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नई दिल्ली:Rahul Gandhi meeting with migrants video release-राहुल गांधी और प्रवासी मजदूरों की लॉकडाउन (Lockdown) की मुलाकात ने खासी सुर्खियां बटोरी थी और भाजपा की ओर से निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इसे ड्रामेबाजी करार दिया था।
अब राहुल गांधी ने प्रवासी मजदूरों के साथ हुई अपनी उसी मुलाकात का वीडियो जारी किया है।
गौरतलब है कि देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) का प्रकोप जारी है इसलिए लॉकडाउन भी 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
जब से देश में लॉकडाउन लगा है तभी से लगातार प्रवासी मजदूरों का पैदल पलायन जारी है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते दिनों घर लौटते प्रवासी मजदूरों से सड़क किनारे बैठकर बात की थी।
आज राहुल गांधी की ओर से इसी मुलाकात की डॉक्यूमेंटरी जारी की (Rahul Gandhi meeting with migrants video release) गई।
इस वीडियो में पैदल पलायन करते प्रवासी मजदूरों ने राहुल गांधी को अपना दर्द और तकलीफें बताई है। ये प्रवासी मजदूर हरियाणा से यूपी के झांसी पैदल जा रहे थे।
एक प्रवासी महिला इस वीडियो में लॉकडाउन (Lockdown) में हो रही तकलीफ बयां करते हुए कह रही है कि वे तीन दिन से भूखे है। भूख से मर रहे है। उसके साथ उसके बच्चे है। घर नहीं जाएं तो क्या करें।
अपने-अपने घरों को लौट रहे इन प्रवासी मजदूरों ने राहुल गांधी के साथ बातचीत में बताया कि वह लोग हरियाणा से चलकर आ रहे है और तकरीबन 100 किमी. की दूरी तय कर चुके है।
जब उनसे खाने के बारे में सवाल पूछा गया तो एक प्रवासी मजदूर (migrants) के परिवार ने बताया कि रास्ते में कुछ मिल गया तो खा लेते है वर्ना ऐसे ही चल रहे है।
इस मजदूर के परिवार ने कहा है कि लॉकडाउन से पहले अगर कुछ समय दे दिया जाता तो सभी अपने गांव की ओर निकल लेते।
अब हर बार लॉकडाउन की तारीख बढ़ रही है। इसलिए हम घर जाने को मजबूर है।
Watch this short film in which I speak with India’s real nation builders, our migrant brothers & sisters. https://t.co/As99mjVvyt
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 23, 2020
जब इन मजदूरों से वापस आने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि फिलहाल तो वापस आने की सोच ही नहीं रहे है। हम लोगों ने दो महीने तक पड़ोसियों से पैसे लेकर, गेहूं बेचकर काम चलाया।
इस बातचीत के दौरान एक महिला ने कहा कि जान बचे तो लाखों पाए। उन्होंने आरोप लगाया कि खाते में पैसे डालने की बात कही जा रही है,लेकिन एक भी पैसा मिला नहीं है।
एक रुपये की मदद नहीं मिली। हमें कुछ नहीं मिला है।
इस वीडियो को रिलीज (Rahul Gandhi meeting with migrants video release) करने से पहले राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया और कहा कि, “कुछ दिन पहले, इन मजदूर भाई-बहनों से भेंट हुई जो हरियाणा से सैकड़ों किमी दूर यूपी के झांसी में अपने गांव पैदल ही जा रहे थे।
आज सुबह 9 बजे इनके धैर्य, दृढ़ संकल्प और आत्मनिर्भरता की अविश्वसनीय कहानी मेरे YouTube चैनल पर देखिए।”
कुछ दिन पहले, इन मजदूर भाई-बहनों से भेंट हुई जो हरियाणा से सैकड़ों किमी दूर यूपी के झांसी में अपने गाँव पैदल ही जा रहे थे। आज सुबह 9 बजे इनके धैर्य, दृढ़ संकल्प और आत्मनिर्भरता की अविश्वसनीय कहानी मेरे YouTube चैनल पर देखिए। https://t.co/3FJjMvwxow pic.twitter.com/2OBs0WzcuG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 23, 2020
गौरतलब है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 20 लाख करोड़ के पैकेज पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर भड़कते हुए कहा था कि वह (राहुल गांधी) ड्रामेबाज है।
उन्होंने (राहुल गांधी) मजदूरों के साथ बैठकर, उनसे बात करके उनका टाइम बर्बाद किया है।
उन्हें मजदूरों के बच्चों को और उनके सामान को उठाकर उनके साथ चलना चाहिए था।
जिन राज्यों में कांग्रेस (Congress) की सरकार है उनसे क्यों नहीं कहते कि और ट्रेनें मंगाए और मजदूरों को घर लेकर आएं।
सोनिया गांधी से कहती हूं कि पलायन कर रहे मजदूरों के मुद्दे को जिम्मेदारी से डील करना चाहिए।
Rahul Gandhi meeting with migrants video release
(इनपुट एजेंसी से भी)