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Thursday Thoughts-जुबां से ये मैं क्यूँ कहूँ,

भला हुआ-बुरा हुआ..., - है दर्ज उसके पास सब... वहां है सब लिखा हुआ. 

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जुबां से ये मैं क्यूँ कहूँ 

भला हुआ-बुरा हुआ 

है दर्ज उसके पास सब 

वहां है सब लिखा हुआ 

Thursday thoughts: जो बुरे दिनों से लड़ता है,उन्हीं का ही अच्छा दिन आता है

दुनिया में झूठ आसानी से फैलता है,

सच को मेहनत करनी पड़ती है।

“कुछ कर गुज़रने वाले लोग मांगने पर नहीं,
सुबह जागने और मेहनत करने पर विश्वास करते है।

“जो बुरे दिनों से लड़ता है,

उन्हीं का ही अच्छा दिन आता है 

 

कुछ भी हो मुश्कुराते रहो

इस बुरे वक्त का भी बुरा वक्त आएगा,

तेरी भी रात ख़त्म होगी और नया कल आएगा 

“जिन्हें अपने आप पर भरोसा होता है

उन्हें पता होता है,

आज नहीं तो कल उनके सपने जरूर पूरे होंगे 

कामयाब वही होते है,

जिन्हें अपने अंदर की कमी दिखती है।

जो अपनी मन की स्थिति बदल लेता है,

फिर वो अपनी ज़िंदगी की परिस्थिति भी बदल लेता है।

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Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।

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