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Ganesh Visarjan 2022: गणेश विसर्जन को दौरान ध्यान रखें ये बातें,वर्ना बप्पा हो जाएंगे रुष्ट!

क्या आपको पता है गणेश चतुर्थी की ही तरह गणेश विसर्जन के भी कुछ नियम-कायदे(ganesh-visarjan-rules)है। जिनका ध्यान रखना बहुत जरुरी है अन्यथा गणपति बप्पा खुश होने की जगह रुष्ट हो जाएंगे।

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आखिरकार 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव का अंतिम दिन आ ही गया है। गणेश चतुर्थी(Ganesh Chaturathi 2022)का पावन पर्व 31 अगस्त को शुरू हुआ था।

सभी भक्तजनों के घरों पर बप्पा ने अपनी कृपा बरसाई और अब 10वें दिन यानि शुक्रवार 9 सितंबर 2022 को गणेश विसर्जन(Ganesh-Visarjan-2022 Date) है। 

दस दिनों तक अपने भक्तों की मेहमान नवाजी लेकर गणपति बप्पा(Ganpati Bappa)जब जाते है तो भक्तगणों के मन में श्रद्धा और आंखों में गणेश की विदाई के आंसू होते है।

गणेश विसर्जन(Ganesh-Visarjan)के दिन बप्पा भक्तों के सभी विघ्नों को भी विसर्जित करने का आशीर्वाद देते हुए रुखस्त होते है।

लेकिन क्या आपको पता है गणेश चतुर्थी की ही तरह गणेश विसर्जन के भी कुछ नियम-कायदे(ganesh-visarjan-rules)है।

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गणेश विसर्जन शुभ मुहूर्त

जिनका ध्यान रखना बहुत जरुरी है अन्यथा गणपति बप्पा खुश होने की जगह रुष्ट हो जाएंगे।

गणेश विसर्जन भी शुभ मुहूर्त में सभी नियमों(Ganesh-Visarjan-2022-shubh-muhurat)के साथ किया जाता है।

इस दिन जहां एक ओर भक्तों के दिलों में हर्षोउल्लास होता है तो वहीं बप्पा से फिर दोबारा आने का आमंत्रण भी होता(Ganesh-Visarjan-2022-shubh-muhurat-ganpati-visarjan-mein-dhyan-rakhne-wali-baatein)है।

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) तक देशभर में गणेश पूजा की धूम रहती है।

इसके बाद गणपति की प्रतिमा का भक्ति भाव से विसर्जन किया जाता है। इस बार गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan 2022) 09 सितंबर, 2022 को किया जाएगा।

इस दिन लोग गणपति की प्रतिमा को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर देते हैं और बप्पा से अगले वर्ष जल्द आने की कामना करते हैं।

गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan Mistakes) में अक्सर लोग कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे की हुई पूजा भी व्यर्थ चली जाती है।यानी 10 दिन के गणेश पूजन का कोई फल प्राप्त नहीं होता है।

इसलिए जरुरी है कि आप जानें गणेश विसर्जन के दौरान किन बातों का ध्यान रखना(Ganesh-Visarjan-2022-shubh-muhurat-ganpati-visarjan-mein-dhyan-rakhne-wali-baatein)चाहिए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

गणेश विसर्जन के नियम (Ganesh Visarjan Rules)

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गणेश विसर्जन से पहले पूजा है जरूरी:

गणेश विसर्जन से पहले गणपति की पूजा करना जरूरी होता है। ऐसे में उन्हें धूप, दीप, फल-फूल और नैवेद्य इत्यादि अर्पित करें। इसके साथ ही नदी या तालाब में गणपति के विसर्जन से पहले उनकी आरती करें।

साथ ही 10 दिन में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

गणेश विसर्जन शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है-Ganesh-Visarjan-2022-shubh-muhurat

गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त 09 सितंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से 10 बजकर 44 मिनट तक है। इसके अलावा शाम को गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त 5 बजे से लेकर 6 बजकर 30 मिनट तक है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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विसर्जन की सही विधि | Ganesh Visarjan Vidhi

 

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गणेश जी (Ganesh Ji) की प्रतिमा को विसर्जित करते समय खास ध्यान रखा जाता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

-विसर्जन के दौरान गणपति को नदी या तालाब में झटके से नहीं डालना चाहिए।

 

 

 

 

 

-प्रतिमा को धीर-धीरे पानी में डुबोकर विसर्जित करें।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

-मूर्ति को झटके से साथ पानी में डालने पर वह टूट सकती है, जो कि एक प्रकार का अपशनगुन होता है। माना जाता है कि ऐसा करने से बप्पा नाराज हो जाते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

-अगर घर में गणेश विसर्जन कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति के हिसाब से बर्तन हो और उसमें इतना पानी डाले की प्रतिमा पूरी तरह से डूब जाए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

-अब इस पानी को किसी गमले, पवित्र नदी या पेड़ में डाल दें।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

-इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि इस पर किसी के पैर न लगे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

गणेश विसर्जन में न करें इन रंगों का इस्तेमाल

हिंदू धर्म में गणेश जी(Ganesh Ji) को शुभता का प्रतीक माना गया है।

शास्त्रों में पूजा पाठ में काले रंग के कपड़े अशुभ माने जाते हैं, इसलिए विसर्जन के समय में भी काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।

 

 

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Sonal

सोनल कोठारी एक उभरती हुई जुझारू लेखिका है l विभिन्न विषयों पर अपनी कलम की लेखनी से पाठकों को सटीक जानकारी देना उनका उद्देश्य है l समयधारा के साथ सोनल कोठारी ने अपना लेखन सफ़र शुरू किया है l विभिन्न मीडिया हाउस के साथ सोनल कोठारी का वर्क एक्सपीरियंस 5 साल से ज्यादा का है l

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