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अगले 5 वर्षों में जापान 3.2 लाख करोड़ रुपये का भारत में करेगा निवेश,जानें India-Japan वार्षिक सम्मेलन की प्रमुख बातें

पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जापान आर्थिक साझेदारी के बीच आर्थिक साझेदारी में प्रगति हुई है। जापान भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। भारत-जापान मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर 'वन टीम-वन प्रोजेक्ट' के रूप में काम कर रहा है।

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नई दिल्ली:जापान अगले पांच सालों में भारत में 5 खरब जापानी येन अर्थात करीब 3.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश(Japan-to-be-invest-Rs-3.2-lakh-cr-in-India-next-5-years)करेगा।

इस बात की जानकारी पीएम मोदी(PM Modi)ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा(Japanese PM Fumio Kishida)के साथ हुई साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में  दी।

भारत और जापान के बीच 14वीं शिखर वार्ता(India-Japan-14thAnnual-Summit-highlights)शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित हुई,जिसमें दोनों देशों के मध्य कुल छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और भी कई अन्य अहम मुद्दों पर बातचीत हुई।

इस दौरान द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों में स्वच्छ ऊर्जा को लेकर भी भागीदारी की शुरूआत की गई, जिसके तहत जापान इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी तथा स्वच्छ ईधन के क्षेत्र में भारत को सहयोग प्रदान करेगा।

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आपको बता दें कि भारत और जापान ( India Japan)के बीच यह द्विपक्षीय बैठक ऐसे वक्त हुई है, जब दुनिया में यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) को लेकर चौतरफा चिंता जताई जा रही है।

जापान के पीएम किशिदा भारत में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आए हुए है। वह प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार भारत आए हैं।

इससे पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे जब 2014 में भारत आए थे, तो पांच साल में 3.5 ट्रिलियन येन के निवेश और मदद का ऐलान उन्होंने किया था।

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा(Fumio Kishida)के साथ हुई शिखर वार्ता के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण देते हुए कहा कि भारत-जापान भागीदारी में अभूतपूर्व प्रगति हो रही है।

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पीएम मोदी के भाषण और भारत-जापान 14वें वार्षिक शिखर सम्मेलन की प्रमुख बातें :

Japan-to-be-invest-Rs-3.2-lakh-cr-in-India-next-5-years-Here-PM-Modi-Japan-14thAnnual-Summit-highlights:

-पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन में कहा कि “प्रगति, समृद्धि और साझेदारी” भारत-जापान संबंधों की नींव है, और दिल्ली भारत में जापानी उद्यमों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए समर्पित है।

-दुनिया अभी भी कोविड-19 और उसके परिणामों से जूझ रही है। वैश्विक आर्थिक सुधार प्रक्रिया में अभी भी चुनौतियां हैं। भू-राजनीतिक घटनाक्रम भी नई बाधाएं खड़ी कर रहे हैं। ऐसे में भारत-जापान गठबंधन को मजबूत करना दोनों देशों के लिए जरूरी है।

-पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जापान आर्थिक साझेदारी के बीच आर्थिक साझेदारी में प्रगति हुई है। जापान भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। भारत-जापान मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर ‘वन टीम-वन प्रोजेक्ट’ के रूप में काम कर रहा है।

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-पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत और जापान के बीच आर्थिक सहयोग में विकास हुआ है। जापान भारत के शीर्ष निवेशकों में से एक है। भारत और जापान मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल लिंक पर “एक टीम-एक परियोजना” के रूप में सहयोग कर रहे हैं।

-मोदी ने यह भी कहा कि पीएम किशिदा भारत के लंबे समय से दोस्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब वे जापान के विदेश मंत्री थे तब उनके साथ विचारों पर चर्चा करने का अवसर मिला था।

-दोनों नेताओं ने साइबर सुरक्षा, क्षमता निर्माण, सूचना साझाकरण आदि के क्षेत्रों में भारत और जापान के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

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भारत-जापान के बीच इन छह समझौतों पर हस्ताक्षर हुए:

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1- साइबर सुरक्षा के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान।

2- 20400 करोड़ रुपए की परियोजनाओं जो पेयजल आपूर्ति, सीवेज, स्वास्थ्य, जल संरक्षण, कनेक्टिवटी, वानिकी तथा जैव प्रौद्यौगिकी क्षेत्र की योजनाएं शामिल हैं।

3- एक डिप्लोमैटिक नोट है जिसमें आर्थिक साझीदारी में बदलाव किए गए हैं।

4- वेस्टवाटर मैनेजमेंट को लेकर समझौता।

5-इंडिया-जापान इंडस्ट्रिल कंपटीटिव पाटर्नशिप रोडमैप परियोजना।

6- सतत शहरी विकास को लेकर समझौता।

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