Pollution: सु्प्रीम आदेश-दिल्ली-एनसीआर में जारी रहेगा GRAP-4,अगली सुनवाई 5 दिसंबर
आपको बता देें कि आज सुप्रीम कोर्ट में ग्रैप-4 के चलते निर्माण कार्यों पर बैन के कारण बेकार बैठे निर्माण मजदूरों को भत्ता देने के मामले को लेकर सुनवाई हुई,जिसमें दिल्ली-एनसीआर के राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने भत्ता न देने को लेकर फटकार लगाई है।
Pollution-Supreme Court continue GRAP-4 in Delhi-NCR- हर साल की तरह इस वर्ष भी वायु प्रदूषण(Air Pollution)का जहर दिल्ली-एनसीआर के निवासियों की सांसों का गला घोंट रहा है।
इस मुद्दे पर आज,2 दिस्ंबर,सोमवार को सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए ग्रैप-4 जारी रखने का आदेश दिया (Pollution-Supreme Court continue GRAP-4 in Delhi-NCR)है।
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली-एनसीआऱ में वायु प्रदूषण(Delhi/NCR air pollution)और ग्रैप-4 के मुद्दे पर अगली सुनवाई 5 दिसंबर को(GRAP-4 in Delhi-NCR, next hearing on Dec 5)करेगा।
पांच दिसंबर को प्रदूषण ग्रस्त राज्यों के मुख्य सचिवों वीडियो कॉल के जरिए को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया है।
आपको बता देें कि आज सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में ग्रैप-4 के चलते निर्माण कार्यों पर बैन के कारण बेकार बैठे निर्माण मजदूरों को भत्ता देने के मामले को लेकर सुनवाई हुई,जिसमें दिल्ली-एनसीआर(Delhi/NCR) के राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने भत्ता न देने को लेकर फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 के नियमों को जारी रखने का आदेश दिया(Pollution-Supreme Court continue GRAP-4 in Delhi-NCR)है और प्रदूषण स्तर के सुधार तक इसकी निगरानी करने को कहा है।
आज हुई सुनवाई में कोर्ट कमिश्नर मनन वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भेल के वरिष्ठ अधिकारी के निर्माणाधीन घर के बारे में रिपोर्ट तैयार करने के दौरान उनको धमकियां दी गईं।
तब सुप्रीम कोर्ट ने ASG को कहा है कि पुलिस ने क्या FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की है।
कोर्ट कमिश्नर ने कहा कि डीपीसीसी हमारी मदद कर रही है, लेकिन सीमित कार्रवाई कर रही है। पॉश कॉलोनियों में अवैध निर्माण के बारे में उन्होंने कहा कि 500 वर्गमीटर से कम के प्लॉट पर उनका अधिकार क्षेत्र नहीं है।
एमसीडी(MCD)का है। कोई समन्वय नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हां, शायद ही कोई क्रियान्वयन हो।
SC ने CAQM को कहा कि हमें ये चिंता है कि 27 नवंबर को AQI 303 आया, लेकिन 28,29,30 नवंबर को AQI फिर से बढ़ गया।
CAQM की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि ये ट्रेंड जनवरी तक चलता रहेगा।
जस्टिस ओक ने कहा कि आज हम किसी भी मौजूदा ढील की अनुमति नहीं देंगे। जब तक आप हमें नीचे की ओर रुझान नहीं दिखाते, हम ऐसा कैसे कर सकते हैं? CAQM ने कहा कि ग्रैप 4 पॉलिसी मैटर नहीं है।
ये इमरजेंसी उपाय है।
मनन वर्मा ने अपनी रिपोर्ट की तफसील कोर्ट को बताई। मेदांता और अपोलो जैसे अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भी आशंका जताई है कि मौजूद स्थिति से जल्दी ही दिल्ली वालों के फेफड़े खराब(Delhi air pollution) होने की महामारी से ग्रस्त हो जाएंगे।
पुलिस वालों(Delhi Police)के बारे में मनन वर्मा ने कहा कि हरियाणा में तो ट्रकों की बेरोकटोक आवाजाही की सूचना जब स्थानीय एसएचओ को दी गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई निर्देश नहीं आया है।
वो हमसे ही बहस करने लगे। झड़ौदा कलां में तो टीम ने खेतों में पराली जलती हुई भी देखी। पुलिस से पूछा कि किसका खेत है तो पुलिस को इसकी भी कोई जानकारी नहीं थी।
जस्टिस ओक ने पूछा कि कितने अधिकारी दिल्ली के एंट्री पॉइंट्स पर तैनात किए गए हैं?
दिल्ली सरकार (Delhi Govt) के वकील शादान फरासत ने कहा कि हमने ट्रांसपोर्ट और रेवेन्यू विभाग के अधिकारी लगा रखे हैं पर सटीक संख्या नहीं बता सकते।
हमारे पास उनके ड्यूटी चार्ट है! कोर्ट ने कहा कि उनका कोई सुपरवाइजर है? कौन सुपरवाइज कर रहा है?
कोर्ट ने पूछा की वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग क्या कर रहा है? याचिकाकर्ता के वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि ग्रैप 4 लगाने के बावजूद उसके बुनियादी उपायों को नजर अंदाज किया गया(Pollution-Supreme Court continue GRAP-4 in Delhi-NCR)है। उन पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है।
दिल्ली/NCR(Delhi/NCR Grap-4) में ग्रैप- 4 के चलते कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर रोक के चलते बेकार बैठे कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को भत्ता देने के मामले के लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सहित NCR के राज्यों को फटकार लगाई।
कोर्ट के आदेश के बावजूद किसी राज्य ने कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को भत्ता नहीं दिया है।
कोर्ट ने दिल्ली और NCR राज्यों में मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई के दौरान गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित रहने का निर्देश दिया(Pollution-Supreme Court continue GRAP-4 in Delhi-NCR)है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा अनुभव है कि जब हम टॉप अफसरों को बुलाते हैं तो बॉल रोल होना शुरू होती है।
कोर्ट ने कहा कि NCR राज्यों के चीफ सेकेट्ररी 5 दिसंबर को VC के जरिए पेश हों।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि कम से कम एक राज्य यह दिखाएगा कि उसने काफी संख्या में मजदूरों को भुगतान किया है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
मुख्य सचिवों को गुरुवार को दोपहर 3 बजे पेश होना है। राज्य हलफनामा दाखिल कर सकते हैं, लेकिन हम यह स्पष्ट करते हैं कि हम दोषी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई कर सकते हैं।
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Pollution-Supreme Court continue GRAP-4 in Delhi-NCR
(इनपुट एजेंसी से भी)