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Joshimath Sinking live news updates in hindi uttarakhand
उत्तराखंड/जोशीमठ (समयधारा) : उत्तराखंड में इस समय हालात काफी ख़राब चल रहे है l
सबसे पहले दरारों (Joshimath Sinking) ने लोगों को परेशान कर रखा था l
और अब मिजाज बिगड़ने से कड़ाके की ठंड और बारिश ने पीड़ितों की चिंता और बढ़ा दी है।
कल रात बारिश ने कई जगहों पर अपना कहर बरपाया जिसके कारण कई दरारें अब और बढ़ गयी है l
जो लोग अभी भी दरारों वाले मकान में रह रहे थे वह भी अब मकान छोड़ सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट हो रहे हैंl
सुबह से ही जोशीमठ में बादल छाए हुए हैं। सामने की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फ गिरने का सिलसिला शुरू हो चुका है,
#WATCH | Uttarakhand: Auli in Chamoli district received heavy snowfall last night. Crisis-hit Joshimath's Sunil ward also received snowfall. pic.twitter.com/4jPVLBOWoG
— ANI (@ANI) January 12, 2023
जिससे इलाके में सर्द हवाएं चल रही हैं। पिछले कुछ दिनों के मुकाबले अधिक ठंडक महसूस की जा रही है।
मौसम के इस बदलते मिजाज ने जोशीमठ के आपदा पीड़ितों की चिंताएं और बढ़ा दी है।
जानकारों का कहना है कि यदि बारिश हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
इससे पहले,
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने बुधवार को जोशीमठ का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने आपदा पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन परिवारों को राहत दिलाना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
सीएम धामी बुधवार रात से ही जोशीमठ में हैं। उन्होंने बीती रात अलग-अलग राहत कैंपों में जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
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इसी संकट को लेकर मुख्यमंत्री आज गुरुवार को एक हाई लेवल बैठक करने वाले हैं।
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मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में चमोली समेत अन्य हिस्सों में बारिश की आशंका जताई है।
जोशीमठ में जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित खतरे वाले इलाकों में घरों के आंगन और कमरों के अलावा आसपास की धरती भी फटी हुई दिख रही है और वहां गहरी दरारें हैं जो कई इंच चौड़ी हैं।
पीड़ितों का कहना है कि जोशीमठ में बारिश से इन दरारों के जरिए धरती के अंदर पानी जाने से समस्या और बढ़ेगी।
पीड़ित देवेंद्र सिंह के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में धरती में जगह-जगह आई दरारों को भरने के प्रयास शुरू किए जा सकते थे, लेकिन वह भी नहीं हो पाया।
रूड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान से जोशीमठ आए विज्ञानियों ने अधिकारियों के सामने यह चिंता भी जताई थी।
नाम नहीं छापने की शर्त पर लोक निर्माण से जुड़़े एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि विशेषज्ञ बारिश से पहले ही इन दरारों को भरने की सलाह दे रहे हैं।
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साथ ही जोखिम वाले भवनों को हटाने के साथ ही जनजीवन की सुरक्षा के लिए इन दरारों और खड्डों को भरना अति आवश्यक बता चुके हैं।
नाम नहीं छापने की शर्त पर लोक निर्माण से जुड़़े एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि विशेषज्ञ बारिश से पहले ही इन दरारों को भरने की सलाह दे रहे हैं।
साथ ही जोखिम वाले भवनों को हटाने के साथ ही जनजीवन की सुरक्षा के लिए इन दरारों और खड्डों को भरना अति आवश्यक बता चुके हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जोशीमठ में भूधंसाव के कारण लटक गए सिर्फ दो होटलों को ही गिराने के आदेश दिए गए हैं।
इसके अलावा रहने के लिए असुरक्षित घोषित अन्य किसी मकान को फिलहाल नहीं तोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जोशीमठ में चिन्हित भू-धंसाव से प्रभावित क्षेत्रों में सभी की सहमति से सिर्फ अभी दो होटल ही तोड़े जाएंगे।
राहत एवं पुनर्वास के लिए यहां पर कमेटी बना दी गई है। सभी नाम उसमें सम्मिलित कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने भी जोशीमठ में पत्रकारों को बताया, ‘
Joshimath Sinking live news updates in hindi uttarakhand
‘मैं एक बात साफ करना चाहता हूं कि जोशीमठ में भूधंसाव के कारण लटक गए केवल दो होटलों को ही अब तक गिराने का आदेश है।
क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बन गए हैं। इसके अलावा अभी किसी भी भवन को नहीं तोड़ा जा रहा है।’
यह पूछे जाने पर कि होटलों को तोड़ने की कार्रवाई कब शुरू होगी,
अधिकारी ने कोई समय सीमा नहीं दी लेकिन कहा कि उन्होंने हितधारकों से एक बार फिर बातचीत की है जो सकारात्मक वातावरण में हुई है।
सरकार द्वारा पीड़ितों का पूरा ध्यान रखे जाने की बात दोहराते हुए सुंदरम ने कहा कि भूधंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
असुरक्षित भवनों से लोगों का सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रभावित परिवार को तात्कालिक तौर पर 1.5 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है।
इसमें 50 हजार रुपये मकान बदलने तथा एक लाख रुपये आपदा राहत मद से अग्रिम धनराशि के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है जो बाद में समायोजित किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि जो लोग किराए के मकानों में जाना चाहते है, उन्हें छह महीने तक चार हजार रुपये प्रतिमाह राशि दी जाएगी।
इससे पहले उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ बैठक में कहा कि भूधंसाव से प्रभावित लोगों को बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा।
यह मुआवजा बाजार दर पीड़ितों के सुझाव लेकर जनहित में तय की जाएगी।
जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को भूधंसाव से प्रभावित के रूप में चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आई हैं।
सुरक्षा के दृष्टिगत बुधवार तक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है।
(इनपुट एजेंसी से)