चीन-पाकिस्तान आदि पड़ोसी देशों-FDI के ऑटोमेटिक निवेश पर रोक
चीन-पाकिस्तान आदि FDI निवेश पर सरकार का शिकंजा, भारत से लगी सीमा वाले देश नहीं कर सकेंगे बिना सरकार की इजाजत के भारत में निवेश
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नई दिल्ली, (समयधारा) : देश में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के वजह से इकोनॉमिक्स के हालात काफी ख़राब चल रहे है l
कई बड़ी कंपनियों के शेयरों के दाम इस समय आधे से भी ज्यादा गिर गए है l
डूबती इकोनॉमिक्स की वजह से कई बड़े देशी-विदेशी कंपनिया भारतीय कंपनियों में निवेश कर रही है l
अभी पिछले दिनों ही द पीपल बैंक ऑफ़ चाइना ने HDFC में अपना निवेश बढ़ाकर 1 प्रतिशत तक कर दिया था l
गौरतलब है कि ऐसी खबरें आई है कि कोरोना से फैली अफरा-तफरी का फायदा उठाते हुए चीन पूरी दुनिया में अपना निवेश तेजी से बढ़ा रहा है।
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इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है l चीन से आने वाले विदेशी निवेश पर सरकार ने सख्ती कर दी है।
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सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिन-जिन देशों से भारत की सीमा लगती है,
वहां से होने वाले फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट को पहले सरकार से मंजूरी लेनी होगी।
अब तक ये इन्वेस्टमेंट ऑटोमेटिक रूट से हो जाते थे। अब चीन समेत सभी पड़ोसी देशों से FDI पर मंजूरी लेनी जरूरी होगी।
मैनेजमेंट कंट्रोल पर असर पड़ने वाले FDI पर भी मंजूरी जरूरी होगी। बता दें कि जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया,स्पेन, इटली ऐसा ही कदम उठा चुके हैं।
कोरोना की वजह से ये कदम उठाए गए हैं। सरकार के इस कदम का लक्ष्य वैल्यूएशन में गिरावट का फायदा उठाने वालों पर सख्ती करना है।
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COVID-19 के कारण दुनिया भर के शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गए है।
शेयरों के भाव में इस भारी गिरावट को चीन अपने लिए एक बढ़िया मौके के रुप में देख रहा है और तेजी से अपना निवेश बढ़ा रहा है।
सरकार ने यह कदम कोरोना माहामारी से उत्पन्न आर्थिक अफरा-तफरी में अवसरवादी अधिग्रहण को रोकने के उद्देश्य से उठाया है।
सरकार ने एफडीआई पॉलिसी 2017 में संशोधन करते हुए फैसला लिया है कि भारत की सीमा से सटे देशों की कोई कंपनी या व्यक्ति केवल उन्हीं कंपनियों और सेक्टर में निवेश कर सकते है जिनमें निवेश की इजाजत सरकार की तरफ से दी गई है।
सरकार के इस फैसले के जद में पाकिस्तान, चीन, बंगाला देश जैसे देशों के निवेशक आएंगे।
इन देशों के निवेशक भारतीय डिफेंस स्पेस एंटॉमिक एनर्जी और दूसरे स्ट्रेटेजिक महत्तव के सेक्टर और कंपनियों में निवेश नहीं कर पाएंगे।
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