विवादास्पद चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का लोकसभा चुनाव से पूर्व इस्तीफा
लोकसभा चुनाव 2024 की तिथियों का एलान अगले हफ्ते में हो सकता है। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के यकायक इस्तीफे से चुनाव की तारीखें प्रभावित होती है या नहीं।
नई दिल्ली:Election-Commissioner-Arun-Goel-resign-एक समय अपनी नियुक्ति को लेकर सुर्खियों और विवादों में रहे चुनाव आयुक्त अरुण गोयल(Arun Goel) ने अचानक ही शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे(Election-Commissioner-Arun-Goel-resign)दिया।
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपना इस्तीफा(Arun Goel resign)उस समय दिया है जब लोकसभा चुनाव 2024(Lok Sabha Elections 2024)की तिथियों का एलान होने ही वाला है।
अरुण गोयल का चुनाव आयुक्त पद से अचानक इस्तीफा सुर्खियां बन गया है और हर कोई हैरान है कि आखिर गोयल ने लोकसभा चुनाव से महज कुछ समय पहले ही यूं अचानक इस्तीफा क्यों दे(Election-Commissioner-Arun-Goyal-resign-shortly-before-Lok Sabha-elections-2024)दिया।
शनिवार को अरुण गोयल ने अपना इस्तीफा दिया और इसे तुरंत प्रभाव से राष्ट्रपति(President) द्वारा स्वीकार भी कर लिया गया है।
आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग(Election Commission)में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्तो होते है।
एक चुनाव आयुक्त का पद पहले से ही रिक्त है और अब दूसरे चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अचानक अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया(Election-Commissioner-Arun-Goel-resign)है।
ऐसे में चुनाव संचालन की पूरी जिम्मेदारी मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार(Rajiv Kumar)के कंधों पर ही आ गई है।
हालांकि प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 2024 की तिथियों का एलान अगले हफ्ते में हो सकता है।
अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के यकायक इस्तीफे से(Election-Commissioner-Arun-Goel-resign)चुनाव की तारीखें प्रभावित होती है या नहीं।
गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था। कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया जो आज से ही प्रभावित हो गया।
फिलहाल यह पता नहीं चला पाया है कि गोयल ने इस्तीफा क्यों(Election-Commissioner-Arun-Goel-resign) दिया।
फरवरी में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग समिति में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं।
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अरुण गोयल की नियुक्ति प्रक्रिया रही विवादास्पद
गोयल की निर्वाचन आयोग में नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की ओर से दखिल जनहित याचिका में कहा गया था कि अरुण गोयल की नियुक्ति कानून के मुताबिक सही नहीं है।
साथ ही यह निर्वाचन आयोग की सांस्थानिक स्वायत्तता का भी उल्लंघन है। इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 14 और 324(2) के साथ साथ निर्वाचन आयोग (आयुक्तों की कार्यप्रणाली और कार्यकारी शक्तियां) एक्ट 1991 का भी उल्लंघन है।
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गोयल की नियुक्ति के खिलाफ खारिज हुई थी याचिका
जनहित याचिका से पहले एडीआर(ADR) ने निर्वाचन आयुक्तों की मौजूदा नियुक्ति प्रक्रिया की संवैधानिक वैधता को भी सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में चुनौती दी थी।
याचिका के अनुसार, भारत सरकार(Govt)ने गोयल की नियुक्ति की पुष्टि करते हुए कहा था कि चूंकि वह तैयार किए गए पैनल में चार व्यक्तियों में सबसे कम उम्र के थे, इसलिए चुनाव आयोग में उनका कार्यकाल सबसे लंबा होगा।
याचिका में तर्क दिया गया है कि उम्र के आधार पर गोयल की नियुक्ति को सही ठहराने के लिए जानबूझकर एक दोषपूर्ण पैनल बनाया गया था।
हालांकि याचिका को पिछले साल दो न्यायाधीशों की पीठ ने खारिज कर दिया था। साथ ही न्यायधीशों ने कहा था कि एक संविधान पीठ ने इस मुद्दे की जांच की थी।
साथ ही उन्होंने गोयल की नियुक्ति को रद्द करने से इनकार कर दिया था।
(इनपुट एजेंसी से भी)
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