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 नई दिल्ली (समयधारा) : विश्वभर में इस समय कोरोना का कहर जारी है l 
 लगभग हर व्यक्ति अपनी सेहत को लेकर या तो डरा हुआ है l या वह काफी सजग हो गया है l 
  हो भी क्यों न विश्वभर में कोरोना ने करीब-करीब 6 लाख लोगों की जान ले ली है l 
 भारत में दिन ब दिन कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है l 
 कोरोना के मामलें हुए 9 लाख के पार,दिल्ली-मुंबई सभी और कोरोना का कोहराम
 अच्छी सेहत के लिए ऐसे तो बहुत सी चीजें जरुरी हैl पर इनमे पानी का एक महत्वपूर्ण स्थान है l   
  लगभग हर किसी ने रोज ढेर सारा पानी पिने की सलाह दी है l  
 करीब-करीब 3 से 5 लीटर पानी तो रोज पीना ही चाहियें l health-alert do-you-drink-plastic-bottle-water
 पर  क्या आपको पता है कि जो व्यक्ति एक दिन में एक लीटर बोतल बंद पानी पीता है,
  वह प्रतिवर्ष प्लास्टिक के दस हजार तक सूक्ष्म कण ग्रहण करता है।
 भारत सहित दुनिया के विभिन्न देशों में बोतल बंद पेयजल बनाने वाली कंपनियों के लगभग 150 अरब डॉलर के वार्षिक व्यापार के बावजूद,
 इनमें प्लास्टिक के सूक्ष्म कण और मनुष्य के लिए अन्य हानिकारण तत्व मौजूद रहते हैं।
 पिछले दिनों अमेरिका की एक गैर लाभकारी संस्था ओर्ब मीडिया की रपट में खुलासा हुआ है कि 
 इसमें पॉलीप्रोपिलीन, नायलॉन और पॉलीथिलीन टेरेफ्थेलेट जैसे तत्व मौजूद रहते हैं।
 शोध में बताया गया कि जो व्यक्ति एक दिन में एक लीटर बोतल बंद पानी पीता है वह प्रतिवर्ष प्लास्टिक के दस हजार तक सूक्ष्म कण ग्रहण करता है।
 शोध के दौरान 93 फीसदी नमूनों में प्लास्टिक पाई गई। 
 बाजार में 147 अरब डॉलर प्रति वर्ष के व्यापार के साथ यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला पेय उत्पाद उद्योग है।
 शोधकर्ता अभी तक हालांकि मानव शरीर पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभावों के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं।
 पांच महाद्वीपों में भारत, ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, केन्या, लेबनान, मेक्सिको, थाईलैंड और अमेरिका से 19 स्थानों से नमूने एकत्र किए गए।
 बोतल बंद पानी में प्लास्टिक के अदृश्य कणों को देखने के लिए शोध दल ने विशेष डाई और नीली रोशनी का उपयोग किया।
 शोध में 100 माइक्रोंस और 6.5 माइक्रोंस के आकार के दूषित कणों की पहचान हुई।
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