Hindenburg Research Report:अडानी ग्रुप में हिस्सेदारी को लेकर SEBI चीफ पर आरोपों की बौछार,विपक्ष हमलावर
हिंडनबर्ग रिसर्च की इस नई रिपोर्ट में किए दावों को अडानी ग्रुप ने सिरे से खारिज कर दिया है और सेबी चीफ माधबी पुरी बुच ने भी बयान जारी करके इन आरोपों को निराधार बताया है। लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर अब मोदी सरकार और अडानी ग्रुप व सेबी चीफ की भूमिका पर सवाल उठा रहा है।
Hindenburg-research-report-allegations-on-SEBI-Chief-regarding-stake-in-Adani-Group
नई दिल्ली:हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट(Hindenburg-research-report)ने एक बार फिर से देश में तहलका मचा दिया है।
इस बार निशाने पर अडानी ग्रुप(Adani Group)के साथ सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी(Madhabi Buch Puri)बुच(Hindenburg-research-report-allegations-on-SEBI-Chief-regarding-stake-in-Adani-Group)है।
तकरीबन डेढ़ साल पहले हिंडनबर्ग रिसर्च(Hindenburg Research)ने विश्व के बिलेनियर की लिस्ट में शुमार भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी(Gautam Adani)पर देश में “कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े घोटाला” का आरोप लगाया था
और अब हिंडनबर्ग रिसर्स ने शनिवार को एक और सनसनीखेज खुलासा करते हुए आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पास अडानी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी(Hindenburg-research-report-allegations-on-SEBI-Chief-regarding-stake-in-Adani-Group)है।
इससे न केवल शेयर मार्केट में भूचाल आने के संकेत है बल्कि देश की सियासत भी उफान पर आ गई है।
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद सेबी से जवाब तलब करके सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप के कथित घोटाले को क्लीनचिट दी थी।
लेकिन अब शनिवार को हुए इस विस्फोटक धमाके के बाद कि खुद सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की अडानी समूह से जुड़े ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी(Hindenburg-research-report-allegations-on-SEBI-Chief-regarding-stake-in-Adani-Group) है कि खबर से सेबी चेयरपर्सन की भूमिका और अडानी ग्रुप को दी गई उनकी क्लीन चिट संदेह के घेरे में आ गई है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की इस नई रिपोर्ट में किए दावों को अडानी ग्रुप ने सिरे से खारिज कर दिया है और सेबी चीफ माधबी पुरी बुच ने भी बयान जारी करके इन आरोपों को निराधार बताया है।
लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर अब मोदी सरकार और अडानी ग्रुप व सेबी चीफ की भूमिका पर सवाल उठा रहा है।
अब माता-पिता के खातों से भी बच्चों के नाम पर म्यूचुअल फंड में कर सकेंगे निवेश:SEBI का नया सर्कुलर
हिंडनबर्ग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, “मौजूदा सेबी(SEBI)चेयरपर्सन और उनके पति धवल बुच के पास ठीक उसी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड में छिपी हुई हिस्सेदारी थी, जो उसी कॉम्प्लेक्स नेस्टेड स्ट्राक्चर में पाए गए थे, जिसका इस्तेमाल विनोद अडानी ने किया था.”
बता दें कि विनोद अडानी अरबपति गौतम अडानी के भाई हैं और वह दुबई में रहते हैं.
व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला था.
ऑफशोर मॉरीशस फंड को आईआईएफएल के जरिए अडानी के एक निदेशक की ओर से स्थापित किया गया था और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्ट्रर्ड है.
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया,”विनोद अडानी के पैसे के लिए कथित तौर पर एक फ़नल के रूप में इस्तेमाल किए जाने के अलावा, इस छोटे से फंड के अडानी से अन्य करीबी संबंध भी थे।
उनकी जीवनी के अनुसार, IPE प्लस फंड के संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी (CIO)अनिल आहूजा थे।
उसी समय, आहूजा अडानी एंटरप्राइजेज के निदेशक थे, जहाँ उन्होंने जून 2017 में समाप्त होने वाले नौ वर्षों में तीन कार्यकाल पूरे किए, उनकी जीवनी और एक्सचेंज के खुलासे के अनुसार। इससे पहले वे अडानी पावर के निदेशक थे.”
हिंडनबर्ग ने कहा, इसने कहा कि गंभीर विनियामक हस्तक्षेप के जोखिम के बिना संचालन जारी रखने में अडानी का विश्वास “सेबी अध्यक्ष, माधबी बुच के साथ अडानी के संबंधों के माध्यम से समझाया जा सकता है.”
SEBI ने ZEE के सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका के डायरेक्टर पद पर लगाई रोक,फंड्स की हेराफेरी का आरोप
सेबी चीफ का आया बयान
बता दें कि मामला सामने आने के बाद सेबी चीफ का संयुक्त रूप से बयान सामने आया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को “निराधार” बताते हुए सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने आज कहा कि अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर अडानी विवाद में नियामक द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब में हुई बदनामी का सहारा ले रही है.
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, ने उसी के जवाब में चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प चुना है.”
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अदानी ग्रुप का बयान
हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट के दावों पर अडानी ग्रुप ने भी बयान जारी किया है और कहा है कि हिंडनबर्ग के नए आरोप तथ्यों और कानून की उपेक्षा के साथ व्यक्तिगत मुनाफाखोरी के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और चालाकीपूर्ण चयन हैं।
हम अडानी समूह के खिलाफ इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं, जो बदनाम दावों का पुनर्चक्रण है, जिनकी गहन जांच की गई है, जो निराधार साबित हुए हैं और जनवरी 2024 में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही खारिज कर दिए गए हैं।’
(Hindenburg-research-report-allegations-on-SEBI-Chief-regarding-stake-in-Adani-Group)
(इनपुट एजेंसी से भी)