ख़राब वित्तीय हालात से पकिस्तान के बदले सुर, कश्मीर पर यह क्या कह दिया…!
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के सुर बदल गए

pakistan pm shehbaz sharif new statement about india kashmir
नयी दिल्ली (समयधारा) : जब खाने के लाले पड़े हो या फिर देश के आर्थिक हालात श्रीलंका जैसे होने को हो जाएँ ऐसे में लोगों को बदलना होता है l
इसी कड़ी में पडोसी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के सुर बदल गए हैं।
उन्होंने कहा है कि हम बातचीत के जरिए इंडिया के साथ स्थायी शांति चाहते हैं।
इसकी वजह यह है कि कश्मीर मसले (Kashmir Issue) के समाधान के लिए दोनों में से किसी देश के लिए युद्ध विकल्प नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया है।
द न्यूज इंटरनेशनल न्यूजपेपर की खबर के मुताबिक, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में शरीफ ने यह भी कहा कि
इस इलाके में स्थायी शांति यूएन प्रस्ताव के अनुसार कश्मीर मसले के समाधान से जुड़ी है।
उन्होंने कहा कि हम इंडिया के साथ बातचीत के जरिए स्थायी शांति चाहते हैं।
कश्मीर मसले को लेकर लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बहुत खराब रहे हैं।
पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता आ रहा है। pakistan pm shehbaz sharif new statement about india kashmir
करीब तीन साल पहले इंडिया के जम्मू-कश्मीर का स्पेशल दर्जा खत्म कर देने के बाद दोनों के रिश्तों में और तल्खी आई है।
इंडिया ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों में बांट दिया।
पाकिस्तान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई। उसने राजनयिक संबंधों का स्तर घटा दिया। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उसने इंडिया की खूब आलोचना की।
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इंडिया लगातार पाकिस्तान को यह बताता रहा है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा इंडिया का अभिन्न हिस्सा रहा है और आगे भी रहेगा।
इंडिया ने कहा है कि पाकिस्तान से उसके रिश्ते सामान्य तभी हो सकते हैं, जब पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद कर देगा।
इंडिया लगातार पाकिस्तान को यह बताता रहा है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा इंडिया का अभिन्न हिस्सा रहा है और आगे भी रहेगा।
इंडिया ने कहा है कि पाकिस्तान से उसके रिश्ते सामान्य तभी हो सकते हैं, जब पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद कर देगा।
पाकिस्तन की वित्तीय स्थिति काफी खराब हालत में है। उसके विदेशी मुद्रा भंडार में बहुत कम पैसा बचा है।
पाकिस्तान में मुद्रास्फीति की दर आसमान छू रही है। पाकिस्तान सरकार आईएमएफ से आर्थिक मदद मांग रही है।