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नई दिल्ली : आप ने कई लोगों के शरीर पर टैटू बने तो देखे होंगे l
वही टैटू बनाने का फैशन आम हो गया है l कई लोग हाथों में तो कोई पीठ पर तो कोई सर पर टैटू बनवा रहा है l
लोगों के बीच टैटू का क्रेज दिन बी दिन बढ़ता ही जा रहा है l
बिगबॉस10(#BiggBoss) में आई बानी जे के शरीर पर बने टैटू तो आपने देखे ही होंगे।
उन्होंने एक चैनल ने बताया कि बानी के टैटू देखने के बाद दिल्ली और कई शहरों में टैटू बनाने वाले युवाओं की सख्यां कई गुना बढ़ गई है,
लेकिन हम आज आपको बताना चाह रहे हैं कि अगर आपको भी टैटू बनाने का शौक लग रहा है
तो अपने इस शौक को समय रहते खत्म कर दिजिए, क्योंकि हाल ही में एक शोध में पता चला है कि
टैटू की स्याही में आर्सेनिक होता है, जिससे त्वचा का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
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यही नहीं लंदन की ब्रेडफोर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर स्किन साइंस के अध्ययन के मुताबिक टैटू इंक में पाए जाने वाले
नैनो पार्टिकल त्वचा से होते हुए खून में चले जाते हैं जिससे त्वचा संबंधी कई बीमारियां हो जाती हैं।
अध्ययन में पाया गया है कि त्वचा में होने वाली यह बीमारियां आम नहीं बल्कि जानलेवा भी होती हैं।
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च्वींगम भी खतरनाक
शोध में पाया गया है कि च्वींगम के साथ मिलने वाले वेट एंड प्रेस टैटू के साथ अस्थायी टैटू के कई प्रकार हैं,
जिनमें संयंत्र आधारित सिंथेटिक रंगों का प्रयोग किया जाता है।
कुछ टैटू में मेहंदी और हेयर हाई संघटक पी फिनाइलिनडायमाइन (पीडीपी) का प्रयोग किया जाता है।
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यह मिश्रण त्वचा पर प्रयोग के लिए एफडीए द्वारा स्वीकृत नहीं है।
स्याही वाले टैटू भी हैं खतरनाक
चिकित्सकों के मुताबिक टैटू बनाने के लिए जो नीली स्याही का इस्तेमाल किया जाता है
उसमें कोबाल्ट और एल्युमिनियम होता है जबकि लाल रंग की स्याही में मरक्युरियल सल्फाइड
और दूसरे रंगों की स्याही में शीश,कैडियम, क्रोमियम, निकिल, टाइटेनियम जैसे तत्व और कई दूसरी धातुएं होती हैं।
ये भी त्वचा के लिए हानिकारक साबित होती हैं।
एचआईवी का बढ़ रहा खतरा : टैटू की मशीन में लगे संक्रमित खून से एचआईवी, हेपेटाइटिस बी एवं सी
और त्वचा कैंसर के विषाणु खून के जरिए फैल सकते हैं। टैटू की स्याही में आर्सेनिक होता है,
जिससे त्वचा का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
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हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि यदि आपको टैटू का कुछ ज्यादा ही शौक है तो टैटू बनवाते वक्त कुछ खास सावधानियां रखनी चाहिए:
1.डाई या इंक की क्वालिटी अच्छी हो, ताकि इससे आपके शरीर पर कोई प्रभाव न पड़े।
2.बनाने वाले ने हाथ में दस्ताने पहने हों, ताकि आपके शरीर पर कोई इंफेक्शन न हो और आप सुरक्षित रहें।
3.टैटू बनाते वक्त डिस्पोजेबल निडिल का प्रयोग किया जाए
4.पहले इंक से टेस्ट पेच करवाएं, दो घंटे बाद कोई एलर्जी हो तो न करवाएं।
ध्यान रखें कि कई लोगों को इसके कुछ घंटे बाद नहीं बल्कि कुछ दिन बाद समस्या आने लगती है। ऐसे में डॉक्टर के पास जाकर दिखवा लें।
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