शायरी – ये किसके इश्क का है रंग… जो मद्धम नहीं होता,
इतनी नज़्में लिखी फिर भी ये किस्सा खत्म नहीं होता...
Ishq ke Rang Shayaris Love Shayris Sayari
ये किसके इश्क का है रंग…
जो मद्धम नहीं होता,
इतनी नज़्में लिखी
फिर भी ये किस्सा खत्म नहीं होता…
शायरी : शाॅपिंग में मशगूल बीवी का सब्र से साथ देना भी, मुहब्बत है गालिब…
शॉपिंग में मशगूल बीवी
का सब्र से साथ देना भी
मोहब्बत है गालिब
ज़रूरी नहीं हर कोई
ताजमहल बनवाता फिरे
मोहब्बत शायरी : कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको…!
कारवाँ ए जिंदगी
हसरतों के सिवा
कुछ भी नहीं
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं
ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..
शायरी : आस एक झूठी ही दे जाओ कि बहला सकूँ उसे, आँगन में शाम तो आयेगी तेरे जाने के बाद भी..!!
शायरी : आस एक झूठी ही दे जाओ कि बहला सकूँ उसे, आँगन में शाम तो आयेगी तेरे जाने के बाद भी..!!
दूरियाँ
तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में ,
कोरोना ने आकर
इल्ज़ाम अपने सर ले लिया ।
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