शायरी – नासमझ हूँ साहब, शब्दों की मिट्टी से महफ़िल सजाता हूँ..
किसी को बेकार तो किसी को लाजवाब नज़र आता हूँ..
Sayaris In Hindi Love Shayri
नासमझ हूँ साहब,
शब्दों की मिट्टी से महफ़िल सजाता हूँ..
किसी को बेकार
तो किसी को लाजवाब नज़र आता हूँ…
लोग आँखों में आँखें डालकर
प्यार की बात करते हैं..!!
हमारी तो पलकें
उनके नाम से ही झुक जाती हैं..!
शायरी : दर्द सबके एक है, मगर हौंसले सबके अलग-अलग है
दर्द सबके एक है,
मगर हौंसले सबके अलग-अलग है,
कोई हताश हो के बिखर गया
तो कोई संघर्ष करके निखर गया !
कारवाँ ए जिंदगी
हसरतों के सिवा
कुछ भी नहीं
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं
ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..
दूरियाँ
तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में ,
कोरोना ने आकर
इल्ज़ाम अपने सर ले लिया
Shayari in Hindi : मेरी आँखों में आँसू नहीं, बस कुछ नमी है, वजह तू नहीं, तेरी ये कमी है.
मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,
हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !
मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,
जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !
कभी मैं तो कभी वक्त मुझसे जीत गया…, इस खेल में एक साल और बीत गया…
यह शायरियां भी पढ़े :
आरजू शायरी : तेरी आरजू ने कुछ यू दीवाना किया, ख्वाब की जूस्तजु ने खुद से बेगाना किया..
बारिश शायरी : बादलों के दरमिया साजिश होने लगी…कल उसने मिलने का वादा किया था…
इश्क शायरी : इश्क़ जब इबादत बन जाता है तो खुदा खुद हमारे इश्क़ की
चाहत शायरी : नजर की स्याही से लिखेंगे तुम्हें हजार चिठ्ठियाँ…!!
Life Shayari : हवाओं की भी अपनी…अजब सियासतें हैं साहब,
कोरोना शायरी : दूरियाँ तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में…..
मुस्कान शायरी : हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं, साहब…!
जिंदगी शायरी : तलाश ज़िन्दगी की थी, दूर तक निकल पड़े ….
शायरी : एक खिलौना ही तो हूँ. मैं आपके हाथों का,रुठते तुम हो और टूटता मैं हूँ
Sayaris In Hindi Love Shayri