
Gold-Rate-Today-Price Crosses-1-Lakh Future-Prediction
📈 क्यों बढ़ी सोने की कीमत?
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारण हैं:
🔸 अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी: डॉलर में गिरावट और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने सोने की मांग को बढ़ाया है।
🔸 बढ़ती महंगाई और ब्याज दरें: निवेशक अब सोने को सुरक्षित विकल्प के रूप में देख रहे हैं।
🔸 भू-राजनीतिक तनाव: ईरान-इज़राइल संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे हालातों से निवेशक सोने की ओर रुख कर रहे हैं।
🔸 घरेलू मांग: शादी-विवाह और त्योहारों का सीजन शुरू होने से सोने की मांग बढ़ी है।
🧮 वर्तमान दरें
24 कैरेट सोना: ₹1,00,200 प्रति 10 ग्राम
22 कैरेट सोना: ₹91,800 प्रति 10 ग्राम
(नोट: दरें शहर और टैक्स के अनुसार अलग हो सकती हैं)
🔮 आगे क्या हो सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर वर्तमान परिस्थितियां बनी रहीं तो सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
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कुछ मार्केट एनालिस्ट मानते हैं कि 2025 के मध्य तक सोना ₹1.10 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
हालांकि, कुछ करेक्शन (कीमतों में हल्की गिरावट) की भी संभावना है अगर:
ग्लोबल मार्केट में स्थिरता आती है
डॉलर मजबूत होता है
ब्याज दरें घटती हैं
💡 क्या करें निवेशक?
✔️ लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह समय अनुकूल हो सकता है
✔️ छोटी अवधि में सावधानी रखें – कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है
✔️ डिजिटल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स जैसे विकल्पों पर भी विचार करें
📢 निष्कर्ष:
सोने ने ₹1 लाख का आंकड़ा पार कर इतिहास रच दिया है। यह न सिर्फ एक आर्थिक संकेत है, बल्कि बाजार की भावनाओं को भी दर्शाता है। यदि आप निवेश करने की सोच रहे हैं, तो सही जानकारी और रणनीति के साथ कदम बढ़ाना ज़रूरी है।
एक्सपर्ट्स का कहना है गोल्ड इंडेक्स गिरकर तीन साल के निचले स्तर पर आ गया है। इससे सोने को सपोर्ट मिला है।
गोल्ड की कीमतों में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। सवाल है कि गोल्ड में निवेश के लिए सबसे अच्छा तरीका क्या है?
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आप घर बैठे सोने में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) सोने में निवेश करने के लिए आपका पहला विकल्प है।
गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की कीमतों को ट्रैक करता है। इसका मतलब है कि ईटीएफ की यूनिट की कीमत गोल्ड की कीमतों पर आधारित होती है।
गोल्ड ईटीएफ स्कीम फिजिकल गोल्ड में निवेश करती है। गोल्ड ईटीएफ की 1 यूनिट एक ग्राम गोल्ड की कीमत के बराबर होती है।
गोल्ड ईटीएफ स्कीम स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होती है। इसलिए इसमें लिक्विडिटी की दिक्कत नहीं होती है।
आपको यह ध्यान रखना होगा कि चूंकि गोल्ड ईटीएफ स्कीम फिजिकल गोल्ड की कीमतों को ट्रैक करती है,
जिससे गोल्ड की कीमतों में उतारचढ़ाव का असर इसकी यूनिट्स पर पड़ता है।
सोने में निवेश के लिए दूसरा विकल्प म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम है। यह म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की गोल्ड स्कीम है।
यह गोल्ड ईटीएफ में इनवेस्टर्स के पैसे का निवेश करती है। इससे गोल्ड की कीमतों में तेजी का फायदा गोल्ड म्यूचुअल फंड के इनवेस्टर्स को मिलता है।
गोल्ड म्यूचुअल फंड में SIP से निवेश किया जा सकता है। यह लंबी अवधि में गोल्ड में बड़ा निवेश करने में मददगार है।
चूंकि, यह एक्टिव स्कीम है, जिससे इसका रिटर्न लंबी अवधि में गोल्ड के रिटर्न से ज्यादा हो सकता है। इसमें लिक्विडिटी की भी कोई दिक्कत नहीं है।
इंडिया में फिजिकल गोल्ड में निवेश करने की परंपरा रही है। हालांकि, ज्यादातर निवेश शादी के मौके पर होता है।
परिवार शादी के मौके पर बेटे-बेटी को गोल्ड ज्वैलरी देते हैं। इसलिए इंडिया में फिजिकल गोल्ड की डिमांड काफी ज्यादा है।
फिजिकल गोल्ड आप ब्रांडेड गोल्ड कंपनियों से कर सकते हैं। आप गोल्ड ज्वैलरी, गोल्ड कॉइन, गोल्ड बार आदि खरीद सकते हैं। लेकिन, इन्हें सुरक्षित रखना एक बड़ा चैलेंज होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की शुरुआत 2025 में हुई थी। तब से सरकार इसकी 67 किस्तें जारी कर चुकी है।
एसजीबी BSE और NSE में सूचीबद्ध हैं। इन्हें स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए खरीदा जा सकता है। हालांकि, इसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है।
चूंकि, सरकार ने पिछले साल फरवरी से एसजीबी की नई किस्त पेश नहीं की है, जिससे अब इसे सिर्फ स्टॉक एक्सचेंजों से खरीदने का ही विकल्प है।
बताया जाता है कि सरकार की दिलचस्पी एसजीबी की नई किस्त जारी करने में नहीं है।
एसजीबी 8 साल में मैच्योर हो जाता है। इश्यू की तारीख से 5 साल बाद इसमें से पैसा निकाला जा सकता है।
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