Breaking:फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में इमैनुएल मैक्रों की दोबारा जीत,ली पेन हारी
44 साल के मैक्रों दोबारा से फ्रांस का राष्ट्रपति चुनाव जीते हैं।यह उनकी बतौर राष्ट्रपति दूसरी पारी है।
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पेरिस:फ्रांस के राष्ट्रपति पद के चुनाव(French-presidential-election)के लिए रविवार को दूसरे चरण का मतदान हुआ,जिसमें वर्तमान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों चुनाव जीत गए(Emmanuel-Macron-wins) है।
प्राप्त रूझानों में इमैनुएल मैक्रों(Emmanuel-Macron)साफतौर पर फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव को जीतते दिख रहे है। उन्हें धुर दक्षिणपंथी नेता ली पेन ने कड़ी टक्कर(defeats-Marine-Le-Pen)दी।
लेकिन अंतत: इमैनुएल मैक्रों एक बार फिर से फ्रांस के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गए(Emmanuel-Macron-wins-French-presidential-election-second-term)है।
इतना ही नहीं,फ्रांस की धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन ने फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में स्वंय की हार स्वीकर कर ली(defeats-Marine-Le-Pen)है और मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को विजयी मान लिया।
पेन ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में उनका अभूतपूर्व प्रदर्शन अपने आप में एक शानदार जीत को दर्शाता है। फ्रांस की मतदान एजेंसियां मैक्रों की जीत का अनुमान जता रही हैं।
अभी आधिकारिक एलान होना बाकी है लेकिन अनुमान बता रहे है कि इमैनुएल मैक्रोन ने 57.6% और 58.2% वोटों के साथ फिर से फ्रांस के राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया(Emmanuel-Macron-wins-French-presidential-election-second-term)है और इसके साथ उन्होंने मरीन ले पेन को हरा दिया है।
फिलहाल वोटों की गिनती जारी है और कभी भी परिणामों का ऐलान किया जा सकता है.
आपको बता दें कि 20 अप्रैल को मैक्रों और ली पेन के बीच लाइव डिबेट हुई थी, जिसमें मैक्रों आगे दिखाई दिए। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि अगर मतदान कम रहता है तो जीत का पासा किसी भी ओर पलट सकता है।
44 साल के मैक्रों दोबारा से फ्रांस का राष्ट्रपति चुनाव जीते(Emmanuel-Macron-wins-French-presidential-election-second-term) हैं।यह उनकी बतौर राष्ट्रपति दूसरी पारी है।
केवल पांच वर्षों में, मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों राजनीति में युवा नौसिखिया की छवि से हटकर एक प्रमुख वैश्विक नेता के रूप में खुद को स्थापित किया है, जो यूरोपीय संघ में महत्वपूर्ण निर्णय लेने लेते हैं। वह यूक्रेन में रूस द्वारा थोपे गये युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में गहराई से जुड़े रहे हैं।
मुखर 44 वर्षीय मध्यमार्गी मैक्रों अपनी निर्बाध कूटनीतिक सक्रियता के साथ न केवल अपना रास्ता बनाते हैं, बल्कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में अपनी जगह बनाई(Emmanuel-Macron-wins-French-presidential-election-second-term)है।
जनमत सर्वेक्षणों में कई फ्रांसीसी नागरिक राष्ट्रपति के तौर पर उनकी प्रशंसा करते हैं और उन्हें कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संघर्ष जैसे प्रमुख वैश्विक संकटों का सामना करने के लिए पद के योग्य मानते हैं।
राष्ट्रपति के तौर पर पहल बार किसी निर्वाचित पद पर आए थे, हालांकि वह अच्छे खानदान से हैं।
#BREAKING French presidency vote turnout 63.2% at 5:00 pm, down two points on 2017: ministry#presidentielles2022 pic.twitter.com/nuh8GnNz9Z
— AFP News Agency (@AFP) April 24, 2022
फ्रांस राष्ट्रपति चुनाव में महंगाई-बेरोजगारी बड़ा मुद्दा
ली पेन : अपने पिता के मुक्त बाजार, ज्यादा सरकारी खर्च की बजाय संरक्षणवादी रुख रखती हैं, वो मुक्त व्यापार की और यूरोपीय संघ की नीतियों की विरोधी हैं।
उन्होंने फ्रांस से खरीदो (Buy French) पॉलिसी के साथ, रिटायरमेंट की उम्र 60 साल करने और 30 साल से कम उम्र के युवाओं पर इनकम टैक्स माफ और तेल-गैस पर वैट को 20 से 5.5 फीसदी लाने जैसे बड़े वादे किए हैं. मध्य औऱ निम्न आय वाले परिवारों पर कोई विरासत टैक्स नहीं. 1 लाख यूरो के डोनेशन पर टैक्स नहीं
मैक्रों : पेंशन की उम्र को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने जैसे वादों से लुभा रहे हैं. लेकिन तेल-गैस की बढ़ती महंगाई से वो मुश्किलों में हैं. बेरोजगारों को सामाजिक सुरक्षा लाभ का वादा भी उन्होंने किया है।
इस्लाम भी मुद्दा–
ली पेन : कट्टरपंथी इस्लामिक सोच वाले लोगों की फ्रांसीसी नागरिकता छीनी जाएगी. फ्रेंच संवैधानिक मूल्यों को न मानने वाली मस्जिदें व अन्य इस्लामिक संस्थान बंद होंगे. हिजाब और अन्य धार्मिक पोशाकों पर बैन।
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#UPDATE In a victory speech at the base of the Eiffel Tower, French president Emmanuel Macron vowed a "renewed method" to governing the country in his second term and that he would seek to answer the "anger and disagreements that led many … to vote for the extreme right" pic.twitter.com/pvTlO59cZZ
— AFP News Agency (@AFP) April 24, 2022
मैक्रों : फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कट्टरपंथ से लड़ने का आह्वान किया है, लेकिन देश के संविधान के दायरे में सभी धर्मों का आजादी का समर्थन भी किया है.
यूरोप (Europe) का मुद्दा——-
ली पेन : सत्ता में आने पर ब्रिटेन की तरह यूरोपीय संघ से अलग होने (Frexit) और एकल मुद्रा यूरो को छोड़ने का खुला ऐलान किया है. साथ ही यूरोप के बजट में फ्रांस का योगदान कम करेंगी. यूरोपीय कानूनों पर फ्रांसीसी कानूनों को प्राथमिकता.
मैक्रों : यूरोप की एकजुटता के प्रबल समर्थक, रक्षा, तकनीक, कृषि, ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में ईयू की दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य. अमेरिकी टेक कंपनियों पर कठोर नियंत्रण के समर्थक. बेरोजगारी कम करने का फायदा मिल सकता है.
नाटो (Nato) गठबंधन…
ली पेन : ली पेन फ्रांस को ट्रांसअटलांटिक सैन्य गठबंधन नाटो से बाहर निकालना चाहती हैं. विरोधी उन्हें रूस समर्थक बताते हैं. उन्होंने रूसी हमले का विरोध किया, लेकिन रूस से फिर दोस्ती की उम्मीद जताई.
मैक्रों : फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा है कि यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia Ukraine War) के बाद से नाटो की अहमियत फिर जिंदा हो गई है. लेकिन वो यूरोपीय संघ के अमेरिकी सैन्य शक्ति पर निर्भरता कम करना चाहते हैं.
ओपिनियन पोल में कड़ी टक्कर
ओपिनियन पोल के अनुसार, मैक्रों और ली पेन में कड़ी टक्कर है। 2017 में मैक्रों ने ली पेन को 66 फीसदी वोट हासिल कर हराया था।
अगर ली पेन जीतती हैं तो फ्रांस की घरेलू और विदेश नीति में बड़ा बदलाव दिखेगा। जो भी जीतेगा, उसे जून में संसदीय चुनाव में भी जीत हासिल करनी होगी।
प्रवासियों का मुद्दा
ली पेन –सिर्फ फ्रांसीसी नागरिकों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा, अप्रवासियों को परिवार से जुड़ने का लाभ नहीं मिलेगा. बिना दस्तावेज रह रहे अप्रवासी वापस भेजे जाएंगे. अप्रवासियों को जन्म से नागरिकता नहीं.मैक्रों ने ऐसी
नीतियों का खुला विरोध किया है।
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(इनपुट एजेंसी से भी)