
Buddha-Purnima-2024-Puja-Shubh-Muhurat-Vidhi
नयी दिल्ली (समयधारा) : 23 मई 2024 को बुद्ध पूर्णिमा(Buddha-Purnima-2024)है, जिसे वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है।
वैशाख पूर्णिमा(Vaishakh-Purnima)के दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था,इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा कहते है। बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की थी।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार,बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। इसलिए बुद्ध पूर्णिमा (Buddha-Purnima)के दिन बुद्ध के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा-आराधना की जाती है।
इसके अतिरिक्त चंद्र देव की भी आज के दिन पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते है।
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बुद्ध पूर्णिमा के दिन विशेष और शुभ मुहूर्त में पूजा और दान करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
चलिए आपको बताते है बुद्ध पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि,जिसमें आपकी मनवांछित इच्छाएं पूरी(Buddha-Purnima-2024-Puja-Shubh-Muhurat-Vidhi-for-all-wishes-come-ture)होंगी l
बुद्ध पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त -Buddha-Purnima-2024-Puja-Shubh-Muhurat
पूर्णिमा तिथि इस बार 22 मई, बुधवार को शाम 6.47 बजे शुरू हो जाएगी।
इसका समापन 23 मई, गुरुवार को रात 7.22 बजे होगा। हालांकि, उदयातिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा इस बार 23 मई, गुरुवार को ही मनाई जाएगी।
इस दिन स्नान दान का समय सुबह 4:04 बजे से लेकर सुबह 5:26 मिनट तक रहेगा।
इस दिन वरियान योग और मित्र नामक औदायिक योग भी बन रहा है l इस समय में पूजा और दान करना श्रेष्ठ माना जाता है।
वैसे भी हिंदू धर्म के अनुसार वैशाख महीना भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है। इस महीने में भगवान विष्णु(God Vishnu)की पूजा करना बहुत लाभ देता है।
ऐसे में वैशाख पूर्णिमा के दिन श्रीहरि की पूजा करने, इस दिन व्रत रखने से भगवान प्रसन्न होंगे।
इस दिन व्रत-पूजा करने से आत्मबल बढ़ता है और व्यक्ति तेजी से तरक्की करता है। चूंकि इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल(Chandra Grahan Sutak Kaal) मान्य नहीं है इसलिए वैशाख पूर्णिमा की पूजा-पाठ में कोई रुकावट नहीं आएगी।
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बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि –Buddha-Purnima-2024-Puja-Shubh-Muhurat-Vidhi
सभंव हो तो इस दिन व्रत जरूर रखें। बुद्ध पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और पूजा-पाठ का विषेश महत्व होता है।
इस दिन दान करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है। अगर किसी कारणवश नदी में स्नान न कर पाएं तो इसके जल मिले पानी से नहाएं।
उसके बाद सूर्य को अर्ध्य दें। साथ ही पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें।
इसके अलावा अगर आपसे अनजाने में कोई पाप हो गया है तो इस दिन चीनी और तिल का दान देने से इस पाप से छुटकारा मिल जाता है।
अब बताते है बुद्ध पूर्णिमा पर पूजा करने का तरीका।
-सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
-इसके बाद साफ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु का जल चढ़ाएं।
-इसके बाद घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और आरती करें।
-अगर प्रसाद में तुलसी(Tulsi) का इस्तेमाल करते हैं तो बेहतर होगा। इस दिन सात्विक खाना ही खाएं।
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वैशाख पूर्णिमा पर दान दें ये वस्तुएं
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हिंदू धर्म में दान करने का बहुत महत्व है। खासतौर पर व्रत-त्योहारों पर दान करने का महत्व और भी बढ़ जाता है।
वैशाख पूर्णिमा पर जल दान करने का सबसे ज्यादा महत्व है. इस दिन मंदिर में जल से भरे मटके दान करें. प्याऊ पर भी जल से भरे मटके दान करें।
राहगीरों को पानी पिलाएं, गरीबों को भोजन, छाता, रस वाले फलों का दान करें।
वहीं दूध और खीर का दान करने से कुंडली में चंद्र मजबूत होगा।
व्रत-पूजा-दान के अलावा शुभ-मांगलिक कामों के लिए भी आज का दिन बहुत शुभ है।
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