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Navaratri Maha Navami-इस शुभ मुहूर्त में करें महानवमी की पूजा

महानवमीं के दिन भक्तजन मां सिद्धिदात्री(maa-siddhidatri)का पूजन और व्रत रखते है।इस वर्ष महानवमी का व्रत-पूजन गुरुवार,14अक्टूबर मनाया जाएगा। मां दुर्गों के नौ स्वरूपों में नौवां रूप मां सिद्धिदात्री का है। इनके स्वरूप का पूजन-व्रत रखने से सभी कार्य सिद्ध होते है।

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नयी दिल्ली (समयधारा) :  शारदीय नवरात्रि 2022 (Shardiya Navratri 2022) में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अराधना विधिवत की जाती है।

यूं तो दुर्गा माता(Durga Mata) के नौ रूपों का नवरात्रि(Navratri) में महत्व है, 

लेकिन सर्वाधिक महत्व अष्टमी(Ashtami 2022) और नवमी(Navami-2022) नवरात्रि का होता है।

जहां अष्टमी जिसे महाअष्टमी(Maha Ashtami) भी कहते है,में दुर्गा माता के महागौरी रूप की पूजा की जाती है,

तो वहीं नवमी यानि महानवमी(Maha Navami) पर मां सिद्धिदात्री की पूजा विधिवत की जाती है।

भक्तजन नवरात्रि में व्रत-पूजा करके माता के नौं रूपों की कृपा प्राप्त करते है और कष्टमुक्त होते है।

हिंदू पुराणों के मुताबिक, नवरात्रि में अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है।

कन्या पूजन(Kanya Pujan) से मातारानी आपके जीवन पर कृपा बरसाती है। सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करती है।

कल हमने आपको बताया है कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि (Navratri 2022) अष्टमी का विशेष महत्व व पूजा और अब हम आपको बताएँगे नवमी कब है और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि क्या(Shardiy-Navami-2022-kab-hai-kanya-puja-time-vidhi) है।

नवमी 2022 कब है-कन्या पूजन का क्या है समय ?-Navami-2022-kab-hai-kanya-puja-time

शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 3 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ हो रही है।

इसका समापन 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर होगा।

उदयातिथि के अनुसार नवरात्रि की नवमी 4 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी।

 

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नवरात्रि 2022 व्रत पारण का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, नवरात्रि व्रत पारण का समय इस बार 04 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट के बाद होगा।

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कन्या पूजन की विधि-Kanya-puja-vidhi

 

-कन्या भोजन से पहले कन्याओं को आमंत्रित कर उनका स्वागत करें,

-उनके पैर धोएं, उनका श्रृंगार करें और उसके बाद उन्हें भोजन करवाएं।

-भोजन में मिष्ठान और फल शामिल करना न भूलें।

-इसके बाद उन्हें यथायोग्य उपहार देकर उनके घर तक पहुंचाएं।

किसी भी वर्ण, जाति और धर्म की कन्या को आप कन्या पूजन के लिए आमंत्रित कर सकती हैं।

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कन्या पूजन के लिए कितनी कंचकाओं को आमंत्रित करें

-अगर आप सामर्थ्यवान हैं, तो नौ से ज्यादा या नौ के गुणात्मक क्रम में भी जैसे 18, 27 या 36 कन्याओं को भी आमंत्रित कर सकती हैं।

यदि कन्या के भाई की उम्र 10 साल से कम है तो उसे भी आप कन्या के साथ आमंत्रित कर सकती हैं।

यदि गरीब परिवार की कन्याओं को आमंत्रित कर उनका सम्मान करेंगे, तो इस शक्ति पूजा का महत्व और भी बढ़ जाएगा।

यदि सामर्थ्यवान हैं, तो किसी भी निर्धनकन्या की शिक्षा और स्वास्थ्य की यथायोग्य जिम्मेदारी वहन करने का संकल्प लें।

 

 

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