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Netaji Subash Chandra bose Jayanti: देश मना रहा है नेताजी की 129वीं जयंती-पराक्रम दिवस

उल्लेखनीय है कि सरकार ने देश की जनता विशेषकर युवाओं को प्रेरणा देने के लिए, हर साल 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया था

Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti 129th birth anniversary Parakram diwas

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती: 23 जनवरी 2025

 

आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 129वीं जयंती(Netaji Subhash Chandra Bose129th birth anniversary) है।

देशभर में नेताजी के बलिदान और संघर्ष को नमन करते हुए कार्यक्रम आयोजित हो रहे है।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने देश की जनता विशेषकर युवाओं को प्रेरणा देने के लिए, हर साल 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया था 

आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस(Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti) का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था।

ब्रिटिश सेना के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ते हुए सुभाष चंद्र बोस(Subhas Chandra Bose) नेताजी ने युवाओं की हिंद सेना बनाकर आव्हान किया था कि ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’।

राष्ट्रपति (President of India ) द्रोपदी मुर्मू ने ट्विटर पर पोस्ट कर कहा  

मैं स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेन्द्र साय को उनकी जयंती पर हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। उन्होंने विदेशी शासन के विरुद्ध आजीवन संघर्ष करके असीम वीरता, साहस और बलिदान का उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके संघर्ष और समर्पण को देशवासी सदैव याद रखेंगे।

प्रधान मंत्री मोदी ने x पर पोस्ट कर कहा

आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अद्वितीय है। वह साहस और धैर्य का प्रतीक थे। उनका दृष्टिकोण हमें प्रेरित करता रहता है क्योंकि हम उस भारत के निर्माण की दिशा में काम करते हैं जिसकी उन्होंने कल्पना की थी।

Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti 129th birth anniversary Parakram diwas

गृहमंत्री अमित शाह ने x पर पोस्ट कर कहा 

स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी की जयंती पर उनका स्मरण कर उन्हें नमन करता हूँ और समस्त देशवासियों को ‘पराक्रम दिवस’ की शुभकामनाएँ देता हूँ। नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और निर्भीकता के प्रतिबिंब थे। आजाद हिन्द फौज का गठन कर सशस्त्र संघर्ष से अंग्रेजी साम्राज्य की नींव हिलाने वाले नेता जी स्वाधीनता सेनानियों के लिए आदर्श बने। उनका जीवन देशभक्ति, बलिदान और प्रेरणा का अमिट प्रतीक बनकर सदैव स्मरणीय रहेगा।

आइये जानते है भारत के महान सपूत महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस l 

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, नेता और संघर्षशील व्यक्तित्व सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को मनाई जाती है। 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक जिले में जन्मे नेताजी का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अविस्मरणीय है। उनका जीवन भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में संघर्ष, बलिदान और दृढ़ नायकत्व का प्रतीक बना। आज भी उनके योगदान को याद करते हुए देशवासियों को प्रेरणा मिलती है। इस लेख में हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर उनके जीवन, कार्यों और संघर्ष की महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा करेंगे, और यह समझेंगे कि क्यों उनकी जयंती आज भी भारत में बड़े सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है।

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस का प्रारंभिक जीवन

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक, उड़ीसा में हुआ। उनका जन्म एक बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जनक चंद्र बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था। सुभाष चंद्र बोस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कटक के रेविन्यू स्कूल से प्राप्त की, बाद में उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। बचपन से ही वे तेज-तर्रार और विचारशील थे, और हमेशा दूसरों से आगे रहने की कोशिश करते थे।

कक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के बाद, वे ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए। उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान ही यह तय कर लिया था कि उनका जीवन देश की स्वतंत्रता की ओर समर्पित रहेगा।

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नेताजी का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रवेश

सुभाष चंद्र बोस ने अपनी युवा अवस्था में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़कर देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना शुरू किया। उन्होंने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस की नीतियों और संघर्षों को समर्थन दिया। 1921 में, बोस ने महात्मा गांधी के असहमति के बावजूद अपनी राजनीति की शुरुआत की थी और कांग्रेस में सक्रिय भूमिका निभाई।

वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उन नेताओं में से थे जो न केवल ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे, बल्कि उन्होंने कांग्रेस की नीतियों में बदलाव के लिए भी कई बार आवाज उठाई। उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन को एक नई दिशा देने की कोशिश की, जहां वे क्रांतिकारी तरीके से अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करने के पक्षधर थे।

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नेताजी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संघर्ष

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गांधीजी के नेतृत्व के बावजूद अपने विचारों को हमेशा प्रमुख माना। उन्होंने कांग्रेस की राजनीति में एक स्पष्ट रूप से अलग दिशा की आवश्यकता महसूस की। बोस का मानना था कि केवल अहिंसा से ब्रिटिश शासन को नहीं उखाड़ा जा सकता। उनका मानना था कि भारतीयों को स्वतंत्रता के लिए बलिदान देना होगा और इसके लिए उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष की आवश्यकता है।

आज़ाद हिंद फौज का गठन

सुभाष चंद्र बोस ने अपने जीवन के सबसे बड़े योगदानों में से एक, “आजाद हिंद फौज” (Indian National Army) का गठन किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने के लिए 1942 में जापान और अन्य देशों से सहयोग प्राप्त किया। उनका लक्ष्य ब्रिटिश साम्राज्य को भारत से बाहर करना था, और इसके लिए उन्होंने एक सशस्त्र बल का गठन किया।

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नेताजी ने सिंगापुर में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को फिर से जीवित किया और भारतीयों को ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष के लिए प्रेरित किया। आज़ाद हिंद फौज ने भारतीय सैनिकों को एकजुट किया और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ा। यह फौज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम हिस्सा बनी।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भाषण और प्रेरणा

नेताजी का सबसे प्रसिद्ध भाषण “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” था, जो उन्होंने 1941 में भारतीय जनता को संबोधित करते हुए दिया था। यह उनका आत्मविश्वास और साहस दर्शाता है, और इसने भारतीयों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ उठ खड़ा होने के लिए प्रेरित किया। उनका यह भाषण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।

नेताजी का जीवन एक ऐसी प्रेरणा है, जो यह सिखाता है कि स्वतंत्रता के लिए संघर्ष केवल हिंसा या अहिंसा के द्वारा नहीं, बल्कि दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास से होता है। उनका मानना था कि जब तक किसी राष्ट्र की जनता अपने आत्मगौरव को नहीं समझेगी, तब तक उस देश को स्वतंत्रता नहीं मिल सकती।

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस का निधन और उनका रहस्यमय अंत

नेताजी का निधन एक रहस्य बना हुआ है। 1945 में, ताइवान में एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत की खबर आई, लेकिन उनके शरीर के बारे में कभी कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला। यह घटना अब तक अनसुलझा रहस्य है और इस पर कई तरह की अफवाहें और सिद्धांत सामने आए हैं। इसके बावजूद, उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता और उनका नाम भारतीय इतिहास में हमेशा अमर रहेगा।

23 जनवरी – नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती

23 जनवरी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को देशभर में सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन को याद करते हुए हम उनके बलिदान, संघर्ष और समर्पण को सलाम करते हैं। यह दिन हमें यह सिखाता है कि देश की स्वतंत्रता के लिए हमें हर तरह के कष्टों और बलिदानों को सहना होगा।

नेताजी का जीवन और उनके सिद्धांत आज भी भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। उनकी जयंती पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें उनके योगदान और विचारों को सम्मानित किया जाता है। इस दिन कई स्थानों पर उनकी मूर्तियों का पूजन, रैलियां, और सेमिनार्स आयोजित होते हैं।

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नेताजी की धरोहर

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अतुलनीय है। उनका साहस, संघर्ष और दृढ़ नायकत्व आज भी हमारे दिलों में जीवित है। उन्होंने हमें यह सिखाया कि अपने देश की स्वतंत्रता के लिए हमें किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटना चाहिए। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें यह विश्वास दिलाता है कि जब तक हम अपने देश के लिए सच्चे समर्पण के साथ संघर्ष नहीं करेंगे, तब तक हम अपनी स्वतंत्रता को हासिल नहीं कर सकते।

निष्कर्ष

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। उनका साहसिक नेतृत्व और दृढ़ संकल्प आज भी हमारे दिलों में जीवित है। उनकी जयंती हमें यह याद दिलाती है कि हमे अपने देश की स्वतंत्रता और भलाई के लिए हमेशा संघर्ष करना चाहिए। 23 जनवरी का दिन न केवल उनकी जयंती है, बल्कि यह उन महान बलिदानों का प्रतीक है जिन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपनी जान की आहुति दी। नेताजी की जयंती पर हमें उनके विचारों और संघर्षों से प्रेरणा लेकर देश की सेवा में अपना योगदान देना चाहिए।

Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti 129th birth anniversary Parakram diwas

इससे पहले 2021 में 

 23 जनवरी 2021 को देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 129वीं जयंती (Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti 129th birth anniversary Parakram diwas)मना रहा है

और इस अवसर को केंद्र सरकार भी ‘पराक्रम दिवस'(Parakram Diwas) के रूप में मना रही है।

Netaji Subash Chandra bose Jayanti: आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 129वीं जयंती

बंगाल चुनावों से पहले आज नेताजी की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी(PM Modi visit Kolkata) कोलकाता पहुंच रहे है।

यहां मोदी(PM Modi) नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 129वीं जयंती के रूप में मनाएं जा रहे पराक्रम दिवस के विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत (Modi celebrate Netaji Jayanti as Parakram diwas)करेंगे।

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Mamta Banerjee) भी नेताजी की जयंती(Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti) पर आयोजित अन्य कार्यक्रमों में भाग लेकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगी।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में 6 किलोमीटर लंबे मार्च की अगुवाई करेंगी, जो श्याम बाजार से रेड रोड तक जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी विक्टोरिया मेमोरियल में सुभाष चंद्र बोस पर एक स्थायी प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे।

हालांकि पीएम मोदी कोलकाता आने से पहले असम जाएंगे। असम में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। इसलिए यह दौरा भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। ऐसे में नेताजी के जन्मदिन पर सियासत भी जोरों पर है।

नेताजी की जयंती के कार्यक्रमों को लेकर सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी लड़ाई जारी है।

प्रधानमंत्री मोदी कोलकाता पहुंचने के बाद नेताजी भवन का दौरा करेंगे।

तकरीबन 3.45 बजे वह नेशनल लाइब्रेरी में कलाकारों के साथ संवाद करेंगे।

इसके बाद वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 129वीं जयंती (Netaji Subash Chandra bose 129th birth anniversary-as Parakram diwas)के अवसर पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में पराक्रम दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। 

देश के प्रति नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अदम्य भावना और निस्वार्थ सेवा का सम्मान करने और उन्हें याद करने के लिए सरकार ने देश की जनता विशेषकर युवाओं को प्रेरणा देने के लिए, हर साल 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 129वीं जयंती पर पीएम मोदी सहित इन हस्तियों ने किया नमन:

Netaji Subhash Chandra bose 129th birth anniversary-PM Modi-Celebs pay tribute:

 

Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti 129th birth anniversary Parakram diwas

 

https://twitter.com/ombirlakota/status/1352799567083839490?s=20

 

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