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किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसा मामले में 22 FIR दर्ज,86 पुलिसवाले घायल,लाल किले में फोर्स तैनात

लाल किला मेट्रो स्टेशन (Red fort metro station)पर प्रवेश द्वार बंद रखा गया है और हालांकि आप यहां से बाहर निकल सकते है यानि निकासी की मंजूरी है....

Farmers-tractor-rally-violence-22 FIR filed

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस(Republic Day 2021) 26 जनवरी को  किसानों की ट्रैक्टर रैली तय समय से पहले ही शुरू हो गई और देखते ही देखते अराजक हो (Farmers-tractor-rally-violence)चली।

नतीजा किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा और गणतंत्र दिवस किसान व पुलिस के बीच हिंसा भड़क उड़ी।

अब बुधवार की सुबह दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली हिंसा मामले में 22 FIR दर्ज कर (Farmers-tractor-rally-violence-22 FIR filed)ली है। इसकी जानकारी पुलिस की ओर से दी गई है।

दरअसल, गणतंत्र दिवस मंगलवार के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली(Farmer’s-tractor-rally chaotic) बेलगाम हो गई और उसके कारण हुई हिंसा में 86  पुलिसवाले जख्मी हो गए।

किसानों के एक धड़े ने किसान संयुक्त मोर्चा के निर्देश दिए गए रूट से अलग सेंट्रल दिल्ली में लाल किले(Red Fort) तक ट्रक दौड़ा दिए।

20-25 ट्रैक्टर लेकर किसान न केवल लाल किला पहुंचे बल्कि लाल किला के परिसर में अदंर जाकर वहां पर अपना झंड़ा भी फहरा दिया। आप भी देखें यह वीडियो:

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हालांकि बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किले से बाहर निकाल दिया और अब लाल किला मे्ं भारी फोर्स तैनात कर दी गई है।

दिल्लीवासियों को किसी तरह की परेशानी न हो इसलिए सभी मेट्रो स्टेशन(metro station) खुले है लेकिन लाल किला मेट्रो स्टेशन (Red fort metro station)पर प्रवेश द्वार बंद रखा गया है और हालांकि आप यहां से बाहर निकल सकते है यानि निकासी की मंजूरी है।

मिंटो रोड से कनॉट प्लेस के रास्ते को बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं, गाजीपुर मंडी, एनएच-9 और एनएच-24 को भी ट्रैफिक की आवाजाही के लिए भी बंद कर दिया गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यह एडवाइजरी दी है।

किसानों की बेलगाम ट्रैक्टर रैली हिंसा मामले में पुलिस ने बताया कि अधिकतर मामले मुकरबा चौक, गाज़ीपुर, आईटीओ, सीमापुरी, नांगलोई टी पॉइंट, टिकरी बॉर्डर और लाल किले पर हुए और इनमें 86 पुलिसकर्मी घायल हो गए है। यहां 8 बसों समेत 17 प्राइवेट गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया है।

गौरतलब है कि मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने गाज़ीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ा था। आप भी देखें यह वीडियो:

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दिल्ली पुलिस बुधवार को उपद्रवियों पर जबरदस्त एक्शन के मूड में दिख रही है। जबकि मंगलवार को किसानों के समक्ष पुलिसवाले बेबस दिख रहे थे चूंकि किसान हजारों की संख्या में थे।

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ट्रैक्टर रैली हिंसा मामले में पुलिस का क्या है बयान?

दिल्ली पुलिस ने बताया है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली पुलिस के साथ कई बैठकें की थीं और आश्वासन दिया था कि प्रस्तावित योजना के तहत शांतिपूर्ण रैली निकाली जाएगी।

लेकिन मंगलवार की सुबह रैली शुरू होने के बहुत पहले- सुबह 8 बजे से ही बवाल शुरू हो गया।

पुलिस के अनुसार, सिंघु बॉर्डर पर सुबह साढ़े आठ बजे तक कम से कम 6,000 से 7,000 ट्रैक्टर इकट्ठा हुए थे और तय किए गए रूट की बजाय सेंट्रल दिल्ली में जाने देने की मांग कर रहे थे।

पुलिस के बयान में कहा गया है, ‘दिल्ली पुलिस के मनाने के बावजूद, घोड़ों पर निहंगो, जो तलवार, कृपाण और फरसा वगैरह से सुसज्जित थे,

उनके नेतृत्व में किसान पुलिस पर हावी हो गए और कई लाइनों की बैरिकेडिंग तोड़ दी, जो मुबरका चौक और ट्रांसपोर्ट नगर के बीच में लगाए गए थे।’

पुलिस ने अपने बयान में यह भी कहा है कि आईटीओ(ITO) में- जहां पुलिस का हेडक्वार्टर है- वहां गाज़ीपुर और सिंघु बॉर्डर से किसानों का बड़ा समूह आया था और नई दिल्ली की ओर जाने की कोशिश कर रहा था। यहां उन्हें रोका गया तो हिंसा शुरू हो गई।

किसान ‘हिंसक हो गए और बैरिकेडिंग तोड़ दी, लोहे की छड़ों को नुकसान पहुंचाया। यहां तक कि बैरिकेडिंग पर तैनात पुलिसकर्मियों पर पर उन्होंने गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की।’

और फोर्स बुलाने के बाद हालात काबू में किए जा सके। पुलिस ने कहा कि इसके बाद किसान लाल किले की ओर बढ़ गए।

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