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पेगासस जासूसी विवाद की गुहार अब सुप्रीम कोर्ट में, स्वतंत्र जांच की मांग

इजराइली स्पाइवेयर पेगासस सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका शीर्ष अदालत के किसी मौजूदा या रिटायर जज से स्वतंत्र जांच कराई जाए

Pegasus controversy now in Supreme Court demand for independent investigation

नई दिल्ली (समयधारा) :  पेगासस जासूसी विवाद की दस्तक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गयी हैl 

वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर करके अनुरोध किया है कि,

इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रतिष्ठित नागरिकों,

नेताओं और पत्रकारों की कथित जासूसी किए जाने संबंधी खबरों की शीर्ष अदालत के किसी मौजूदा या रिटायर जज से स्वतंत्र जांच कराई जाए।

इस याचिका पर आगामी कुछ दिन में सुनवाई हो सकती है।

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याचिका में इस बात की जांच करने का अनुरोध किया गया है कि क्या पेगासस स्पाइवेयर के जरिए

फोन को अवैध तरीके से हैक करके एजेंसियों और संगठनों ने भारत में स्वतंत्र भाषण और असहमति को अभिव्यक्त करने को रोकने का प्रयास किया गया।

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याचिका में केंद्र को यह बताने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि,

क्या सरकार या उसकी किसी एजेंसी ने पेगासस स्पाइवेयर के लिए लाइसेंस प्राप्त किया है

और क्या उन्होंने इसका इस्तेमाल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निगरानी करने के लिए किया है।

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पीटीआई के मुताबिक, याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि दुनिया भर के कई प्रमुख मीडिया संस्थानों की जांच में पत्रकारों, वकीलों, सरकारी मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, संवैधानिक पदाधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत 142 से अधिक भारतीयों को पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए निगरानी के संभावित लक्ष्यों के रूप में पहचाना गया है।

याचिका में दावा किया गया है कि सिक्योरिटी लैब ऑफ एमनेस्टी इंटरनेशनल ने निगरानी के लिए लक्ष्य बनाए गए,

व्यक्तियों के कई मोबाइल फोन के फोरेंसिक विश्लेषण के बाद पेगासस के जरिए सुरक्षा उल्लंघन किए जाने की पुष्टि की है।

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इसमें कहा गया है कि पत्रकारों, चिकित्सकों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सरकार के मंत्रियों

और विपक्षी नेताओं के फोन को हैक करना संविधान के अनुच्छेद 19 (एक) (ए) के तहत भाषण

और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के प्रभावी क्रियान्वयन से गंभीर समझौता है।

इससे पहले, एम एल शर्मा नाम के एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर,

न्यायालय की निगरानी में कथित जासूसी मामले की विशेष जांच दल (SIT) से जांच कराने की मांग की थी।

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