COVID-19 deaths and infection more in men than women
नई दिल्ली:कोरोनावायरस ने न देश देखा, न विदेश, न जाति देखी, न धर्म और न ही उम्र। हर किसी को इस जानलेवा महामारी ने अपनी गिरफ्त में लिया है।
लेकिन एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है, जिससे पता चलता है कि ये बहरूपिया कोरोनावायरस महिला और पुरुष के बीच जरूर फर्क कर रहा है।
जी हां, सुनकर आप भी चौंक जाएंगे लेकिन हालिया रिसर्च से इस बात की पु्ष्टि हुई है कि कोरोनावायरस महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा संक्रमित कर रहा है और इससे पुरुषों की मौतें COVID-19 से ज्यादा हो रही है और महिलाओं की कम।
COVID-19 deaths and infection more in men than women
बात चाहें विश्व भर में कोरोना संक्रमण (Corona infection) की हो या फिर कोरोनावायरस से होने वाली मौतों की (Coronavirus deaths), दोनों ही स्थितियों में यह वायरस पुरुषों के लिए ज्यादा घातक बना हुआ है।
कोरोना संंक्रमण के मामले में महिलाएं पुरुषों से पीछे रह गई है।
रिसर्चर ने जब इस बात पर अपनी स्टडी तैयार करनी शुरू की तो पाया कि कोरोना महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम संक्रमित कर रहा है और उनकी मौतें भी कम हो रही है। इसके पीछे की वजह भी दिलचस्प बताई जा रही है।
जैसाकि आप जानते ही है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) आपका न फैमिली स्टेट्स देखता, न आपका धर्म और न ही आपकी जाति।
ब्रिटिश रॉयल फैमिली हो या फिर भारत में चाय,सब्जी या फलों का ठेला लगाने वाले…सभी को कोरोनावायरस ने एक ही लकड़ी में हांका है और संक्रमित किया है।
सेलेब्रिटी हो या आम आदमी, जवान हो या बूढ़ा…कोरोनावायरस किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रहा। सभी को अपने संक्रमण में लेता जा रहा है।
लेकिन अब संभवत: इस कोरोनावायरस ने महिला-पुरुष के मध्य भेदभाव शुरू कर दिया है।
COVID-19 deaths and infection more in men than women
आखिर पुरुषों को क्यों ज्यादा संक्रमित कर रहा है कोरोना?Why men more infected from COVID-19 then women
किसी से भेदभाव नहीं करने वाला कोरोनावायरस आखिर महिला-पुरुष के बीच क्यों फर्क कर रहा है। इस सवाल का जवाब जब विशेषज्ञों ने तलाशा तो सबसे पहले कोरोना संक्रमण से ग्रस्त और मरने वाले के आंकड़ों पर नजर डाली गई।
इन आकंड़ों के अनुसार ही पता चला कि कोरोनावायरस लिंग भेद तो कर ही रहा (Coronavirus making gender differences) है।
COVID-19 deaths and infection more in men than women
जैसेकि- भारत में कोरोना संक्रमण से होने वाली ज्यादातर मौतें पुरूषों की है न कि महिलाओं की। भारत में 80 फीसदी पुरुषों की कोरोना से मौत हुई जबकि केवल 20 फीसदी महिलाओं की कोरोना से मौत हुई है।
वायरस का यह नेचर सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर के आंकड़ों में देखने को मिल रहा है। इटली में COVID-19 से मरने वाले 68 फीसदी पुरुष 32 फीसदी महिलाएं हैं।
अमेरिका में 62 फीसदी पुरुष और 48 फीसदी महिलाएं हैं और चीन में 64 फीसदी पुरुष 36 फीसदी महिलाएं हैं।
स्पेन में 63 फीसदी पुरुष 37 फीसदी महिलाएं हैं और पाकिस्तान में भी भारत की ही तरह कोरोना से मरने वाले 80 फीसदी पुरुष हैं, जबकि 20 फीसदी महिलाएं है।
इतना ही नहीं, जर्मनी में भी 63 फीसदी पुरुष और 37 फीसदी महिलाओं की कोरोना से मौत हुई हैं।
एक अन्य स्टडी के मुताबिक विश्वभर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में तकरीबन 58 फीसदी मर्द हैं और 42 फीसदी औरतें हैं।
अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कोरोनावायरस महिला-पुरूष में ऐसा भेद कर क्यों रहा है। एक ओर मर्दों के लिए काल का ग्रास बना हुआ है तो दूसरी ओर महिलाओं पर यह बेअसर दिख रहा है। भला क्यों?
कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा रखने वाली रिसर्चरों की टीम इसका कारण जानने में लगी है। लेकिन यूरोपियन हार्ट जर्नल की एक स्टडी के अनुसार,
उन्होंने 11 देशों के हजारों लोगों पर एक रिसर्च की, जिसमें महिला और पुरुष दोनों मरीज शामिल थे।
इस रिसर्च में पाया गया कि पुरुष महिलाओं की तुलना में कोरोना से ज्यादा संक्रमित इसलिए हो रहे है चूंकि उनके खून में एसीई-2 प्रोटीन काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है।
जबकि महिलाओं में इसकी मात्रा काफी कम होती है।
असल में कोरोनावायरस एसीई-2 यानी एंजियोटेंसिन कंवर्टिग एंजाइम-2 के द्वारा ही हम्यूमन सेल में घुसता है।यह प्रोटीन दिल, किडनी फेफड़ों और आंतों के अतिरिक्त पुरुषों के अंडकोष में भी काफी मात्रा में पाया जाता है।
बस इसी कारण महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कोरोनावायरस(Coronavirus)ज्यादा हो रहा है। दूसरी ओर, महिलाओं के शरीर में पुरुषों की तुलना में इस एसीई-2 प्रोटीन (ACE-2 Protein) की काफी कम मात्रा पाई जाती है।
क्या करता है एसीई-2 प्रोटीनWhat does ACE-2 Protein
एक हेल्दी इंसान की बॉडी में एसीई-2 प्रोटीन (Angiotensin-Converting Enzyme 2)का काम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना होता है।
किसी भी वायरस से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम(Immune system) के जींस एक्स क्रोमोजोन पर ज्यादा पाए जाते हैं और इस मामले में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा लकी होती है चूंकि उनका इम्यूनिटी सिस्टम पुरुषों की तुलना में ज्यादा अच्छा होता है।
महिलाओं की इम्यूनिटी पॉवर पुरुषों की तुलना में इसलिए अच्छी होती है चूंकि उनमें दो एक्स क्रोमोजोन होते हैं जबकि पुरुषों में सिर्फ एक।
अगर देखा जाएं तो यह पुरुषवादी समाज है और शायद इस बात को कोरोनावायरस ने भी समझ लिया है। तभी तो कोरोना भी अपने संक्रमण में महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा तरजीह दे रहा है।
वैसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फिलिप गोल्डर के अनुसार, महिलाओं की इम्यूनिटी पावर (Immunity power) ज्यादा अच्छी होती है, जिससे उनका शरीर किसी भी तरह के वायरस से लड़ने में ज्यादा ताकतवर होता है।
हो सकता है इस स्टडी को पढ़ने के बाद अब कम से कम भारतीय पुरुष ईश्वर से कहें कि अगले जन्म उन्हें बिटियां ही कीजो…
(इनपुट एजेंसी से भी)