breaking_newsअन्य ताजा खबरेंदेशफैशनलाइफस्टाइल
Trending

Makar Sankranti 2021: आज मकर संक्रांति में इस शुभ मुहूर्त में करें स्नान-दान,जानें महत्व

मकर संक्रांति के दिन स्नान करके प्रकाश दान,तिल,कंबल और घी इत्यादि का दान करने से भगवान सूर्यदेव प्रसन्न होते है और सुख-संपत्ति का आशीर्वाद देते है....

Makar Sankranti 2021puja-snan-daan shubh muhurat time

नई दिल्ली:देशभर में आज, गुरुवार को मकरसंक्रांति का पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रतिवर्ष 14 जनवरी के दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है,इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है।

सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते है तो उसे मकर संक्रांति(Makar Sankranti 2021) कहा जाता है। इस वर्ष 2021 में सूर्यदेव गुरुवार 14 जनवरी सुबह 8:30 मिनट पर अपने पुत्र शानि की मकर राशि में प्रवेश कर रहे है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति(Makar Sankranti) पर स्नान-दान का विशेष महत्व है।

मकर संक्रांति के दिन स्नान करके प्रकाश दान,तिल,कंबल और घी इत्यादि का दान करने से भगवान सूर्यदेव प्रसन्न होते है और सुख-संपत्ति का आशीर्वाद देते है।

 

मकर संक्रांति पर पूजा स्नान-दान करने का शुभ मुहूर्त-Makar Sankranti 2021puja-snan-daan shubh muhurat time

आज मकर संक्रांति का त्यौहार है। भगवान सूर्यदेव को समर्पित इस पर्व में सुबह 8 बजकर 30 मिनट यानी साढ़े 8 बजे सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर रहे है।

इसी के साथ मकर संक्रांति के पर्व की शुरुआत हो जाएगी और यह पुण्यकाल शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।

वैसे, महापुण्य काल प्रात: काल में ही रहेगा। माना जाता है कि पुण्य काल में स्नान-दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

 

Makar Sankranti 2021puja-snan-daan shubh muhurat time

 

आज स्नान-दान का है विशेष महत्व

आज मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, मसूर दाल, तांबा, स्वर्ण, सुपारी, लाल फूल, नारियल, दक्षिणा आदि अर्पित किया जाता है।

मकर संक्रांति के पुण्य काल में दान करने से अक्षय फल एवं पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

Makar Sankranti 2021puja-snan-daan shubh muhurat time

 

क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति, क्या है मान्यता

इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा और पावन नदियों में स्नान कर दान करते है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का वध कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था।

तभी से भगवान विष्णु की इस जीत को मकर संक्रांति पर्व के रूप में मनाया जाता है।

 

Makar Sankranti 2021puja-snan-daan shubh muhurat time

इस पकवान का है विशेष महत्व

मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ से बने लड्डू और अन्य मीठे पकवान बनाने की परंपरा है। इन सभी पकवान से ही भोग लगाया जाता है और दान किया जाता है।

यह भी कहा जाता है कि इस समय मौसम में काफी सर्दी होती है, तो तिल और गुड़ से बने लड्डू खाने से स्वास्थ्य ठीक रहता है।

 

 

मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व क्यों कहा जाता है-Khichadi importance

 

मकर संक्रांति को उत्तर भारत के कुछ इलाकों में खिचड़ी के पर्व के रूप में मनाते हैं।

-कई जगह खिचड़ी दान की जाती है तो कई जगह खिचड़ी का भोग लगाया जाता है।

-वहीं दक्षिण भारत के तमिलनाडु व केरल में इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं।

-पोंगल का पर्व नई फसल आने की खुशी में मनाया जाता है।

-मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का पर्व भी मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर गुजरात लोग पतंगबाजी भी करते हैं।

– स्नान-दान और लोक कल्याण के पर्व मकर संक्रांति में दान का महत्व पूरे देश में है।

-उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के बाबा गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी पर्व-महोत्सव इसी दिन मनाया जाता है।

-यहां कहा जाता है कि जिस अक्षय पात्र (खप्पर) में शिव के रूप बाबा गोरखनाथ जी को खिचड़ी चढ़ाई जाती है।

 

 

भगवान श्रीराम ने की थी पतंग उड़ाने की शुरुआत

पुराणों में उल्लेख है कि मकर संक्रांति पर पहली बार पतंग उड़ाने की परंपरा सबसे पहले भगवान श्रीराम ने शुरु की थी।

तमिल की तन्दनानरामायण के अनुसार भगवान राम ने जो पतंग उड़ाई वह स्वर्गलोक में इंद्र के पास जा पहुंची थी।

भगवान राम द्वारा शुरू की गई इसी परंपरा को आज भी निभाया जाता है।

 

दान का है विशेष महत्व- makar sankranti daan importance

मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन गरीबों को यथाशक्ति दान करना चाहिए।

पवित्र नदियों में स्नान करें. इसके बाद खिचड़ी का दान देना विशेष फलदायी माना गया है। इसके अलावा गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक, फूल, लाल वस्त्र, गेहूं, अक्षत और सुपारी आदि का प्रसाद बांटा जाता है।

Makar Sankranti 2021puja-snan-daan shubh muhurat time

 

मकर संकांति की पूजा ऐसे करें घर पर-Makar Sankranti puja vidhi

– सुबह जल में गंगाजल, सुगंध, तिल, सर्वऔषधि मिलाकर स्नान करें. स्नान करने के दौरान गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु। इस मंत्र को पढ़े।

 – भगवान विष्णु की पूजा करें, भगवान को तिल, गुड़, नमक, हल्दी, फूल, पीले फूल, हल्दी, चावल भेट करें. घी का दीप जलाएं और पूजन करें।

 – इसके बाद सूर्यदेव को जल में गुड़ तिल मिलाकर अर्घ्य दें।

– जल में काले तिल, गुड़ डालकर पीपल को जल दें,

 -जरूरतमंदों को तिल, गुड़, चावल, नमक, घी, धन, हल्दी जो भी भगवान को भेट किया वह दान कर दें।

 – सूर्यपुराण, शनि स्तोत्र, आदित्यहृदय स्तोत्र, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना लाभकारी रहेगा।

 

Makar Sankranti 2021puja-snan-daan shubh muhurat time

 

(इनपुट एजेंसी से भी)

Show More

Varsa

वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button