निपाह वायरस कोरोना से कहीं ज्यादा जानलेवा,निपाह में मृत्यु दर 70%,कोविड में 3%: ICMR
हर बीतते दिन के साथ देश में निपाह वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है चूंकि इससे संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है और एक्सपर्ट्स का कहना है कि निपाह वायरस कोरोना से भी कहीं ज्यादा जानलेवा(Nipah Virus more infectious than covid-19)है।
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नई दिल्ली:देश अभी तक कोविड(COVID-19)के कारण बिगड़े हालात से पूरी तरह उबरा भी नहीं है कि अब एक और नए संक्रामक वायरस ने देश में पैर पसारने शुरू कर दिए है।
इस वायरस का नाम है-निपाह वायरस(Nipah virus)।
केरल में तेजी से फैल रहा निपाह वायरस(Kerala Nipah Virus cases)धीरे-धीरे देश के अन्य राज्यों को भी अपनी जद में लेने को तैयार है।
हर बीतते दिन के साथ देश में निपाह वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है चूंकि इससे संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है और एक्सपर्ट्स का कहना है कि निपाह वायरस कोरोना से भी कहीं ज्यादा जानलेवा(Nipah Virus more infectious than covid-19)है।
ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि कि निपाह वायरस की मृत्यु दर कोविड-19 वायरस बीमारी से कहीं ज्यादा है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(ICMR) के अनुसार,निपाह वायरस से मृत्यु दर तकरीबन 70% है, जबकि देश में कोविड से मृत्यु दर तकरीबन 3%(Nipah-virus-high-death-rate-70-pec-while-Covid-3-pec-ICMR)थी।
डॉ. बहल ने कहा कि, ”कोविड में मृत्यु दर की तुलना में निपाह से संक्रमित लोगों की मृत्यु दर बहुत अधिक (40 से 70 प्रतिशत के बीच) है, जबकि कोरोना से मृत्यु दर 2-3 प्रतिशत थी।”
दूसरे शब्दो में कहें तो कोविड से संक्रमित मरीजों की तुलना में जो निपाह वायरस से संक्रमित हो रहे है उनकी मृत्यु की संभावना कहीं ज्यादा(Nipah-virus-high-death-rate-70-pec-while-Covid-3-pec-ICMR)है।
आपको बता दें कि शुक्रवार को केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के एक ताजे मामले की पुष्टि हुई, जिसके कारण अब राज्य में निपाह से संक्रमित लोगों की कुल संख्या छह हो गई है। पहले के दो मामले काफी घातक रहे है।
केरल में तेजी से बढ़ते मामलों के दौरान भारत ने ऑस्ट्रेलिया से निपाह वायरस संक्रमण(Nipah virus)के उपचार के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी(Antibody)की 20 और डोज देने के लिए कहा है।
आईसीआरएम महानिदेशक ने कहा, ”हमें 2018 में ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की कुछ खुराकें मिलीं। वर्तमान में, खुराकें केवल 10 रोगियों के लिए उपलब्ध हैं।
वैश्विक स्तर पर, भारत के बाहर निपाह वायरस से संक्रमित 14 मरीजों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दी गई है और वे सभी बच गए हैं।’
‘दवा की सुरक्षा स्थापित करने के लिए केवल चरण 1 का परीक्षण बाहर किया गया है। प्रभावकारिता परीक्षण नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘यह केवल अनुकंपा उपयोग वाली दवा के रूप में ही दिया जा सकता है।’
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राजीव बहल ने इस बात पर जोर दिया कि केरल में निपाह वायरस के सभी मौजूदा मामले एक ही इंडेक्स मरीज के संपर्क में थे और निपाह के प्रकोप को रोकने के प्रयास जारी हैं।
केरल के कोझिकोड जिले में 39 वर्षीय एक व्यक्ति के इस वायरस का नवीनतम शिकार बनने के साथ निपाह वायरस के पुष्ट मामलों की संख्या 6 तक पहुंच गई(Nipah-virus-high-death-rate-70-pec-while-Covid-3-pec-ICMR)है।
केंद्र सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) से एक उन्नत टीम को केरल के कोझिकोड भेजा है। इस टीम में मोबाइल इकाइयाँ शामिल हैं जो ऑन-साइट परीक्षण करने के लिए बीएसएल-3 प्रयोगशालाओं से सुसज्जित हैं।
वहीं, इस प्रकोप से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू करने में राज्य की सहायता के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा डॉ. माला छाबड़ा के नेतृत्व में एक विविध समूह को नियुक्त किया गया है।
निपाह वायरस संक्रमण के अलर्ट ने पड़ोसी राज्य कर्नाटक(Karnataka)को भी एक एडवाइजरी जारी करने के लिए मजबूर कर दिया है जिसमें लोगों को केरल के प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा न करने की चेतावनी दी गई है।
ICMR ने केरल में बार-बार निपाह वायरस का संक्रमण फैलने और कोरोना की तुलना में इसके ज्यादा जानलेवा होने को देखते हुए रोकथाम के लिए जल्द से जल्द टीका बनाने का काम शुरू करने की बात कही है।
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केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को कहा था कि केरल में निपाह वायरस के मरीजों की संपर्क सूची 1,080 हो गई है। इनमें से 327 स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं।