमले, जिससे ईरान की यूरेनियम संवर्धन की क्षमता प्रभावित हुई।
2022: मोसाद ने एक गुप्त मिशन में 100 से ज्यादा ईरानी ड्रोन नष्ट किए थे।
2024: अप्रैल और अक्टूबर में किए गए हमलों में भी मोसाद की बड़ी भूमिका मानी जाती है।
💣 गहरे भूमिगत ठिकानों पर हमले की आशंका
रिपोर्ट्स यह भी संकेत देती हैं कि इजरायल आने वाले समय में ईरान के अंडरग्राउंड न्यूक्लियर ठिकानों को भी निशाना बना सकता है, जिन पर भारी बमों से हमले की तैयारी की जा रही है।
🧨 ईरान की संभावित प्रतिक्रिया और मध्य पूर्व की स्थिति
ईरान की तरफ से प्रतिशोधात्मक कार्रवाई तय मानी जा रही है। मध्य पूर्व पहले से ही राजनीतिक और सैन्य तनाव से जूझ रहा है, और इस ऑपरेशन के बाद हालात और ज्यादा विस्फोटक हो गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक दीर्घकालिक छाया युद्ध (Shadow War) की शुरुआत है।
Israel-Mossad-Attack-in-Iran-Rising-Lion-Operation-Tehran-Blasts-Hindi
🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और कूटनीतिक हलचल
अमेरिका, रूस, चीन समेत कई वैश्विक शक्तियां इस घटना पर नजर रखे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र और IAEA जैसे संगठन भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पुनः समीक्षा की मांग कर सकते हैं। पश्चिम एशिया में फिर से संघर्ष का बड़ा खतरा मंडराने लगा है।
🔍 निष्कर्ष: क्या यह सिर्फ शुरुआत है?
मोसाद का ‘राइजिंग लॉयन’ ऑपरेशन इस बात का स्पष्ट संकेत है कि इजरायल अब किसी भी संभावित खतरे को सीधे उसके स्रोत पर जाकर खत्म करने की रणनीति पर चल रहा है। आने वाले हफ्ते बेहद संवेदनशील और निर्णायक साबित हो सकते हैं, जहां एक छोटी सी चिंगारी भी बड़े युद्ध की आग बन सकती है।
Israel-Mossad-Attack-in-Iran-Rising-Lion-Operation-Tehran-Blasts-Hindi