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नई दिल्ली:इतिहास के पन्नों में 11 सितंबर का दिन विश्व की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका को हिलाकर रख देने वाला है।
आज से 20 साल पहले अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर(World Trade Center)पर हुए खौफनाक आतंकी हमले ने दुनिया को बता दिया था कि पुख्ता से पुख्ता सुरक्षा का दावा करने वाली इमारतें और देश आतंकवाद के आगे कितने बौने है।
आतंकवादी संगठन अलकायदा की ओर से 9/11 को अमेरिका की आसमां छूती इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आत्मघाती प्लेन क्रैश(9/11-World-Trade-Centre-terror-attack)किया गया था।
महाशक्ति माने जाने अमेरिका की इस इमारत पर हुए हैरतअंगेज आतंकी हमले ने पूरे विओश्व को झकझोर दिया था।
जिसके बाद अमेरिका ने आतंकवाद के समूल नाश के लिए कमर कस ली थी।
आज,अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकवादी हमले की 20वीं बरसी(20th-anniversary-of-9/11-World-Trade-Centre-terror-attack-in-US)है।
इसे 9/11 आतंकी हमले के नाम से भी याद किया जाता है।
चलिए बताते है अमेरिका में हुए 9/11 आतंकी हमले की पूरी दास्तां
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11 सितंबर 2001 को अमेरिका(US) में शाम 6 बजे(भारतीय समयानुसार) आतंकवादी संगठन अलकायदा(al Qaeda) ने न्यूयॉर्क(New York) शहर की गगनचुंबी इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दो प्लेन से आत्मघाती हमला किया था।
इसे आतंक के सरगना ओसामा बिन लादेन की ओर से अमेरिका के लिए खुली चुनौती माना गया और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने खुला एलान कर दिया कि वह इस हमले के मास्टरमाइंड को निस्तेनाबूद कर देगा।
उन्हें फौरन पता चल गया कि अमेरिका में यह आतंक का मंजर अलकायदा ने ही दिखाया है।
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दरअसल 11 सितंबर, 2001 को, इस्लामिक चरमपंथी समूह अल कायदा से जुड़े 19 आतंकवादियों ने चार हवाई जहाजों का अपहरण कर लिया और अमेरिका में टारगेट के खिलाफ आत्मघाती हमले किए।
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अपहरणकर्ताओं में से 15 सऊदी अरब के थे, जबकि बाकी यूएई, मिस्त्र और लेबनान के थे।
इस आतंकी साजिश के सरगना अलकायदा के चीफ ओसामा बिन लादेन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए अमेरिका ने ढ़ाई करोड़ डॉलर का विशाल ईनाम रखा।
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अमेरिका ने किया इराक हमला
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इधर, बदले की आग में धधक रहे अमेरिका ने अपनी सेनाओं को इराक भेज दिया, जहां पर उसका निशाना सद्दाम हुसैन था।
दूसरी ओर, अमेरिका ने अफगानिस्तान(Afghanistan) से तालिबानी(Taliban) शासन को उखाड़ फेंकने की अपनी कवायद तेज कर दी।
वर्ष 2001 में जब अमेरिका के अंदर अफगानिस्तान ने हमला किया था, उस वक्त वह कई हिस्सों में बंटा हुआ था।
अलकायदा के कई नेता अंडरग्राउंड हो गए थे, परंतु खत्म नहीं हुए। साथ ही, बीस सालों में अलकायदा के कई नए धड़े दुनियाभर के देशों में सबके सामने आए हैं।
यूएस ने अफगानिस्तान से अलकायदा को करीब-करीब उखाड़ फेंका। अमेरिका पर हमले के करीब दस साल बाद उसने 2 मई 2011 को एक सीक्रेट मिशन में पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपकर रह रहे लादेन को उसी के घर में घुसकर मार गिराया।
अमेरिका पर आतंकी हमले का आइडिया कैसे आया ओसामा बिन लादेन के दिमाग में?
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अमेरिका पर इतने बड़े आतंकी हमले के बाद यह सवाल उठने लगे कि आखिर ओसामा बिन लादेन को कैसे इस तरह के हमले का आइडिया आया।
द यरूशलेम पोस्ट के अनुसार, साल 1999 में एक पायलट गामिल अल-बातौटी ने इजिप्ट एयर के प्लेन को समुद्र में गिरा दिया था, जिसमें 217 पैसेंजर मारे गए थे।
ऐसे माना जाता है कि जब ओसामा बिन लादेन ने उस गामिल के बारे में पढ़ा, उसके बाद वहीं से यह विचार अचानक उसके दिमाग में आया।
ऐसा कहा जाता है कि उस वक्त अचानक लादेन के मुंह यह निकल पड़ा कि क्यों न क्रैश करवा दिया जाए और
उसके करीब दो साल बाद लादेन ने अमेरिका में उस आतंकी घटना को अंजाम दिया, जिसके बारे में किसी ने कल्पना नहीं की थी।
9/11 आतंकवादी हमले के दौरान लगभग 3,000 लोग मारे गए थे।
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