![Bulli-Bai-Controversy sale-of-muslim-women what-is-the-whole-matter Sulli-Deals, BulliBai विवाद-मुस्लिम महिलाओं की बिक्री क्या है पूरा मामला.](/wp-content/uploads/2022/01/bulli-bai-controversy_optimized.jpg)
Bulli-Bai-Controversy sale-of-muslim-women what-is-the-whole-matter Sulli-Deals
नयी दिल्ली (समयधारा) : देश में एक तरफ कोरोना का कहर जारी है l
तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है l नए साल 2022 की शुरुआत एक विवादास्पद ऐप को लेकर हुई,
जिसमें 100 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को ऑनलाइन बोली लगाने वालों के लिए “नीलामी” करने की बात सामने आई,
दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लगाने का फैसला, केजरीवाल कोरोना पॉजिटिव
और अब इसे लेकर समुदाय के लोगों में आक्रोश पैदा हुआ है। न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक 4 जनवरी को,
बेंगलुरु के एक 21 साल के इंजीनियरिंग छात्र को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने कथित तौर पर,
“मुस्लिम महिलाओं का अपमान करने” के लिए डिज़ाइन किए गए ऐप से “अपमानजनक कंटेंट शेयर करने” के लिए
अपने ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल करने के लिए हिरासत में लिया था।
कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि छात्र को बेंगलुरु से हिरासत में लिया गया और मुंबई लाया गया।
Bulli-Bai-Controversy sale-of-muslim-women what-is-the-whole-matter Sulli-Deals
उसकी गिरफ्तारी की संभावना है। इस विवादित ऐप में प्रमुख अभिनेत्री शबाना आज़मी, दिल्ली हाई कोर्ट के एक मौजूदा जज की पत्नी, कई पत्रकारों,
कार्यकर्ताओं और राजनेताओं की तस्वीरें भी शामिल थीं, जिन्हें एक ऐप पर नीलामी के लिए अपलोड किया गया था।
‘बुल्ली बाई’ नाम के ऐप को लेकर उठा यह विवाद, पिछले जुलाई में ‘सुल्ली डील’ के जैसा ही,
जिसमें लगभग 80 मुस्लिम महिलाओं को ‘बिक्री के लिए’ रखा गया था।
‘बुली बाई’ ऐप माइक्रोसॉफ्ट के मालिकाना हक वाली ओपन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइट GitHub पर बनाया गया था।
इसमें ‘बुली’ शब्द स्थानीय कठबोली में मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला अपमानजनक शब्द है।
ऐप पर प्रोफाइल में पीड़ितों के फोटो और दूसरे पर्सनल डिटेल शामिल थे, जो महिलाओं की सहमति के बिना बनाई गई और शेयर किए जा रहे थे।
Bulli-Bai-Controversy sale-of-muslim-women what-is-the-whole-matter Sulli-Deals
यह घटना उस समय वायरल हो गई जब एक महिला पत्रकार ने बुल्ली बाई ऐप पर अपनी बेची जा रही एक तस्वीर को ‘डील ऑफ द डे’ के रूप में शेयर किया।
पत्रकार ने ट्विटर पर कहा, “यह बहुत दुखद है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है।”
कश्मीर के एक पत्रकार क़ुरतुलैन रहबर को भी ‘ऑनलाइन नीलामी’ में लिस्टेड किया गया था।
सुनने में भले ही यह बेतुका लगे, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना हुई हो।
भारत में मुस्लिम महिलाओं को ऑनलाइन “नीलामी” करके परेशान करने की यह पिछले महीनों में दूसरी कोशिश थी।
जुलाई 2020 में, “सुल्ली डील्स” के नाम से एक ऐसा ही ऐप सामने आया,
जिसमें कई मुस्लिम महिलाओं को ऑनलाइन बोली लगाने वालों के लिए “नीलामी” के लिए रखा गया था।
Bulli-Bai-Controversy sale-of-muslim-women what-is-the-whole-matter Sulli-Deals
ऐप में उनकी सहमति के बिना 80 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं के प्रोफाइल को दिखाया गया है,
उनकी तरफ से ऑनलाइन अपलोड की गई तस्वीरों का इस्तेमाल करके और उनके नाम को ‘डील ऑफ द डे’ कैटेगरी में डाला गया था।
शब्द “सुली” एक अपमानजनक शब्द है, जिसका इस्तेमाल मुस्लिम महिलाओं के लिए किया जाता है।
इस विवाद के कारण सभी पार्टियों के शीर्ष राजनेताओं सहित समाज के कई वर्गों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मुद्दे को उठाया और दावा किया कि उन्होंने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से बार-बार कहा है कि
“प्लेटफॉर्म जैसे #sullideals के जरिए महिलाओं के बड़े पैमाने पर कुप्रथा और सांप्रदायिक तरीके से टारगेट करने” के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा, ‘शर्म की बात है कि इसे लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
सनी लियोनी का “मधुबन में राधिका नाचे…” वाला गाना बदलेगा, विरोध के बाद फैसला
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, “महिलाओं का अपमान और सांप्रदायिक नफ़रत तभी बंद होंगे
जब हम सब एक आवाज़ में इसके ख़िलाफ़ खड़े होंगे। साल बदला है, हाल भी बदलो- अब बोलना होगा!”
(इनपुट एजेंसी से भी)