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नई दिल्ली,(समयधारा) : डॉक्टर व सोशल वर्कर्स पर हो रही हिंसा को लेकर आज कैबिनेट की बैठक के बाद प्रकाश जावडेकर ने कई महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी l
हो रहा है यूं कि जांच के लिए किसी इलाके में गए डॉक्टरों के साथ मारपीट भी हो रही है। तो पुलिस या अन्य सोशल वर्कर्स पर हमले हो रहे है l
उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में डॉक्टरों पर हो रहे हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अगर कोई डॉक्टर या किसी भी फ्रंट वॉरियर की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाता है,
तो नुकसान पहुंचाने वाले से उस सामान के मार्केट वैल्यू की दोगुनी रकम वसूली जाएगी।
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि एपिडेमिक डिजीज एक्ट, 1897 में संशोधन के अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है ताकि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हिंसा रोकी जा सके।
डॉक्टरों या मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट करने का दोषी पाए जाने पर 6 महीने से लेकर 7 साल की सजा हो सकती है।”
जावडे़कर ने कहा कि किसी भी सूरत में डॉक्टरों पर हो रहे हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “हेल्थ वर्कर्स देश को इस महामारी से बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
ऐसे में उनपर हमले होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इनके खिलाफ हिंसा या प्रताड़ित करने की एक भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार इस मामले में एक अध्यादेश लेकर आई है। जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा।”
डॉक्टरों पर लगातार हो रहे हमलों की वजह से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने 22 और 23 अप्रैल को ब्लैक डे मनाने का आह्वान किया था।
हालांकि होम मिनिस्टर अमित शाह के कहने के बाद उन्होंने यह विरोध वापस ले लिया था।
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