बीमारी के चलते दिल्ली के इस स्कूल ने बच्चे को समय रहते नहीं देने दिया 10वीं का पेपर
हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,बच्चे की बीमारी का कारण किडनी ट्रांसप्लांट से रिकवरी थी।
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नई दिल्ली:कोरोना और बढ़ते प्रदूषण(Delhi Pollution)के कारण दिल्ली के स्कूलों में बच्चों(Delhi Schools) की ऑफलाइन पढ़ाई और परीक्षा व्यवस्था न केवल चरमा गई है बल्कि इंसानियत भी कहीं खो गई है।
इसकी बानगी गुरुवार को दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस के कैनिंग रोड स्थित एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में देखने को मिली,जब बच्चे को दसवीं की परीक्षा(10th Board exam)महज इसलिए समय रहते नहीं देने दी गई,चूंकि वह बीमार(Delhi-school-not-allowed-child-to-give-10th-paper-on-time-due-to-illness)था।
हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,बच्चे की बीमारी का कारण किडनी ट्रांसप्लांट से रिकवरी थी।
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जानें क्या है पूरा मामला?
सूत्रों से पता चला है कि दिल्ली के कनॉट प्लेस में कैनिंग रोड पर स्थित केरला स्कूल(Kerala school)में 2 दिसंबर,गुरुवार को 10वीं के विज्ञान विषय की बोर्ड परीक्षा आयोजित की गई थी।
इस परीक्षा में एक बच्चा अपनी बीमारी की अवस्था में अपना भविष्य बर्बाद न हो,इसके लिए स्कूल परीक्षा देने पहुंच गया।
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लेकिन बच्चों को स्कूल के गार्ड ने समय रहते कक्षा में प्रवेश नहीं करने दिया। यह देखकर स्कूल के बाहर उपस्थित प्रत्यक्षदर्शी भीड़ ने काफी हंगामा खड़ा कर दिया।
एक प्रत्यक्षदर्शी महिला दीपिका शर्मा ने समयधारा को बताया कि बच्चे की तबीयत किडनी ट्रांसप्लांट रिकवरी के कारण थोड़ी खराब थी।
बच्चा बार-बार गुहार कर रहा था कि उसका साइंस का एग्जास है लेकिन स्कूल के गार्ड ने उसे समय रहते कक्षा में प्रवेश नहीं करने(Delhi-school-not-allowed-child-to-give-10th-paper-on-time-due-to-illness)दिया।
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यह देखकर वहां उपस्थित भीड़ ने खासा हंगामा खड़ा किया। इतने में स्कूल के एक अधिकारी की गाड़ी जब स्कूल में प्रवेश करने लगी,तो भीड़ ने उनके समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया।
जिसके पश्चाात बच्चे को स्कूल में प्रवेश तो मिला,लेकिन तब तक विज्ञान की परीक्षा खत्म होने में महज तकरीबन आधा घंटा बचा था।
अब आधे घंटे में बीमारी की अवस्था में बच्चे ने किस तरह अपना पेपर लिखा होगा,इसके बारे में आप अनुमान लगा ही सकते है।
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