चंद्रयान 3 : बिना ऑर्बिटर के होगा मिशन, सरकार की हरी झंडी
गगनयान के लिए एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग की तैयारी शुरू कर रहा है, इसके लिए इंडियन एयर फोर्स से चार लोगों को भारत के पहले human spaceflight mission की ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा जाएगा.
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नई दिल्ली, (समयधारा) : चंद्रयान 3 के प्रोजेक्ट को सरकार की मंजूरी मिल गयी l यह मिशन बिना ऑर्बिटर के होगा l
चंद्रयान-2 के बाद अब भारत चंद्रयान-3 की तैयारी शुरू कर रहा है।
इसरो (Indian Space and Research Organization) के अध्यक्ष के. सिवन ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि
इसरो को सरकार से चंद्रयान-3 के लिए मंजूरी मिल गई है और यह प्रोजेक्ट शुरू कर दिया गया है।
सिवन ने बताया कि इसरो ने चंद्रयान-2 के साथ अच्छी प्रगति की है। भले ही यान सफलतापूर्वक लैंड नहीं कर पाया
लेकिन इसका ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है और अगले सात सालों तक करता रहेगा। यह साइंस डेटा प्रोड्यूस करता रहेगा।
उन्होंने बताया कि इसरो ने गगनयान के लिए एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग की तैयारी शुरू कर रहा है।
इसके लिए इंडियन एयर फोर्स से चार लोगों को भारत के पहले human spaceflight mission की ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि ये चार लोग जनवरी के तीसरे हफ्ते से रूस में ट्रेनिंग लेंगे।
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PMO में राज्य मंत्री ने कहा कि चंद्रयान-2 को निराशा करार देना गलत होगा, जबकि यह चंद्रमा के सतह पर उतरने की भारत की पहली कोशिश थी
और कोई देश पहली कोशिश में ऐसा नहीं कर सका। अमेरिका ने भी कई कोशिशें की थी।
सिंह ने कहा- हां, लैंडर और रोवर मिशन के 2020 में होने की बहुत संभावना है।
हालांकि, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि चंद्रयान-2 मिशन को नाकाम नहीं कहा जा सकता क्योंकि हमने इससे काफी कुछ सीखा है।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 से मिले अनुभव और उपलब्ध मूल इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते चंद्रयान-3 की लागत कम रहेगी।
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किस महीने में करने का लक्ष्य लेकर चला जा रहा है।
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Moon Chandrayaan-2 भारत का अंतरिक्ष में नया घर जिसे हमने ‘चाँदघर’ नाम दिया है l
भारत का यह नया आशियाना कई मायनो में पूरे विश्व की नज़रों में है l
हो भी क्यों नहीं भारत पूरे विश्व में इकलौता ऐसा देश बनने वाला है,
जो चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर अपने कदम अपना आशियाना बनाने वाला है l विश्व का चौथा देश जो चाँद पर अपने कदम रखेगा l
भारत का मिशन चंद्रयान-2 हर तरह से अपने आप में स्पेशल है l
न सिर्फ चाँद पर पानी की खोज के लिए बल्कि नए खनिजों के भण्डार के लिए चंद्रयान 2 मिशन काफी महत्वपूर्ण हैl
विश्व में सभी की निगाहें भारत पर टिकी है l लोग भारत के इस मिशन पर अपनी निगाहें लगाएं हुए है l
लगभग भारत के सभी लोग आज रात सोयेंगे नहीं l
पूरा विश्व इस ऐतिहासिक लम्हे का गवाह बनने को तत्पर दिखाई दे रहा है l
जहाँ 22 जुलाई को राष्ट्रपति ने इस मिशन का आगाज किया थाl
तो वही भारत के प्रधान मंत्री मोदी इस समय बैंगलूरू के इसरो मुख्यालय में बैठ कर मिशन चंद्रयान की सफल लैंडिंग को देख रहे है l
उनके साथ देश के करीब-करीब 70 बच्चे भी है जिन्होंने इसरो की एक प्रतियोगिता को जीत कर इसे देखने का सौभाग्य पाया l
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भारत (INDIA) व इसरो (ISRO) मिलकर आज रात वो शानदार चंद्र आगाज करने वाले है l
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जिससे पूरे विश्व में भारत की एक और धाक जम जायेंगी l जब चंद्रयान-2 ने भारत से कुच किया था,
तभी से सभी देशवासियों की नजरें इस अभियान इस मिशन पर टिकी थी l
हमसे ज्यादा आज रात इसरो के वैज्ञानिक की धड़कने धक्-धक् कर रही होगी l
वही विश्व भर के सभी वैज्ञानिकों की नजरें इस मिशन पर टिकी है l
जैसे ही चंद्रयान-2 सिर्फ 15 मिनट की चुनौती पूर्ण कर चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर कदम रखेगा,
वैसे ही विश्व भर में एक बार फिर भारत की अंतरिक्ष क्षमता का लौहा संपूर्ण विश्व मानेगा l
‘चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) का लैंडर ‘विक्रम आज देर रात और शनिवार तड़के चांद की सतह पर ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग के लिए तैयार है,
और यह वही क्षण होगा जब इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों के ‘दिल की धड़कन थम सी जायेगी ।
भारत के लोग देश की इस ऐतिहासिक अंतरिक्ष छलांग की सफलता के लिए प्रार्थना करने के साथ ही
शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात होने वाली ‘सॉफ्ट लैंडिंग की घड़ी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि विश्व के अन्य कई राष्ट्रों की निगाहें भी इस मिशन पर टिकी हैं।
शनिवार तड़के जब चंद्रयान-2 चांद की सतह पर उतरने की तैयारी कर रहा होगा, तब 15 मिनट पहले इसकी रफ्तार को कम की जाएगी।
इसके 10 मिनट 30 सेकेंड के बाद जब विक्रम 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा,
तो इसकी रफ्तार को 526 किलोमीटर प्रति घंटे पर किया जाएगा। लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर उतरेगा।
यान को उतरने में लगभग 15 मिनट लगेंगे और तकनीकी रूप से यह लम्हा बहुत मुश्किल और चुनौतीपूर्ण होगा
क्योंकि भारत ने पहले कभी ऐसा नहीं किया है। लैंडिंग के बाद लैंडर का का दरवाजा खुलेगा और वह रोवर को रिलीज करेगा।
रोवर के निकलने में करीब 4 घंटे का समय लगेगा। फिर यह वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए चांद की सतह पर निकल जाएगा।
इसके 15 मिनट के अंदर ही इसरो को लैंडिंग की तस्वीरें मिलनी शुरू हो जाएंगी।
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इस तरह सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग से भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
वही भारत अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय लिखते हुए चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा।
यह उपलब्धि इस लिए भी ख़ास है कि भारत ने अपने इस चंद्रयान मिशन में दुनिया के सभी देशों से कम पैसे लगाये है l
चंद्रयान 2 में महिला शक्ति ! की भी एक बड़ी भूमिका है l
इसरो बड़े गर्व से कहता है कि हमारे यहाँ 30 फीसदी से भी ज्यादा महिला वैज्ञानिक/कर्मचारी/इंजिनियर काम करती है l
इस मिशन में भारत की अंतरिक्ष में ताकत का एक और नमूना दुनिया देखेगा l
वही भारत इस मिशन के द्वारा अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने को तैयार है l
इस मिशन की सफलता से भारत के आगे के सारे मिशन के रास्ते साफ़ हो जायेंगे l खासकर मंगल को लेकर l
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