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मुंबई:UddhavThackeray government allows Newspaper distribution in Maharashtra- महाराष्ट्र में कोविड-19 (COVID-19) का आतंक चरम पर है। ऐसे में उद्धव ठाकरे (UddhavThackeray) सरकार ने शनिवार को महाराष्ट्र में अखबारों और मैगजीनों के वितरण पर प्रतिबंध का फैसला लिया था लेकिन फिर देर रात उद्धव ठाकरे सरकार को अपने फैसले को वापस लेकर सफाई देनी ही पड़ी कि महाराष्ट्र में अखबारों की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगा है।
अखबारों की बिक्री स्टालों से जारी रहेगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (Maharashtra CMO) ने इस बारे में एक के बाद एक ट्वीट करके अपने फैसले को स्पष्ट किया कि उन्होंने प्रिंट मीडिया को डोर-टू-डोर यानि घर-घर जाकर डिलीवरी करने से बचने की सलाह मात्र दी (UddhavThackeray government allows Newspaper distribution in Maharashtra)थी।
जबकि इससे पूर्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra chief minster UddhavThackeray) ने राज्य में अखबारों और मैगज़ीनों के घर-घर जाकर वितरण करने पर रोक लगाने की बात बोली थी, जिसका चौतरफा विरोध हो रहा था।
खासकर जब केंद्र सरकार और डब्ल्यूएचओ स्पष्ट कर चुके है कि अखबार या न्यूजपेपर से कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं है।
मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांनी आज खासगी रुग्णालये आणि क्लिनिक लवकरात लवकर सुरू करण्यासाठी मुंबई महानगरपालिका आयोजित व्हिडिओ कॉन्फरन्समध्ये खासगी रुग्णालये, वैद्यकीय संघटना व डॉक्टरांसोबत संवाद साधला.यावेळी त्यांनी खासगी दवाखान्यांना शासनाचे सहकार्य करण्याचे आश्वासन दिले.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 18, 2020
With regards to reports about the media, clarity on some unnecessary confusion is needed. Both Print & Electronic media are allowed to operate at the basic operational number of staff in these times of fighting corona virus.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 18, 2020
उद्धव ठाकरे ने अखबार वितरण पर बदला फैसला,दी सफाई
उद्धव ठाकरे ने जब यह फैसला लिया कि महाराष्ट्र में अखबार वितरण पर रोक लगाई जा रही है तो हर कोई उनके फैसले से हतप्रभ था।
चूंकि WHO, डॉक्टरों, विशेषज्ञों और केंद्र के सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी इस बात को स्पष्ट किया था कि अखबारों से कोरोना संक्रमण का कोई खतरा नहीं है और यह हर लिहाज से सुरक्षित है।
जब उद्धव ठाकरे सरकार की न्यूजपेपर पर लिए गए फैसले को लेकर आलोचना जोर पकड़ने लगी तो उन्होंने ट्वविटर पर सफाई देते हुए ट्वीट किया कि वह पूरे मन से मीडिया का समर्थन करते है और उन्हें कोरोना का सामना करने के लिए प्रिंट मीडिया के सहयोग की जरूरत (UddhavThackeray government allows Newspaper distribution in Maharashtra)है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि- सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता। इसके लिए वे प्रिंट मीडिया के सहयोग को आवश्यक मानते है।
अखबारों के डोर-टू-डोर डिलीवरी पर प्रतिबंध को लेकर हुई आलोचनाओं पर सीएमओ ने स्पष्ट किया कि अकारण ही भ्रम उत्पन्न हो गया।
स्टॉल्स, दुकानांमध्ये प्रिंट मीडिया वृत्तपत्रे, मासिकांच्या विक्रीस परवानगी आहे. परंतु आम्ही माध्यमांना वृत्तपत्रांचे घरोघर वितरण न करण्याचे आवाहन करतो.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 18, 2020
Media has withstood the test of time, truth can never be stifled. We request it’s cooperation for the same.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 18, 2020
माध्यमांविषयीच्या रिपोर्टच्या संदर्भात काही अनावश्यक गोंधळाविषयी स्पष्टीकरण आवश्यक आहे. कोरोना विरूद्ध लढण्याच्या या काळात प्रिंट आणि इलेक्ट्रॉनिक दोन्ही माध्यमांना किमान कर्मचाऱ्यांच्या संख्येवर काम करण्याची परवानगी आहे. या कठीण प्रसंगात माध्यमांचे प्रचंड सहाय्य मिळाले आहे.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 18, 2020
फड़नवीस ने उद्वव सरकार को घेरा
महाराष्ट्र सरकार के पूर्व फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी उद्धव ठाकरे को घेरते हुए कहा कि केंद्र सरकार 20 अप्रैल से विभिन्न प्रकार के बिजनेस फिर से शुरू करने की छूट दे रही है।
इसी आधार पर उद्धव ठाकरे सरकार ने भी अधिसूचना जारी कर दी कि टीवी, डिजिटल मीडिया व अखबारों को छूट दी जा रही है। लेकिन इस अधिसूचना में शनिवार को गलत तरीके से परिवर्तन किया गया था।
फड़नवीस ने बोला कि सरकार को फेक न्यूज (Fake News) के इस दौर में विश्वसनीय सूचना के माध्यम अखबारों के वितरण पर पांबदी नहीं लगानी चाहिये।
फेक न्यूज को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है और अखबार सबसे कारगर तरीके से यह काम करते हैं।
गौरतलब है कि उद्धव सरकार के पूर्व के निर्णय की महाराष्ट्र यूनियन ऑफ वर्किग जर्नलिस्ट ने आलोचना की थी और उसे मीडिया का दम घोंटने वाला बताया था।
महाराष्ट्र के मंत्रालय एवं विधिमंडल वार्ताहर (पत्रकार) संघ ने कहा है कि जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कह चुका है कि अखबार सुरक्षित हैं तो उनके वितरण पर प्रतिबंध समझ से परे है।
UddhavThackeray government allows Newspaper distribution in Maharashtra
(इनपुट एजेंसी से भी)