WhatsApp Disappearing Messages को लेकर आया बहुत बड़ा बदलाव, अब….
WhatsApp को लेकर आये दो बड़े Updates - अब Admin नहीं होगा जिम्मेदार
New Changes In WhatsApp Disappearing Messages
नई दिल्ली (समयधारा) : एक तरफ पूरा विश्व कोरोना के कहर से डूबा पड़ा है,
तो दूसरी तरफ सभी बड़ी Companys अपने-अपने यूजर्स को बचाने के लिए नए-नए अच्छे बदलाव ला रही है l
इसी कड़ी में व्हाट्सएप (WhatsApp) को लेकर एक बड़ा बदलाव लाया है l
अब डिसएपीयरिंग मैसेजेज फीचर (WhatsApp Disappearing Messages) रोलआउट करने जा रहा है l
जिसे इनेबल (enable) करके चैट करने या मैसेज भेजने पर मैसेज 24 घंटे के बाद अपने आप डिलीट हो जाएगा।
इस नए फीचर को अब सभी प्लेटफॉर्म, यानी एंड्रॉयड (Android), iOS, KaiOS, वेब (Web), डेस्कटॉप (Desktop) पर इस्तेमाल किया जा सकता है l
पिछले साल कंपनी ने टेलीग्राम की तर्ज पर डिसएपीयरिंग मैसेजेज फीचर जारी किया था।
फिलहाल इस फीचर में सात दिन की समय सीमा है। यानी इस फीचर को इनेबल करने के बाद भेजे गए मैसेज सात दिन बाद अपने आप डिलीज हो जाते हैं।
हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक अब कंपनी इसमें बदलाव करने जा रही है। New Changes In WhatsApp Disappearing Messages
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो नए वर्जन में WhatsApp 24 घंटे का ऑप्शन भी जोड़ने जा रही है।
WABetaInfo की रिपोर्ट के मुताबिक, WhatsApp के iOS वर्जन में नए फीचर की टेस्टिंग की जा रही है।
इस फीचर के जरिए भेजा जाने वाला WhatsApp मैसेज 24 घंटों के बाद अपने आप गायब हो जाएगा।
हालांकि यह यूजर्स के ऊपर होगा कि वह इस फीचर को इनेबल करना चाहता है या नहीं।
इस बहु-प्रतिक्षित फीचर को सबसे पहले Snapchat द्वारा पेश किया था, इसके बाद अब इसे WhatsApp में भी पेश किया गया है।
हालांकि यह फीचर फोन में खुद ब खुद स्टार्ट नहीं होगा, इसे यूजर्स को मैनुअली स्टार्ट करना होगा।New Changes In WhatsApp Disappearing Messages
WhatsApp द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, Disappearing Messages फीचर को वन-ऑन-वन चैट के साथ-साथ ग्रुप चैट में भी एक्टिव किया जा सकता है,
लेकिन ग्रुप के लिए इस फीचर का यूज सिर्फ ग्रुप का Admin ही कर सकता है।
वही व्हाट्स एप को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट से एक फैसला भी आया है l New Changes In WhatsApp Disappearing Messages
बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर बेंच ने कहा है कि Whatsapp ग्रुप में अगर कोई मेंबर गलत पोस्ट करता है तो उसके लिए ग्रुप के एडमिन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर मेंबर की तरफ से पोस्ट किए मेसेज में एडमिन का “कॉमन इंटेंशन” नहीं है,
या पहले से तय किया गया मेसेज नहीं है तो इसके लिए एडमिन को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है।
इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जुलाई 2016 में 33 साल के एक वॉट्सऐप एडमिनिस्ट्रेटर के खिलाफ दायर केस खारिज कर दिया।
इसके साथ ही गोंदिया जिला मजिस्ट्रेट के पास दायर याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।New Changes In WhatsApp Disappearing Messages
दरअसल 33 साल का यह शख्स जिस ग्रुप का ए़डमिन था, उस ग्रुप के एक मेंबर ने ग्रुप की एक महिला सदस्य के खिलाफ गलत और अपमानजनक मेसेज किया था।
जस्टिस जे़डए हक और जस्टिस अमित बी बोरकार ने 33 साल के किशोर चिंतामन के खिलाफ पिछले महीने दायर आपराधिक मामले में यह फैसला सुनाया है।
इस मामले की सुनवाई करते हुए दोनों जस्टिस ने पाया, “एक बार जब कोई वॉट्सऐप ग्रुप बन जाता है तो सभी सदस्यों को समान अधिकार होते हैं।
एडमिन के पास विशेषाधिकार होता है किसी नए मेंबर को जोड़ने का।
एडमिन के पास ग्रुप के किसी सदस्य की तरफ से पोस्ट कंटेंट को रेगुलेट, मॉडरेट या सेंसर करने का अधिकार नहीं होता है।”
जजों ने अपने फैसले में कहा कि जब कोई शख्स वॉट्सऐप ग्रुप बनाता है तो उसे पहले से इस बात की जानकारी नहीं होती कि
कौन सा मेंबर क्या मेसेज पोस्ट करेगा। इसलिए एडमिन को किसी ग्रुप पोस्ट के लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता।