![Maharashtra-political-crisis-supreme-court-verdict-can't-restore-MVA-govt-as-Uddhav-Thackeray-resigned-voluntarily-big-relief-for-Eknath-Shinde](/wp-content/uploads/2022/07/Eknath-Shindes-blow-to-Uddhav-Thackeray-plan-to-claim-on-ShivSena-with-12-MPs-meets-PM-Modi-today.webp)
Maharashtra-political-crisis-supreme-court-verdict-can’t-restore-MVA-govt-as-Uddhav-Thackeray-resigned-voluntarily
महाराष्ट्र में सियासी संकट(Maharashtra-political-crisis)पर आज विराम लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।
आज सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court)में उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray)को बड़ा झटका लगा है और एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde)सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत मिली(big-relief-for-Eknath-Shinde)है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार बनी रहेगी और उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी सरकार(MVA Govt)को वापस बहाल नहीं किया जा(Maharashtra-political-crisis-supreme-court-verdict-can’t-restore-MVA-govt-as-Uddhav-Thackeray-resigned-voluntarily)सकता।
सुप्रीम कोर्ट में आज,गुरुवार को शिंदे गुट के 16 विधायकों की विधायकी पर फैसला सुनाया।
इसमें सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि “16 बागी विधायकों की विधायकी पर फैसला समय सीमा के अंतर्गत स्पीकर ले सकते है।
उद्धव ठाकरे ने अगर स्वैच्छिक से इस्तीफा नहीं दिया होता और फ्लोर टेस्ट का सामना किया होता, तो हम उन्हें राहत दे सकते थे।लेकिन उन्होंने अपनी स्वैच्छा से इस्तीफा दिया है।
इसलिए महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार को बहाल नहीं किया जा (Maharashtra-political-crisis-supreme-court-verdict-can’t-restore-MVA-govt-as-Uddhav-Thackeray-resigned-voluntarily)सकता।”
यानि अब महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और भाजपा के गठबंधन की सरकार बनी रहेगी।
इस फैसले के बाद से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde)को बड़ी जीत मिल गई है और अब महाराष्ट्र मे उनकी सरकार बनी रहेगी।
वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता संजय राउत(Sanjay Raut)ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपनी नैतिक जीत करार दिया है।
दरअसल,16 बागी विधायकों में खुद एकनाथ शिंदे भी थे। चूंकि उस समय उद्धव ठाकरे ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे।
राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के फैसले को भी हम तब गलत ठहरा सकते थे, अगर उद्धव ठाकरे ने खुद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा नहीं दिया होता।
अगर वह फ्लोर टेस्ट का सामना करते तो उन्हें राहत दी जा सकती(Maharashtra-political-crisis-supreme-court-verdict-can’t-restore-MVA-govt-as-Uddhav-Thackeray-resigned-voluntarily) थी।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाएं और फटकार लगाई कि वह संवैधानिक पद थे और उद्धव ठाकरे इस्तीफा दे चुके थे तो ऐसे में एकनाथ शिंदे को बुलाकर उनकी सरकार बनाना ठीक नहीं था।
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने शिवसेना के बागी विधायकों की प्रक्रिया में राजनीतिक पक्षपात किया।
कुल मिलाकर कहा जाएं, तो अब शिंदे सरकार महाराष्ट्र में बनी रहेगी।
Maharashtra Crisis:फ्लोर टेस्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना,आज शाम 5 बजे सुनवाई
व्हिप केवल विधायी राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त किया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिंदे के बयान का संज्ञान लेने पर स्पीकर ने व्हिप कौन था, इसकी पहचान करने का काम नहीं किया। उन्हें जांच करनी चाहिए थी।
गोगावाले को मुख्य सचेतक नियुक्त करने का निर्णय अवैध था।
व्हिप केवल विधायी राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त किया जा सकता है। सीजेआई ने कहा कि यह मानना कि चुनाव आयोग को सिंबल के आदेश तय करने से रोक दिया गया, चुनाव आयोग के समक्ष अनिश्चितकाल तक कार्यवाही को रोकने जैसा होगा।
साथ ही स्पीकर के लिए निर्णय लेने का समय अनिश्चित होगा। ईसीआई के पास चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी और नियंत्रण है। इसे लंबे समय तक संवैधानिक कर्तव्य का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता है।
Maharashtra-political-crisis-supreme-court-verdict-can’t-restore-MVA-govt-as-Uddhav-Thackeray-resigned-voluntarily