
कुआलालम्पुर, 11 मार्च : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जब शनिवार को यह पूछा गया कि अगर वह सरकार में होते तो नोटबंदी को किस तरीके से लागू करते, इसके जवाब में उन्होंने सभी को चकित कर दिया।
राहुल ने अपने जवाब में कहा, “अगर मैं प्रधानमंत्री होता और किसी ने मुझे वह फाइल दी होती, जिस पर नोटबंदी लिखा होता तो मैं उसे कूड़े में डाल देता।”
मलेशिया में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत के दौरान गांधी ने कहा, “खिड़की से बाहर कूड़े में फेंक देता। मुझे लगता है कि नोटबंदी के साथ यही होना चाहिए था।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी।
कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री के नोटबंदी के कदम की आलोचना की थी और कहा था कि इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को मलेशिया में भारतीय मूल के कारोबारियों से मुलाकात करते हुए कहा कि वह बयानबाजी की तुलना में कामकाज को अहमियत देते हैं। उन्होंने कारोबारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि पार्टी के घोषणपत्र में उनके हितों का ध्यान रखा जाएगा।
राहुल ने मलेशिया इंडिया बिजनेस काउंसिल, आसियान इंडिया बिजनेस काउंसिल, मलेशियन एसोसिएटेड इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और मलेशिया की कंसोर्शियम ऑफ इंडस्ट्रीज के कारोबारियों से मुलाकात की।
कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर कहा, “राहुल गांधी से मिले कारोबारियों ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने उनके समुदाय के हितों को नजरअंदाज किया है।”
राहुल ने उनकी चिंताओं के संदर्भ में आश्वासन देते हुए कहा, “हम बयानबाजी में नहीं बल्कि काम करने में यकीन करते हैं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके हितों को कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में प्रमुखता से शामिल किया जाएगा।”
राहुल गांधी ने कुआलालम्पुर में मलेशिया इंडिया कांग्रेस (एमआईसी)के अध्यक्ष सुब्रमण्यम सतशिवम से भी मुलाकात की।
–आईएएनएस