![CM will change again in Uttarakhand Tirath Singh offers to resign, उत्तराखंड में फिर बदलेगा CM, तीरथ सिंह ने की इस्तीफे की पेशकश, state news](/wp-content/uploads/2021/03/TIRATH-SINGH-RAWAT.jpg)
CM will change again in Uttarakhand Tirath Singh offers to resign
नई दिल्ली (समयधारा) : उत्तराखंड को एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता हैl
सूत्रों की माने तो उत्तराखंड को जल्द ही एक नया मुख्यमंत्री मिल सकता है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है।
BJP ने संवैधानिक संकट की वजह से मुख्यमंत्री बदलने का फैसला लिया है।
सूत्रों ने कहा कि मौजूदा विधायक में से किसी एक को उतराखंड का अगला मुख्यमंत्री चुना जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बीजेपी अध्यक्ष को लिखे पत्र जनप्रतिधि कानून की धारा 191 ए का हवाला दिया है
और कहा है कि वो अगले 6 महीने में चुनकर दोबारा नहीं आ सकते। नड्डा को भेजे अपने पत्र में रावत ने कहा कि मैं 6 महीने के अंदर दोबारा नहीं चुना जा सकता।
ये एक संवैधानिक बाध्यता है। इसलिए अब पार्टी के सामने मैं अब कोई संकट नहीं पैदा करना चाहता और मैं अपने पद से इस्ताफा दे रहा हूं।
CM will change again in Uttarakhand Tirath Singh offers to resign
मुख्यमंत्री रावत ने इस्तीफे की औपचारिकता पूरी करने के लिए उत्तराखंड के राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलने के लिए समय मांगा है।
बताया जा रहा है कि कल शनिवार को तीरथ सिंह रावत गवर्नर हाउस पहुंचकर आधिकारिक तौर पर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि उत्तराखंड के विधायक दल की बैठक अगले 24 से 36 घंटों में होने की संभावना है।
तीन दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को, पिछले 24 घंटों के भीतर दूसरी बार बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की।
नड्डा के आवास पर उनसे मुख्यमंत्री की लगभग आधे घंटे की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब रावत के भविष्य को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
पौड़ी से लोकसभा सांसद रावत ने इस वर्ष 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
अपने पद पर बने रहने के लिए 10 सितंबर तक उनका विधानसभा सदस्य निर्वाचित होना संवैधानिक बाध्यता है।
प्रदेश में फिलहाल विधानसभा की दो सीटें, गंगोत्री और हल्द्वानी रिक्त हैं जहां उपचुनाव कराया जाना है।
CM will change again in Uttarakhand Tirath Singh offers to resign
हालांकि, राज्य में अगले ही साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होना प्रस्तावित है और इसमें साल भर से कम समय बचा है,
ऐसे में कानून के जानकारों का मानना है कि उपचुनाव कराए जाने का फैसला निर्वाचन आयोग के विवेक पर निर्भर करता है।
मुख्यमंत्री रावत बुधवार को अचानक दिल्ली पहुंचे थे और गुरुवार को देर रात उन्होंने नड्डा एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
BJP विधायक गोपाल सिंह रावत का इस वर्ष अप्रैल में निधन होने से गंगोत्री सीट रिक्त हुई है,
जबकि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश के निधन से हल्द्वानी सीट खाली हुई है। हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने उपचुनाव की घोषणा नहीं की है।
(इनपुट सोशल मीडिया से)