Covid-19 से ठीक होने के बाद भी रहें सतर्क,बढ़ रहे हार्ट और ब्रेन के मामले,जानें लक्षण और बचाव के टिप्स
कोरोना से ठीक होने के लंबे समय बाद(Post-Covid-19-or-long-covid-symptoms)भी बहुत से लोगों में देखा गया है कि उन्हें फेफड़ों की समस्या हो रही है,हार्ट अटैक के चांसेज औरों से कई ज्यादा बढ़ रहे है और याददाश्त,थकान जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं घेर रही है।
Post-Covid-19-or-long-covid-symptoms-caring-tips-how-to-take-care-after-recovering- corona
आपको भले ही कोरोना(Coroanvirus)से एक या दो साल पहले या फिर हाल ही में पूरी तरह ठीक हो गए हो,तो भी आप सावधान रहें।
चूंकि नई स्टडी से सामने आया है कि कोविड-19(COVID-19)से उबरने के बाद भी कई मरीजों में लॉन्ग टर्म प्रतिकूल(Long COVID)असर सेहत पर दिख रहे है,जिनमें हार्ट और ब्रेन के मामले बढ़ रहे है।
कोरोना से ठीक होने के लंबे समय बाद(Post-Covid-19-or-long-covid-symptoms)भी बहुत से लोगों में देखा गया है कि उन्हें फेफड़ों की समस्या हो रही है,हार्ट अटैक के चांसेज औरों से कई ज्यादा बढ़ रहे है और याददाश्त,थकान जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं घेर रही है।
मेडिकल टर्म में इसे पोस्ट कोविड या लॉन्ग कोविड इफेक्ट(Post Covid 19 or long covid effects) कहा जाता है।
कोरोनावायरस(Coronavirus)से उभरने के बाद भी पूरा स्वास्थ्य लाभ कई मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। उन्हें सांस लेने में समस्या आ रही है,थकान,याददाश्त,फेफड़ों में तकलीफ बढ़ रही(Post-Covid-19-or-long-covid-symptoms-caring-tips)है।
खांसी,बुखार और सांस फूलना को कोविड-19 के आम लक्षण है ही।
लेकिन परेशानी तब खड़ी हो रही है जब ठीक होने के बाद भी कोरोना के साइड इफेक्ट(COVID-19 Long-term effects) मरीजों में देखने को मिल रहे है,जिनमें उनकी आंत,दिल और मस्तिष्क में समस्याएं बढ़ रही है।
इसलिए कोरोना से उबरने के बाद भी दिमागी संबंधी बीमारियां जैसे डिप्रेशन,डिमेंशिया बढ़ रही है। नतीजा लोग आत्महत्या ज्यादा कर रहे है और कम उम्र में ही हार्ट अटैक का शिकार हो रहे(Post-Covid-19-or-long-covid-symptoms-caring-tips)है।
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56 साल के स्कॉट टेलर को 2020 में कोविड (Covid19) हुआ था।लेकिन 18 महीने बाद भी वो कोविड से उबर नहीं पाए। इसके बाद उन्होंने डालास के अपने घर में आत्महत्या कर ली।
इससे पहले वो अपना स्वास्थ्य, याददाश्त और अपना पैसा खो चुके थे। टेलर ने अपने दोस्त को लिखे आखिरी संदेश में कहा, ” किसी को फिक्र नहीं है। किसी के पास सुनने का समय नहीं है।” स्कॉट ने यह केवल अपनी नहीं लॉन्ग कोविड से जूझ रहे लाखों लोगों की व्यथा लिखी थी।”
रॉयटर्स के अनुसार, टेलर ने आगे लिखा था, ” मुझे कपड़े धोने में दिक्कत होती है, थकान, दर्द और पीठ की तकलीफ पीछा ही नहीं छोड़ती। मेरा सिर घूमता है, जी मिचलाता है, उल्टी होती है और दस्त भी रहते हैं।
ऐसा लगता है कि मैं कुछ कह रहा हूं। लेकिन समझ नहीं आता क्या कह रहा हूं।”
लॉन्ग कोविड(Long COVID) एक जटिल मेडिकल समस्या है जिसे पहचानना मुश्किल है। इसके 200 से अधिक लक्षण हैं। इनमें से कई दूसरी बीमारियों से मेल खाते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेश के अनुसार, इसमें बुखार, दर्द और दिल की धड़कन (Post-Covid-19-or-long-covid-symptoms-caring-tips)बढ़ना।
लॉन्ग कोविड से जूझ रहे लोगों में आत्महत्या(Suicide)को लेकर कोई आधिकारिक डेटा नहीं है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ और ब्रिटेन की डेटा कलेक्शन एजेंसी के अब कई वैज्ञानिक इस पर अब सबूत इकठ्ठा कर रहे हैं कि लॉन्ग कोविड के मामलों में डिप्रेशन और आत्महत्या के कितने मामले हैं और यह कितनी मौतों के लिए जिम्मेदार है।
अमेरिका के 20 बड़े अस्पतालों में 1.3 मिलियन व्यस्कों के डेटा पर किए गए एनेलिसिस के अनुसार 19,000 लोगों में मई 2020 से जुलाई 2020 के बीच लॉन्ग कोविड की पहचान हुई।
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कोविड-19 से ठीक होने के बाद कौन से लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं? (Post-Covid-19-or-long-covid-symptoms)
‘लॉन्ग कोविड सिंड्रोम’ (Long Covid Symptoms) के कई मामले देखे गए हैं। देखा जा रहा है कि कोविड 19से ठीक होने के बाद लोगों में कई लक्षण देखने को मिल रहे है जैसेकि अक्सर अगर आपको बहुत ही ज्यादा पसीना आता रहता है,दिल की धड़कनें अक्सर तेज हो जाती है। थकावट बहुत ज्यादा रहती है।बीपी बहुत हाई या फिर बहुत ही लो।
याददाश्त कमजोर होती जा रही है। फेफड़ों या फिर हार्ट में दर्द(Heart Attack)रहता है।
डॉक्टर्स मरीजों से ठीक होने के बाद अपनी सेहत को बड़े ध्यान से देखने व एक सेहतमंद आहार लेने के लिए कहते हैं।
उन्हें मनोवैज्ञानिक समस्याएं न हों, इसके लिए उनसे अपनी सामान्य दिनचर्या फिर से शुरू करने के लिए कहा जाता है। साथ ही म्यूकर्मा ईकोसिस या ब्लैक फंगस संक्रमण से बचने का परामर्श भी दिया जाता है, जो कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों में देखने को मिल रहा है।
यह दुर्लभ है, लेकिन बहुत गंभीर फंगल संक्रमण है, जो कोविड-19 के मरीजों में देखा गया है और यह चेहरे पर आंखों और गालों के आस पास दिखाई देता है। कुछ मामलों में इससे फेफड़ों का संक्रमण भी हुआ है।
इस समय, जो मरीज हल्के या मध्यम लक्षणों के साथ घर पर ठीक हुए हैं, उन्हें जल्दी थकान आना और पेशियों में दर्द के लक्षण हो सकते (Post-Covid-19-or-long-covid-symptoms-caring-tips-how-to-take-care-after-recovering- corona)हैं।
हालांकि, उन्हें म्यूकर्मा ईकोसिस यानी आंखों के चारों ओेर, गाल की हड्डी या निचले जबड़े में दर्द या सूजन के संकेतों के प्रति सावधान रहना चाहिए और ये लक्षण दिखते ही फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
जो मरीज नैगेटिव आने के बाद भी अभी भी हॉस्पिटल में वैंटिलेटर सपोर्ट या ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, उन्हें पूरी तरह से ठीक होने तक लगातार हॉस्पिटल केयर की जरूरत होगी।
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ऐसे मरीजों को दूसरे संक्रमणों, जैसे मल्टी-ऑर्गन फेल्यौर और ब्लैक फंगस संक्रमण तक का जोखिम बहुत ज्यादा हो सकता है।
इन लक्षणों पर नजर रखें क्योंकि अगर इन्हें नजरंदाज कर दिया गया, तो उससे गंभीर संक्रमण हो सकते हैं, सांस की समस्या हो सकती है और ठीक होने में लगने वाला समय लंबा हो सकता है।
इस समय लाँग कोविड के मरीजों का इलाज उनके शारीरिक पुनर्वास, सांस के व्यायाम और ध्यान लगाने पर केंद्रित हैं।
सपोर्ट समूह, काउंसलिंग एवं काम के वातावरण में लचीलापन भी इस बीमारी से पीडि़त कई लोगों को सुकून देंगे।
इसलिए भले ही आप कोरोना से पूरी तरह ठीक हो गए हो लेकिन कुछ बातों को लेकर सावधानी बरतें ताकि आप कोरोना के लॉन्ग टर्म साइड हेल्थ इफेक्ट्स से बच (Post-Covid-19-or-long-covid-symptoms-caring-tips-how-to-take-care-after-recovering-corona)सकें:
कोविड-19 से ठीक होने के बाद इन बातों का रखें ध्यान – How to take care after recovering corona
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– कोविड-19 के लिए उचित व्यवहार का पालन करते रहें (मास्क, हाथों व सांस की हाईज़ीन, शारीरिक दूरी)
– पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी पिएं।
– डॉक्टरों द्वारा बताए गए इम्युनिटी बूस्टर लें।
– घर का काम एवं प्रोफेशनल काम को चरणबद्ध रूप से नियमित रूप से फिर शुरू
करें।
-संतुलित व पोषणयुक्त आहार लें, ताजा एवं आसानी से पचने वाला भोजन करें।
– पर्याप्त नींद लें एवं आराम करें।
– धूम्रपान व अल्कोहल लेने से बचें।
– कोविड-19 के लिए बताई गई दवाई नियमित तौर से लें और यदि कोई अन्य बीमारी हो, तो उसका इलाज करें।
– घर में खुद के स्वास्थ्य की जांच, जैसे तापमान लेना, ब्लड प्रेशर, खून में शुगर मापना (अगर डायबिटिक हैं, तो), पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन की जांच वगैरह (अगर डॉक्टर परामर्श दे) करते रहें।
– अगर लगातार सूखी खांसी/गला खराब बना हुआ है, तो नमक के पानी से गरारे करें और स्टीम लेते रहें। डॉक्टर के परामर्श से खांसी की दवाई लें।
– तेज बुखार, सांस फूलने, ऑक्सीजन लेवल 95 से कम होने, छाती में दर्द, ध्यान केंद्रित करने में कमजोरी के शुरुआती लक्षणों के प्रति सावधान रहें।
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Vandrevala Foundation for Mental Health | 9999666555 or help@vandrevalafoundation.com |
TISS iCall | 022-25521111 (Monday-Saturday: 8 am to 10 pm) |
(If you need support or know someone who does, please reach out to your nearest mental health specialist.) |
नोट: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
समयधारा इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।