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Shayari – ख्वाब सा था साथ तुम्हारा, ख्वाब बन के रह गया..

न जाने कोन-सी साजिशों के हम शिकार हो गए , जितना दिल साफ़ रखा उतना “गुनहगार” हो गए ।

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ख्वाब सा था साथ तुम्हारा
ख्वाब बन के रह गया…

न जाने कोन-सी साजिशों के हम शिकार हो गए
जितना दिल साफ़ रखा उतना “गुनहगार” हो गए

shayari – चाय सी उबल रही है जिंदगी, हम भी हर घूंट का मज़ा लिए जा रहे है

चाय सी उबल रही है जिंदगी

हम भी
हर घूंट का मज़ा लिए जा रहे है

इश्क़ शायरी – मत पढ़ा करो तुम, यूँ इस कदर मेरी शायरी को,

मत पढ़ा करो तुम
यूँ इस कदर मेरी शायरी को,

इश्क़ तुम कर बैठोगे
और इलज़ाम हम पे लग जायेगा …

इश्क शायरी – ख़ुदा खुश हो जाए तो सरताज़ बना देता है…

ख़ुदा खुश हो जाए तो सरताज़ बना देता है…

और नाराज़ हो जाए तो मोहताज़ बना देता है..!

और मेरा खुदा मेरा इश्क मेरी मोहब्बत है…

शायरी : मशरूफ रहने का अंदाज़ तुम्हे तनहा ना कर दे गालिब

मशरूफ रहने का अंदाज़

तुम्हे तनहा ना कर दे गालिब

रिश्ते फुर्सत के नहीं

तवज्जो के मोहताज़ होते है

शायरी की दुनिया : कारवाँ  ए जिंदगी.. हसरतों के सिवा…  कुछ भी नहीं… 

कारवाँ  ए जिंदगी 

हसरतों के सिवा 

कुछ भी नहीं 

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ये किया नहीं, वो हुआ नहीं 

ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..

शायरी : देखकर आपकी मुस्कुराहट.. हम होश गवा बैठे..

दूरियाँ
तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में ,

कोरोना ने आकर
इल्ज़ाम अपने सर ले लिया ।

शायरी – ना वो ज़ाहिर कर सके ना हम बयां कर सके…

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मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,

हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !

मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,

जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !

शायरी : वे यू खैरियत पुछ्ते है हमारी, आप ही कहे यू क्या बताये उन्हे…

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आरजू शायरी : तेरी आरजू ने कुछ यू दीवाना किया, ख्वाब की जूस्तजु ने खुद से बेगाना किया..

बारिश शायरी : बादलों के दरमिया साजिश होने लगी…कल उसने मिलने का वादा किया था…

इश्क शायरी : इश्क़ जब इबादत बन जाता है तो खुदा खुद हमारे इश्क़ की

Life Shayari : हवाओं की भी अपनी…अजब सियासतें हैं साहब,

कोरोना शायरी : दूरियाँ तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में…..

मुस्कान शायरी : हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं, साहब…!

जिंदगी शायरी : तलाश ज़िन्दगी की थी, दूर तक निकल पड़े …

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