![Income Tax Return filling deadline has been extended till December 31 now](/wp-content/uploads/2021/02/samaydhara-latest-news_optimized.jpg)
नई दिल्ली, 31 मार्च : केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी तरह का ‘दबाव या हड़ताल’ देश में अवैध बूचड़खानों को बंद होने से नहीं बचा सकता। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नदीमुल हक द्वारा राज्यसभा में अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई का मुद्दा उठाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री नकवी ने कहा, “यह वैधता और अवैधता (बूचड़खाना) का मामला है। अवैध बूचड़खाने न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरनाक हैं।”
मंत्री ने कहा, “किसी भी तरह का दबाव या हड़ताल इन अवैध बूचड़खानों को बंद होने से नहीं रोक सकता।”
उत्तर प्रदेश में मांस कारोबारियों द्वारा जारी विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर इस मुद्दे को शून्यकाल के दौरान उठाया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध बूचड़खानों को बंद कराने की एक मुहिम शुरू की है। अन्य राज्य भी इस मुहिम में शामिल हो गए हैं।
बूचड़खानों तथा मांस की दुकानों पर ‘मनमाने’ तरीके से कार्रवाई का मुद्दा उठाते हुए हक ने कहा कि लोग क्या खाना चाहते हैं, इस पर सरकार का हुक्म नहीं चलेगा।
उन्होंने कहा, “केवल उत्तर प्रदेश में ही कसाइयों तथा मांस की दुकानों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा, बल्कि झारखंड तथा अन्य राज्यों में भी ऐसा हो रहा है। करोड़ों लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है। प्रतिक्रियास्वरूप ये लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके कारण मांस की कमी हो गई है।”
सदस्य ने कहा कि इसके कारण अन्य उद्योगों जैसे चमड़े तथा होटल भी प्रभावित हो रहे हैं।
हक ने कहा, “आज की तारीख में उत्तर प्रदेश के विकास दर में इसकी हिस्सेदारी का 14 फीसदी दांव पर लगा है।”
उन्होंने कहा, “लोगों को क्या खाना चाहिए, इस पर सरकार के तानाशाही रवैये से उनकी पसंद का अधिकार छीना जा रहा है और यह उनके मानवाधिकार का अपमान है। लोग किस तरह जिएंगे और वे क्या खाएंगे, इस पर सरकार को हुक्म जारी नहीं करना चाहिए।”
–आईएएनएस