Corona can spread more than 6 feet away in air
नई दिल्ली:कोरोनावायरस(Coronavirus)का डबल म्यूटेंट काफी जानलेवा साबित हो रहा है।
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर में इसने खौफनाक रूप अख्तियार कर लिया है।
इसलिए साइंटिस्ट कोरोना(Corona)के ऊपर नई-नई रिसर्च करके इसके रूपों,लक्षणों और संक्रामकता का आंकलन कर रहे है।
इसी कड़ी में अमेरिका ने कोविड-19(COVID-19) के बदले रूप पर नई गाइडलाइंस जारी (new guidelines of US CDC)की है।
सीडीसी(CDC) यानि यूएस सेंटर फॉर डिसजी कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कोरोना के प्रसार पर एक नई रिपोर्ट जारी की है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना फीट से भी ज्यादा दूर तक हवा में फैल सकता(Corona can spread more than 6 feet away in air) है।
इस वायरस की संक्रामकता का खतरा तीन से छह फीट के भीतर सबसे अधिक होती है। इसके बहुत ही बारीक कण और बूंद इससे भी अधिक दूरी तक जा सकते है।
आप इस बात को ऐसे समझ सकते है कि अगर कोई संक्रमित शख्स छह फीट की दूरी पर है तो भी हवा में उपलब्ध वायरस से वह संक्रमित हो सकता है।
हालांकि अभी हाल ही में मेडिकल जनरल लैंसेट ने भी हवा में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि की थी और स्पष्ट किया था कि हवा से भी कोरोना फैलता है।
दरअसल, जब भी आप सांस छोड़ते है तो इसके साथ ही तरल पदार्थ भी (आराम से सांस लेना, बोलना, गाना, व्यायाम, खांसी, छींकना) बूंदों के रूप में बाहर आते हैं।
1-9 बूंदें वायरस ट्रांसमिट करके संक्रमण का फैलाव करती हैं। इस स्टडी में बताया गया है कि छोटी से छोटी बहुत महीन बूंदें और एरोसोल कण तब बनते हैं जब ये महीन बूंदें तेजी से सूखती हैं।
ये इतनी छोटी होती हैं कि हवा में मिनटों से घंटों तक व्याप्त रह सकती हैं।
कोरोना संक्रमण का खतरा इस सोर्स से बढ़ती दूरी और सांस छोड़ने के बाद बढ़ते समय के साथ कम होता जाता है।
संक्रमित व्यक्ति से यदि आप छह फीट की दूरी पर सांस ले रहे हैं तो आपके संक्रमित होने का खतरा कम रहता है।
Corona can spread more than 6 feet away in air