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अब आ गया है COVID-19 का कप्पा वेरिएंट,जानें कितना खतरनाक है ये

इस समय यह वेरिएंट देश और खासकर उत्तर प्रदेश में बहुत चर्चा में है...

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नई दिल्ली:कोविड-19(COVID-19)का अब एक और वेरिएंट्स कप्पा वेरिएंट (Kappa Variant)सामने आया है। इस समय यह वेरिएंट देश और खासकर उत्तर प्रदेश में बहुत चर्चा में है।

दरअसल,हाल ही में लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में 109 सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग में से 107 कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट (Coronavirus Delta Variant) के पाए गए जबकि दो मामले कप्पा वेरिएंट के थे।

इसमें पहला मामला संत कबीर नगर में सामने आया जहां 66 वर्षीय मरीज की मौत हो गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जून के आंकड़ों के मुताबिक भारत में अल्फा वेरिएंट के 3,969, बीटा के 149, गामा के 1 और डेल्टा और वेरिएंट के 16,238 के मामले सामने आए थे।

बी.1.617 संस्करण के मामले पहली बार महाराष्ट्र में दर्ज किए गए थे और इसे “राज्य के कई जिलों में मामलों में देखी गई असामान्य वृद्धि से जोड़ा गया था।”

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कप्पा संस्करण डेल्टा द्वारा भारी पड़ गया है।

 

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तो चलिए सबसे पहले बताते है कि क्या है कप्पा वेरिएंट?( kappa variant kya hai)

 

कप्पा कोई नया वेरिएंट नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की वेबसाइट पर SARS-Cov-2 की ट्रैकिंग के मुताबिक, कप्पा वेरिएंट सबसे पहले अक्टूबर 2020 में पाया गया था।

यह वेरिएंट B.1.617.1 के तौर पर पहचाना गया जबकि डेल्टा वेरिएंट B.1.617.2 के तौर पर दर्ज किया गया।

 क्या कप्पा वेरिएंट बहुत खतरनाक है? क्या इसे ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ की श्रेणी में रखा जा सकता है?

WHO ने इस वेरिएंट को अब तक इसे ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ करार नहीं दिया है। दुनिया के 30 देशों में फैल चुके लैंब्डा वेरिएंट की तरह कप्पा भी वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में है।

कोरोनोवायरस जीनोम का एक विश्वव्यापी डेटाबेस रखने वाले म्यूनिख स्थित GISAID के अनुसार, भारत ने अब तक 3,693 कप्पा सैम्पल जमा किए हैं.

यह दुनिया में सबसे बड़ी संख्या है. पिछले 4 हफ्तों में, भारत में इस वेरिएंट के 2 सैंम्पल लिए गए थे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मई के अंत में इस वेरिएंट को कप्पा का नाम दिया.

इस वेरिएंट में एक दर्जन से ज्यादा म्यूटेशन पाए गए हैं, जिनमें से दो की पहचान की गई है. E484Q और L452R. इसी वजह से कप्पा को “डबल म्यूटेंट” भी कहा जाता है.

 

क्या यह डबल म्यूटेंट है?

हां, डेल्टा की तरह कप्पा भी अपने दो म्यूटेशंस EE484Q और L452R के चलते डबल म्यूटेंट है।

 

क्या यह वैरिएंट इम्यून एस्केप है?

ऐसा माना जाता है कि L452R म्यूटेशन शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बचने के लिए प्रकार की मदद कर सकता है.

 

 क्या ये कप्पा वेरिएंट के नए मामले हैं?

नहीं, जैसे कि कप्पा वेरिएंट के मामले अक्टूबर 2020 में पाए गए थे। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि ये वायरस का कोई नया प्रकार नहीं है। ये वेरिएंट कई मामलों में पहले भी पाया जा चुका है।

 

 

डेल्टा और कप्पा के बीच फर्क क्या है?

what is Difference Between Delta And Kappa variant

 

ये दोनों वेरिएंट B.1.617 के एक ही वंश से संबंधित हैं। भारत में पहली बार अक्टूबर 2020 में पाए गए हैं।

डेल्टा दुनिया भर में एक खतरे के रूप में उभरा है क्योंकि दुनिया में वर्तमान में ज्यादातर कोविड-19 मामले डेल्टा वेरिएंट के हैं।

भारत में महामारी की दूसरी लहर भी डेल्टा वेरिएंट के कारण थी। डेल्टा प्लस नामक डेल्टा का एक और म्यूटेंट अब भारत सहित कई देशों में उभरा है।

 

 

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