MSME में रिटेल और होलसेल व्यापार को लाना एक ऐतिहासिक फैसला
फुटकर एवं थोक व्यापार को MSME के तहत लाने के फैसले के कारण, रिटेल और होलसेल व्यापारियों को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में कर्ज उपलब्ध हो सकेगा
includes retail wholesale trade in msme big decision of modi government
नई दिल्ली (समयधारा) : देश भर में कोरोना की मार झेल रहे फुटकर एवं थोक व्यापार (Retail and wholesale trade) को
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (Micro, Small and Medium Enterprises(MSME) के तहत लाने से इस सेक्टर को काफी रहत मिलेगी l
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट कर कहा -फुटकर एवं थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (Micro, Small and Medium Enterprises(MSME) के तहत लाने के फैसले को शनिवार को ऐतिहासिक बताया और कहा कि उनकी सरकार इस वर्ग को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
Our government has taken a landmark step of including retail and wholesale trade as MSME. This will help crores of our traders get easier finance, various other benefits and also help boost their business.
We are committed to empowering our traders. https://t.co/FTdmFpaOaU
— Narendra Modi (@narendramodi) July 3, 2021
इस क्षेत्र को तुरंत फंडिंग की बहुत जरुरत थी l फुटकर एवं थोक व्यापार को MSME के तहत लाने के फैसले के कारण,
रिटेल और होलसेल व्यापारियों को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में कर्ज उपलब्ध हो सकेगा।
includes retail wholesale trade in msme big decision of modi government
शुक्रवार को केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने फुटकर और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने की घोषणा की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था
कोविड के दूसरे वेव के कारण आई दिक़्क़तों से खुदरा और थोक व्यापारियों पर पड़े असर को ध्यान में रखते हुए अब इसे MSME के दायरे में लाने का फ़ैसला किया गया है।प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के अंतर्गत इस सेक्टर को लाकर आर्थिक सहायता पहुँचाने की कोशिश की जा रही है।
अब खुदरा और थोक व्यापारी भी उद्यम रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे, 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री
जी के नेतृत्व में हम MSME को देश के इकोनॉमिक ग्रोथ का इंजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कोविड के दूसरे वेव के कारण आई दिक़्क़तों से खुदरा और थोक व्यापारियों पर पड़े असर को ध्यान में रखते हुए अब इसे MSME के दायरे में लाने का फ़ैसला किया गया है।प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के अंतर्गत इस सेक्टर को लाकर आर्थिक सहायता पहुँचाने की कोशिश की जा रही है। #MSMEGrowthEngineOfIndia
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 2, 2021
इससे ये क्षेत्र भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India(RBI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत कर्ज प्राप्त कर सकेंगे।
includes retail wholesale trade in msme big decision of modi government
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस फैसले ने 250 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले छोटे फुटकर एवं थोक विक्रेताओं पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा
और उन्हें आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं के तहत तत्काल कर्ज मिल सकेगा।
खुदरा एवं व्यापार संघों ने भी इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि
इससे कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित कारोबारियों को पूंजी मिल सकेगी, जिसकी उन्हें बहुत जरूरत है।